30 दिन में पैसे डबल करने वाले शेयर को नहीं मिल रहे खरीदार, दो दिन से लग रहा लोअर सर्किट

रतनइंडिया पावर से निवेशकों का मोहभंग होता दिख रहा है और मुनफावसूली की कोशिश में है। यही वजह है कि पिछले दो कारोबारी सत्रों से रतनइंडिया पावर के शेयरों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा और इसमें लोअर सर्किट लग रहा है। सोमवार (10 जून) को भी रतनइंडिया पावर के शेयर 5 फीसदी की गिरावट के साथ 17.10 रुपये पर बंद हुए।

By Jagran NewsEdited By: Suneel Kumar
Updated: Mon, 10 Jun 2024 02:58 PM (IST)
30 दिन में पैसे डबल करने वाले शेयर को नहीं मिल रहे खरीदार, दो दिन से लग रहा लोअर सर्किट
रतनइंडिया पावर से निवेशकों का मोहभंग होता दिख रहा है।

HighLights

  1. रतनइंडिया ने पहले चरण की वोटिंग के अगले 30 में 100 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया।
  2. सोमवार (10 जून) को रतनइंडिया के शेयर 5 फीसदी की गिरावट के साथ 17.10 रुपये पर बंद हुए।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में से रतनइंडिया पावर ने (RattanIndia Power) लोकसभा चुनाव होने के अगले तीस दिनों में निवेशकों को 100 फीसदी का रिटर्न देकर मालामाल कर दिया। 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हुई, तब रतनइंडिया पावर का शेयर प्राइस 9.20 रुपये था, जो अगले 30 दिनों में 18 रुपये के पार पहुंच गया।

मुनाफावसूली कर रहे निवेशक!

लेकिन, अब रतनइंडिया पावर से निवेशकों का मोहभंग होता दिख रहा है और मुनफावसूली की कोशिश में है। यही वजह है कि पिछले दो कारोबारी सत्रों से रतनइंडिया पावर के शेयरों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा और इसमें लोअर सर्किट लग रहा है। सोमवार (10 जून) को भी 5 फीसदी की गिरावट के साथ 17.10 रुपये पर बंद हुए।

रतनइंडिया पावर के स्टॉक में गिरावट का सिलसिला लोकसभा चुनाव के रिजल्ट वाले दिन यानी 4 जून को शुरू हुआ। उस दिन यह 21.10 रुपये पर पहुंच गया था, जो इसका एक साल सबसे उच्च स्तर रहा है। वहां से रतनइंडिया पावर में 10 फीसदी से अधिक का करेक्शन हो चुका है और यह अब 17 रुपये तक आ गया है।

पिछले 1 महीने में रतनइंडिया ने 52 फीसदी का रिटर्न दिया। वहीं, बीते 6 महीने में निवेशकों को कंपनी से करीब 80 का मुनाफा हुआ है।

क्या करती है रतनइंडिया पावर?

रतनइंडिया पावर लिमिटेड देश के पावर सेक्टर की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में से एक है। इसकी नींव 2007 में राजीव रतन ने रखी थी। कंपनी मुख्य काम कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स को चलाना और उनका रखरखाव करना है। यह अमरावती और नासिक में स्थित अपने थर्मल पावर प्लांट से करीब 2,700 मेगावाट बिजली पैदा करती है। इनसे लाखों घर रोशन होते हैं।

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