डिफेंस सेक्टर का ये स्टॉक मचा रहा धूम, एक महीने में दे चुका है 60 प्रतिशत का मुनाफा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार डिफेंस एक्सपोर्ट को लेकर काफी गंभीर है। उन्होंने कहा कि हम अगले पांच वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50000 करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इस पर डिफेंस सेक्टर के सभी ज्यादातर स्टॉक ने उछाल के साथ अपनी प्रतिक्रिया दी। एक शेयर में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट भी लगा।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Publish:Sat, 15 Jun 2024 12:37 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jun 2024 12:37 PM (IST)
डिफेंस सेक्टर का ये स्टॉक मचा रहा धूम, एक महीने में दे चुका है 60 प्रतिशत का मुनाफा
पिछले पांच दिनों में भी पारस डिफेंस से निवेशकों को 27 फीसदी का रिटर्न मिला है।

HighLights

  • पारस डिफेंस के शेयर (Paras Defence Share price) में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा।
  • यह शुक्रवार के ट्रेड में 1,157.25 रुपये पर बंद हुआ, जो इसका 52 हफ्तों का उच्च स्तर भी है।
  • पारस डिफेंस ने एक साल में 109.19 फीसदी और पिछले 1 महीने में 60 फीसदी का मुनाफा दिया है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (14 जून) को डिफेंस सेक्टर (Defence Sector) के स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। डिफेंस टेक्नोलॉजी से जुड़े लगभग सभी शेयर हरे निशान में बंद हुए।

लेकिन, सबसे अधिक फायदा हुआ पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को। पारस डिफेंस के शेयर (Paras Defence Share price) में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा। यह शुक्रवार के ट्रेड में 1,157.25 रुपये पर बंद हुआ, जो इसका 52 हफ्तों का उच्च स्तर भी है।

अगर रिटर्न की बात करें, तो यह मल्टीबैगर स्टॉक निकला। इसने एक साल में 109.19 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले सिर्फ 1 महीने में इसने निवेशकों को 60 फीसदी से अधिक का मुनाफा दिया है। पिछले पांच दिनों में भी इससे निवेशकों को 27 फीसदी का रिटर्न मिला है।

क्या करती है पारस डिफेंस?

पारस डिफेंस मुख्य रूप से डिफेंस और स्पेस इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। यह उनकी डिजाइन, डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग में लगी हुई है। मार्च 2024 तक प्रमोटरों के पास कंपनी में 58.94 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। ब्रोकरेज भी पारस डिफेंस को लेकर काफी बुलिश हैं।

फोर्ब्स के मुताबिक, पारस डिफेंस के प्रमुख ग्राहकों में फिलहाल डीआरडीओ, इसरो, डिफेंस शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा ग्रुप शामिल हैं।

नई टेक्नोलॉजी पर दांव

पिछले कुछ साल में पारस डिफेंस ने अपने कारोबार का ढांचा काफी हद तक बदला है। कंपनी पहले आईपीओ लाकर शेयर बाजार में लिस्ट हुई। फिर इसने नए क्षेत्रों में प्रवेश करके और सात नई सहायक कंपनियों की स्थापना की। कंपनी अब अपने ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) और ड्रोन रोधी प्रणालियों पर गंभीर दांव लगा रही है।

इंडस्ट्री बॉडी फिक्की और कंसल्टेंसी फर्म ईवाई की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत का ड्रोन मार्केट 2030 तक 23 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे भारत दुनिया का ड्रोन हब बन जाएगा। भारतीय रक्षा सेवाओं के भी ड्रोन पर बहुत अधिक निर्भर रहने की उम्मीद है।

डिफेंस सेक्टर में क्यों आई तेजी?

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस सेक्टर को लेकर सरकार की योजनाओं का खुलासा किया, जिस पर बाजार ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

किन शेयरों में कितना उछाल?

पारस डिफेंस में 20.0 फीसदी का अपर सर्किट लगा। वहीं, मजगांव डॉक 16.9 प्रतिशत, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी 10.4 प्रतिशत, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स 9.2 प्रतिशत और DCX Systems में 9.1 प्रतिशत का उछाल नजर आया। कोचीन शिपयार्ड, जेन टेक्नोलॉजीज और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे चर्चित डिफेंस स्टॉक भी अच्छी खासी बढ़त के साथ बंद हुए।

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