केंद्र ने 86,912 करोड़ रुपये का GST मुआवजा जारी किया, एजी सर्टिफिकेट न जमा करने वाले राज्यों को नहीं मिला लाभ
GST compensation to States केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि जीएसटी कानून में राज्य सरकारों की ओर से एजी ऑथेंटिकेटेड सर्टिफिकेट जमा करना एक अनिवार्य प्रोसेस है। इसका पालन सभी राज्यों को करना होता है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कुछ राज्यों को मिलने वाले जीएसटी मुआवजा में एजी ऑथेंटिकेटेड सर्टिफिकेट न होने के कारण देरी की गई है और केरल ने तो 2017-18 से इस प्रकार का एक भी सर्टिफिकेट भेजा है।
इसके साथ वित्त मंत्री की ओर से बताया गया कि सभी राज्यों को 31 मई, 2022 तक 86,912 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा दे दिया गया है। आगे कहा कि कानून के मुताबकि, जीएसटी परिषद ही ये तय करती है कि किसे मुआवजा जारी किया जाएगा कि नहीं। इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है।
पहले से तय है प्रोसेस
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी कानून के नियमों के अनुसार केंद्र को राज्य सरकारें एजी ऑथेंटिकेटेड सर्टिफिकेट देती है और यह अनिवार्य प्रोसेस है। अगर एजी सर्टिफिकेट में देरी होती है, तो यह अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार के बीच का मसला है। उन्हें इसे सुलझना है।
उन्होंने आगे कहा कि केरल की ओर इराशा करते हुए कहा कि दक्षिण के एक राज्य की ओर से जीएसटी लागू होने के बाद से एजी सर्टिफिकेट नहीं भेजे गए हैं। केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन (जिन्होंने ने जीएसटी मुआवजे को लेकर सवाल पूछा था) को कहा कि राज्य सरकार से बातचीत करें और एजी सर्टिफिकेट एक बार में भेजने का अनुरोध करें।
आपने एक साल से भी (एजी सर्टिफिकेट) नहीं भेजा है और आप हम पर आरोप लगाते रहते हैं कि हम आपको समय पर पैसा नहीं दे रहे हैं। इसके विपरीत टैक्स डिवॉल्यूशन के मामले में वित्त आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सभी राज्यों को एक की जगह दो किश्तें दी गई हैं। केरल को भी इससे फायदा हुआ।
तमिलनाडु को जारी किया गया जीएसटी मुआवजा
आगे उन्होंने कहा कि 2017-18 के लिए तमिलनाडु से एजी सर्टिफिकेट प्राप्त हो गए हैं और राशि जारी कर दी गई है। तमिलनाडु के लिए 2020-21 के लिए एजी का ऑथेंटिकेटेड आंकड़ा लगभग 4,223 करोड़ रुपये है, भले ही कुछ विवाद हैं, लेकिन इसे मंजूरी दे दी जाएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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