KK Pathak: केके पाठक के जाते ही शिक्षा विभाग ने बदल दी एक और चीज, इन अधिकारियों को सौंपा ये काम; पढ़ें डिटेल
बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के पूर्व मुख्य अपर सचिव केके पाठक (KK Pathak) के जाते ही शिक्षा विभाग में एक और बदलाव देखने को मिला है। स्कूलों की जांच प्रक्रिया भी अब बदल दी गई है। दरअसल निरीक्षी पदाधिकारियों को स्कूलों में नामांकन भी बढ़ाना है। गैर नामांकित बच्चों के लिए पोषक क्षेत्र में जाकर अभिभावक से मिलेंगे। उन्हें प्रेरित करेंगे कि वे बच्चे का नामांकन कराएं।
HighLights
- डीईओ ने बीईओ के साथ तैनात अन्य स्कूल निरीक्षकों के साथ की बैठक
- स्कूल जांच का बदला पैटर्न, नामांकन और छात्र उपस्थिति की होगी जांच
- डीईओ ने बीईओ को दिए गुणात्मक शिक्षा को प्रभावी बनाने के टिप्स
संवाद सहयोगी, बेतिया। बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के जाते ही कई चीजें बदलने लगी हैं। अब गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के लिए विभाग का पैटर्न बदलने लगा है। इसके लिए डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने मंगलवार को देर शाम तक बीईओ के साथ तैनात अन्य स्कूल निरीक्षकों के साथ बैठक की।
बैठक में नए पैटर्न से शुरू निरीक्षण अभियान को लेकर बीईओ व अन्य को दिए गुणात्मक शिक्षा प्रभावी बनाने के लिए डीईओ के द्वारा अनेक टिप्स दिए। प्रवीण ने कहा कि सारी कवायद का उद्देश्य प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था को बुनियादी गुणवत्ता के साथ प्रभावी बनाना है।
अब स्कूल की उपलब्धि, जरूरत और धरातलीय स्थिति का आंकलन होगा
Bihar News अबकी बार के निरीक्षण अभियान को ले जारी तीन पन्ने के निरीक्षण प्रपत्र प्रारूप का विश्लेषण करते हुए डीईओ ने बताया कि अब इसी के आधार पर एक-एक स्कूल की उपलब्धि, जरूरत और धरातलीय स्थिति का आंकलन होगा।
स्कूल में उपलब्ध संसाधन, नामांकन, वर्ग वार उपस्थिति के साथ पठन-पाठन व्यवस्था का विस्तार से आंकलन उपलब्ध प्रपत्र को विस्तार पूर्वक भरने के साथ ही पूरा हो जाएगा।
स्कूल निरीक्षकगण स्कूल जांच के बदले पैटर्न की जानकारी देते हुए बताया गया कि अब अनुश्रवण के लिए उपलब्ध चार खंड वाले प्रपत्र में कुल 30 बिंदु निर्धारित हैं।
पहले खंड में स्कूल में उपलब्ध सुविधा संसाधन का कुल बीस बिंदुओं पर लिखित आंकलन प्रस्तुत करना है। दूसरे खंड में नौ बिंदुओं पर विद्यार्थियों की और तीसरे खंड में भी निर्धारित नौ-नौ बिंदुओं पर शिक्षक-शिक्षिकाओं की स्थिति और उपस्थिति का आंकलन करना है।
जांच स्कूलों के निरीक्षी पदाधिकारियों को तीन पन्ने का प्रपत्र मिलेगा
इसी प्रकार चौथा खंड पोषक क्षेत्र के गैर नामांकित और नामांकन के बावजूद नियमित स्कूल नहीं आ रहे विद्यार्थियों की पड़ताल के बाद स्कूल निरीक्षक को ऐसे बच्चों के अभिभावक से मिलकर प्रेरित करने को कहा गया है।
इस निरीक्षण प्रशिक्षण बैठक में समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह और लेखा योजना की डीपीओ अलका सहाय तथा डीपीएम आदि की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।
तीन पन्ने के निरीक्षण प्रपत्र पर होगी जांच
स्कूलों के निरीक्षी पदाधिकारियों को तीन पन्ने का प्रपत्र मिलेगा। उसी प्रपत्र के आधार पर जांच करना है।
प्रपत्र में दिए गए सवालों के जवाब निरीक्षी पदाधिकारी भौतिक सत्यापन के बाद देंगे। प्रपत्र जमा होने के बाद उसके अनुरूप कार्रवाई होगी।
प्रपत्र के अनुसार, स्कूल में उपलब्ध संसाधन, नामांकन, वर्गवार उपस्थिति के साथ पठन-पाठन व्यवस्था का विस्तार से आंकलन किया जाना है।
अब निरीक्षी पदाधिकारी अभिभावकों से मिलेंगे
स्कूलों में छात्र उपस्थिति बढ़ाने की भी जिम्मेदारी निरीक्षी पदाधिकारियों को दी गई है। छात्र अगर स्कूल नहीं आ रहे हैं तो निरीक्षी पदाधिकारी उनके अभिभावकों से मिलेंगे, छात्रों के स्कूल नहीं आने का कारण जानेंगे। फिर अभिभावक को प्रेरित करेंगे कि वे बच्चे को स्कूल भेजें।
निरीक्षी पदाधिकारियों को स्कूलों में नामांकन भी बढ़ाना है। गैर नामांकित बच्चों के लिए पोषक क्षेत्र में जाकर अभिभावक से मिलेंगे। उन्हें प्रेरित करेंगे कि वे बच्चे का नामांकन कराएं।
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