सेक्शन 89(1) के तहत सैलरी एरियर्स के लिए टैक्स छूट की गणना कैसे करें, जानें क्या है इसे क्लेम करने का तरीका
यदि चालू वित्त वर्ष में आपको एरियर के रूप में कोई बड़ी राशि मिलती है तो इसका आपकी ग्रॉस सैलरी पर सीधा असर होगा। जिससे आपकी कर देनदारी में बढ़ोतरी हो सकती है। इस वजह से आपको उच्च आयकर स्लैब में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
नई दिल्ली, अर्चित गुप्ता। एक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में आपको कुछ एरियर्स या अग्रिम राशि मिल सकती है, जो उस साल कर के दायरे में हो सकती है। इसमें सैलरी एरियर्स, अग्रिम वेतन, पारिवारिक पेंशन एरियर्स, कम्यूटेड पेंशन, रोजगार की समाप्ति पर कोई मुआवजा, और ग्रेच्युटी (ग्रेच्युटी हिस्सा जो धारा 10 के तहत छूट के दायरे में नहीं है) समेत अन्य शामिल हो सकते हैं।।
यदि चालू वर्ष में आपको कोई ऐसी राशि मिलती है तो इसका ग्रॉस सैलरी पर सीधा असर होगा, जिसकी वजह से कर देनदारी में व्यापक रूप से बढ़ोतरी हो सकती है। इस वजह से आपको उच्च आयकर स्लैब में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसलिए आयकर अधिनियम धारा 89(1) के तहत राहत का प्रावधान किया गया है, ताकि सैलरी एरियर्स मिलने के बाद उत्पन्न होने वाली कर देनदारी के प्रभाव को कम किया जा सके। हालांकि धारा 89(1) के तहत ऐसी राहत का दावा किया जा सकता है, यदि ऐसे एरियर्स को प्राप्त करने के बाद भुगतान किया जाने वाला कर अधिक हो। अगर कोई अतिरिक्त टैक्स देनदारी नहीं बनती है, तो राहत नहीं मिलेगी।
धारा 89(1) के तहत सैलरी एरियर राहत का दावा
एक उदाहरण के जरिए धारा 89(1) के तहत सैलरी एरियर्स से राहत की गणना करने की प्रक्रिया को समझते हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 में विनोद (गैर-वरिष्ठ नागरिक) की शुद्ध कर योग्य आय 12,00,000 रुपये है। उन्हें वित्त वर्ष 2012-13 से 3,00,000 रुपये का सैलरी एरियर्स प्राप्त हुआ, और वित्त वर्ष 2012-13 में उनकी शुद्ध कर योग्य आय 8,00,000 रुपये (एरियर्स सहित) थी। (यह सभी छूट और कटौतियों का दावा करने के बाद कुल आय कर योग्य आय है।) ऐसे में धारा 89(1) के तहत राहत की गणना के लिए, वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2012-13 के लिए कर देनदारी का पता कैसे लगाएं।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर देनदारी
स्टेप -1: एरियर्स या एरियर सहित वेतन की गणना करें
कुल कर योग्य आय: रुपये 12,00,000 + रुपये 3,00,000 = रुपये 15,00,000
आयकर: रुपये 2,62,500
सेस: रुपये 10,500
कुल कर देनदारी = रुपये 2,73,000
स्टेप-2 : एरियर या एरियर्स के बिना सैलरी की गणना करें
कुल आय: रुपये 12,00,000
आयकर : रुपये 1,72,500
सेस: रुपये 6,900
कुल कर देनदारी = रुपये 1,79,400
स्टेप-3: स्टेप-1 और स्टेप-2 में कर के बीच का फर्क
रुपये 2,73,000 - रुपये 1,79,400 = रुपये 93,600
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कर देनदारी
स्टेप-4: एरियर या सैलरी एरियर्स समेत वेतन की गणना
कुल आय: रुपये 8,00,000
आयकर: रुपये 90,000
एजुकेशन सेस: रुपये 2,700
कुल कर देनदारी: रुपये 92,700
स्टेप-5: एरियर या सैलरी एरियर्स के बिना वेतन की गणना
कुल आय: रुपये 5,00,000
आयकर: रुपये 30,000
एजुकेशन सेस: रुपये 900
कुल कर देनदारी: रुपये 30,900
स्टेप-6: स्टेप-4 और स्टेप-5 के बीच कर का फर्क
रुपये 92,700 - रुपये 30,900 = रुपये 61,800
स्टेप-7: सेक्शन 89(1) के तहत राहत
स्टेप-3 माइनस स्टेप-6
93,600-61,800 = रुपये 31,800
स्टेप-8: कर देनदारी
स्टेप-1 पर कर देनदारी माइनस सेक्शन 89(1) के तहत मिली राहत
रुपये 2,73,000 - रुपये 31,800
= रुपये 2,41,200
सेक्शन 89(1) के तहत छूट को कैसे क्लेम करें
सेक्शन 89(1) के तहत राहत का दावा करने के लिए आपको फॉर्म संख्या 10ई को जमा करने की आवश्यकता होगी। फॉर्म संख्या 10ई की ऑनलाइन फाइलिंग अनिवार्य है। आपको मूल रूप से किसी विशेष वित्तीय वर्ष में प्राप्त अपनी आय का ब्योरा देना होगा, जिसमें एरियर्स या अग्रिम आदि शामिल हो।
फॉर्म संख्या 10ई को टैक्स रिटर्न भरने से पहले भरा जाना जरूरी है। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आप सैलरी एरियर्स के लिए संलग्नक-1 को चुनें।
(अर्चित गुप्ता क्लियर टैक्स के संस्थापक और सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)