जिंदगी भर की यादें लेकर विदा हुए राहुल द्रविड़, जाते-जाते बताई रोहित बिग्रेड की सबसे बड़ी ताकत जिसके दम पर जीता वर्ल्ड कप

टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल टी20 वर्ल्ड कप-2024 के बाद खत्म हो गया। टीम इंडिया ने उन्हें विजयी विदाई दी। भारत उनके कोच रहते हुए टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने में सफल रहा। राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह शानदार यादों के साथ विदाई ले रहे हैं। उन्होंने रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया की जमकर तारीफ की।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Publish:Sun, 30 Jun 2024 09:46 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 09:46 PM (IST)
जिंदगी भर की यादें लेकर विदा हुए राहुल द्रविड़, जाते-जाते बताई रोहित बिग्रेड की सबसे बड़ी ताकत जिसके दम पर जीता वर्ल्ड कप
राहुल द्रविड़ का कार्यकाल टीम इंडिया के साथ खत्म हो गया

HighLights

  • टीम इंडिया के साथ खत्म हुआ राहुल द्रविड़ का कार्यकाल
  • राहुल द्रविड़ ने जातेृ-जाते बताई टीम इंडिया की ताकत
  • भारत ने 17 साल बाद जीता टी20 वर्ल्ड कप

 विशेष संवाददाता, जागरण ब्रिजटाउन : आम तौर पर शांतचित्त रहने वाले राहुल द्रविड़ टी20 विश्व कप जीतने के बाद बच्चों की तरह उछलते नजर आए और खिलाड़ी के रूप में जो ट्रॉफी नहीं जीत सके, उसे कोच के तौर पर दिलाने के लिए उन्होंने अपनी टीम को धन्यवाद दिया।

रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने रोमांचक फाइनल में साउथ अफ्रीका को सात रन से हराकर आईसीसी खिताब के लिए 11 साल का इंतजार खत्म किया।

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मेरे पास शब्द नहीं

द्रविड़ ने जीत के बाद कहा, 'पिछले कुछ घंटों में मेरे पास शब्द नहीं है। मुझे इस टीम पर गर्व है, जिस तरह से कठिन परिस्थितियों में टीम ने संघर्ष किया।' उन्होंने कहा, 'पहले छह ओवर में तीन विकेट गंवाने के बाद इस तरह की जीत दर्ज करना बताता है कि यह टीम जुझारूपन छोड़ने वाली नहीं है। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं इतना खुशकिस्मत नहीं रहा कि विश्व कप जीत सकूं। मैंने खेलने के दिनों में अपनी ओर से पूरी कोशिश की लेकिन खेल में यह सब होता है।'

2007 पर कहा ये

द्रविड़ के लिए यह जीत एक तरह से भार मुक्ति की तरह भी रही जिनकी कप्तानी में 2007 वनडे विश्व कप में टीम पहले दौर में बाहर हो गई थी। द्रविड़ ने हालांकि कहा कि वह इस तरह के शब्दों में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, 'पहली बात तो यह कि यह कोई भार मुक्ति नहीं है। मैं इस तरह की बातें नहीं सोचता। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो खिताब नहीं जीत सके। मैं खुशकिस्मत हूं कि कोच बना और यह टीम मिली जिसने यह संभव कर दिखाया कि मैं ट्राफी जीतकर उसका जश्न मना सकूं।'

उन्होंने कहा, 'अच्छा लग रहा है लेकिन मैं भार से मुक्त होने का लक्ष्य लेकर नहीं आया था। मैं अपना काम कर रहा हूं जिससे मुझे प्यार है। मुझे रोहित और इस टीम के साथ काम करके अच्छा लगा। यह सफर अच्छा रहा जिसका मैंने पूरा मजा लिया।'

द्रविड़ का भारत के कोच के रूप में कार्यकाल भी खत्म हो गया। उन्होंने कहा, 'इस तरह के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहना अद्भुत था। यह जिंदगी भर ही यादें हैं। मैं टीम और सहयोगी स्टाफ को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।'

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