छह हजार करोड़ रुपये का कर्ज डुबा चुका है जेट एयरवेज, जानिए किस बैंक को लगा सबसे ज्यादा चूना

जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल को उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। कभी प्रमुख घरेलू एयरलाइन कही जाने वाली जेट एयरवेज में कई तरह की वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई है जिसमें एयरलाइन के मालिक की भूमिका दिखाई दे रही है। बतौर चेयरमैन गोयल ने ऐसे कई पेमेंट किए जिसपर सवाल खड़ा हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 02 Sep 2023 10:19 PM (IST) Updated:Sat, 02 Sep 2023 10:19 PM (IST)
छह हजार करोड़ रुपये का कर्ज डुबा चुका है जेट एयरवेज, जानिए किस बैंक को लगा सबसे ज्यादा चूना
बतौर चेयरमैन गोयल ने ना सिर्फ खुद ही कई तरह के वित्तीय भुगतान किये हैं जिनको लेकर सवाल पैदा हुआ

नई दिल्ली, जेएनएन: जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल की गिरफ्तारी जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही किया है। कभी घरेलू एयरलाइन की सिरमौर माने जाने वाली कंपनी जेट एयरवेज में कई तरह की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं और इसमें गोयल की भूमिका भी सीधे तौर पर दिखाई देती है।

बतौर चेयरमैन गोयल ने ना सिर्फ खुद ही कई तरह के वित्तीय भुगतान किये हैं जिनको लेकर सवाल पैदा हुआ है बल्कि उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी कंपनी के खाते से भुगतान हो।

प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष जेट एयरवेज के पूर्व सीएफओ अमित अग्रवाल ने स्वीकार किया है कि कुछ संदेहास्पद सलाहकार व प्रोफेशनल कंपनियो को भुगतान चेयरमैन गोयल के निर्देश व स्वीकृति के बाद ही किया गया है। कई भुगतान इन कंपनियों को सीधे तौर पर गोयल के निर्देश पर किया गया और इसमें जेट एयरवेज के वित्त विभाग को कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी।

ईडी ने कहा है कि जेट एयरलाइन के चेयरमैन नरेश गोयल और उनके परिवार के सदस्यों के ऊपर बैंक लोन निधि से 1,000 करोड़ रुपये व्यक्तिगत रूप से खर्च किए गए। जबकि, एयरलाइन ने टैक्स हेवेन में कुछ राशि डायवर्ट की।

टैक्स हेवन उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है या बिल्कुल कर नहीं लगता। ईडी ने गोयल को अपने मुंबई कार्यालय ले जाने के बाद शुक्रवार देर रात हिरासत में ले लिया था।

किस बैंक के डूबे कितने रुपये?

जेट एयरवेज में तीन निजी और छह सरकारी क्षेत्र के बैंकों का कुल 5,951.46 करोड़ रुपये डूब चुका है। सबसे ज्यादा चूना एसबीआई को 1636.23 करोड़ रुपये का लगा है। यस बैंक को 1084.44 करोड़ रुपये, पीएनबी को 956.11 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक क 594.43 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 543.61 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का 529.05 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 266.12 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 171.74 करोड़ रुपये और सिडिकेट बैंक को 169.73 करोड़ रुपये डूब चुके हैं।

इन बैंकों ने उक्त कर्ज की राशि को एनपीए घोषित कर दिया है। इस बात का खुलासा एसबीआई की तरफ से करवाये गये फोरेंसिक आडिट से हुआ है। आडिट ई एंड वाई कंपनी ने की है। 74 वर्षीय नरेश गोयल के खिलाफ 5 मार्च, 2023 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

गोयल पर क्या है मुख्य आरोप?

उन पर एक प्रमुख आरोप यह है कि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2017-18 के बीच विभिन्न एजेंसियों व कंपनियों को प्रोफेशनल व कंसलटेंसी खर्चे के तौर पर जो 1152.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है वह गोयल के निर्देश पर किया गया है और इस भुगतान का रिकार्ड नहीं रखा गया है।

जेट एयरवेज के आडिटर ने इन भुगतानों को लेकर पहले ही संदेह जताया हुआ था। यह भी पता चला है कि नरेश गोयल के पर्सनल स्टाफ के मद में, फोन व वाहनों के खर्चे आदि के नाम पर काफी बड़ी राशि खर्च की गई है। इस बारे में एक प्रोफेशनल कंपनी के मानदंडों को ताक पर रखा गया है।

आडिट रिपोर्ट से यह बात भी सामने आई है कि नरेश गोयल की पत्नी अनिता गोयल को भी 9.46 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उनकी बेटी और बेटे को भी अलग से भुगतान किया गया है।

 

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