2 पाकिस्तानियों ने बनाई क्रिकेट की दुनिया की सबसे अनोखी डिवाइस

पाकिस्तान के दो इंजीनियरों की बनाई गई डिवाइस को मान्यता मिल जाती है तो यह क्रिकेट की दुनिया में अहम बदलाव आ जाएगा।

By Bharat SinghEdited By: Publish:Wed, 01 Feb 2017 12:07 PM (IST) Updated:Wed, 01 Feb 2017 03:02 PM (IST)
2 पाकिस्तानियों ने बनाई क्रिकेट की दुनिया की सबसे अनोखी डिवाइस
2 पाकिस्तानियों ने बनाई क्रिकेट की दुनिया की सबसे अनोखी डिवाइस

नई दिल्ली, जेएनएन। सज्जनों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के समान स्पिनरों की भी अहम भूमिका होती है। हालांकि, कई स्पिनरों पर लगने वाले चकिंग के आरोपों से खिलाड़ियों के जेंटल होने पर सवाल उठते रहते हैं। हालांकि, अब चकिंग की समस्याओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान के दो इंजीनियर आगे आए हैं और उन्होंने इसकी जांच के लिए खास डिवाइस बनाई है।

अभी तक चकिंग के एक्शन की जांच करने और उसे पकड़ने में काफी समय लगता रहा है। ये नतीजे आने तक उस मैच का परिणाम भी प्रभावित हो चुका होता है। ऐसे में बॉल चकिंग के ऐक्शन को पकड़ने के लिए पाकिस्तान के दो इंजीनियर्स की डिवाइस काफी मददगार साबित हो सकती है। इस डिवाइस से तुरंत ही यह पता लगाया जा सकेगा कि कोई स्पिनर चकिंग कर रहा है या नहीं। इस डिवाइस को उन्होंने क्रिक फ्लेक्स का नाम दिया है।

खेल वेबसाइट क्रिकइंफो की एक खबर के मुताबिक, गेंदबाज को अपना बॉलिंग एक्शन चेक करने के लिए इस डिवाइस को अपनी हाथ में पहनना होगा। इसमें एक्शन चेक करने के लिए खास सेंसर्स लगाए गए हैं, जो एक स्मार्टफोन से अटैच होकर गेंदबाज के एक्शन की पूरी जानतारी देते हैं।

इन सेंसर्स से पता तलेगा कि गेंदबाजी के समय स्पिनर की कोहनी कितने डिग्री का कोण बना रही है। यदि उसकी कोहनी 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ रही है, तो यह जानना आसान होगा कि वह चकिंग कर रहा है। क्रिकेट के तय नियमों के अनुसार, 15 डिग्री से ज्यादा कोहनी मुड़ने पर गेंदबाजी नहीं की जा सकती। क्रिक फ्लेक्स को पहनने पर गेंदबाज के एक्शन की सारी जानकारी स्मार्टफोन पर आ जाएगी। क्रिक फ्लेक्स के सीइओ अब्दुल्ला अहमद का कहना है कि कि यह डिवाइस काफी सस्ती और तुरंत परिणाम उपलब्ध कराने वाली है। अभी किसी गेंदबाज की चकिंग अंपायर पकड़ते हैं और फिर उसकी जांच होकर नतीजा सामने आने में काफी समय लगता है।

इसके अलावा बायोमैकेनिक लैब में गेंदबाज के एक्शन की टेस्टिंग भी काफी महंगी भी साबित होती है। लैब रिपोर्ट आने में करीब दो से तीन हफ्ते का समय लगता है, जबकि क्रिक फ्लेक्स तुरंत ही नतीजा दिखा देता है।

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क्रिक फ्लेक्स की कीमत 250 से 300 डॉलर के बीच है। जानकारी के मुताबिक इन इंजिनियर्स ने अपनी इस खास तकनीक का यूएस से पेटेंट भी हासिल कर लिया है, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने तक इसका फायदा व्यापक तौर पर नहीं उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के क्रिकेट क्लबों में इसे प्रयोग के तौर पर अपनाया जा चुका है।

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