Geoffrey Boycott: जिंदगी-मौत से जंग लड़ रहे हैं इंग्लैंड के दिग्गज, 20 साल बाद दोबारा हुए कैंसर के शिकार

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के महान सर ज्योफ्री बॉयकॉट (Geoffrey Boycott) ने खुलासा किया है कि उन्हें दूसरी बार गले के कैंसर हो गया हैं। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ने इसकी जानकारी दी और बताया कि 20 साल पहले वह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को मात दे चुके थे लेकिन एक बार फिर से वह दोबारा कैंसर का शिकार हो गए हैं।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Publish:Wed, 03 Jul 2024 09:40 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 09:40 AM (IST)
Geoffrey Boycott: जिंदगी-मौत से जंग लड़ रहे हैं इंग्लैंड के दिग्गज, 20 साल बाद दोबारा हुए कैंसर के शिकार
Geoffrey Boycott को 20 साल बाद फिर हुआ कैंसर

HighLights

  • इंग्लैंड के महान बल्लेबाज सर ज्योफ्री बॉयकॉट को हुआ कैंसर
  • ज्योफ्री बॉयकॉट को 20 साल बाद दोबारा हुआ कैंसर
  • क्रिकेट जगत उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहा है

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के दिग्गज ज्योफी बॉयकॉट ने ये घोषणा की है कि वह दूसरी बार गले के कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो गए हैं। 83 साल के बॉयकॉट ने बताया कि उनके प्रारंभिक उपचार के 20 साल बाद कैंसर वापस आ गया है और अब वह फिर से सर्जरी कराएंगे। यॉर्कशायर और इंग्लैंड क्रिकेट के दिग्गज बॉयकॉट ने अपने 25 साल के करियर में शानदार 151 फर्स्ट क्लास शतक जड़े। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 108 टेस्ट मैच खेले और 1982 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

Geoffrey Boycott को 20 साल बाद फिर हुआ कैंसर

दरअसल, इंग्लैंड के महान क्रिकेटर र ज्योफ्री बॉयकॉय ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में, मेरा एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन, पीईटी स्कैन और दो बायोप्सी हुई हैं, जिससे ये पुष्टि हुई है कि मुझे गले का कैंसर है और मुझे ऑपरेशन की जरूरत होगी। पिछले अनुभव से, मैं समझता हूं कि दूसरी बार कैंसर पर काबू पाने के लिए अच्छे इलाज और भाग्य की जरूरत होगी। भले ही ऑपरेशन सफल हो, हर कैंसर रोगी जानता है कि उन्हें इसके दोबारा लौटने की संभावना के साथ जीना होगा। इसलिए, मैं बस इसके साथ आगे बढूंगा और अच्छे नतीजे की कामना करूंगा।

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द टेलीग्राफ के अनुसार, बॉयकॉट की सर्जरी अब दो महीने बाद होगी और ये उम्मीद कि जा रही है कि वह रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी सत्र से बच सके। बता दें कि बॉयकॉट को पहली बार साल 2002 में 62 साल की उम्र में कैंसर का पता चला था और उन्हें तत्काल उपचार के बिना केवल तीन महीने जीने का समय दिया गया था। बॉयकॉट को 35 कीमोथेरेपी सेशन से गुजरना पड़ा और उनकी पत्नी राचेल और बेटी एम्मा की मदद से उनकी देखभाल की गई और वे फिर से स्वस्थ हो गए।

बॉयकॉट ने अपनी बुक, द कॉरिडोर ऑफ सर्टेन्टी में लिखा है कि जीने के लिए तीन महीने का समय दिया जाना एक चौंकाने वाला या यूं कहे शो-स्टॉपर है। मैं कभी नहीं जान पाऊंगा कि मैं अभी भी जिंदा क्यों हूं। केवल एक चीज जो मैं निश्चित रूप से जानता हूं वह यह है कि मेरी पत्नी रशेल मेरा साथ नहीं देती तो मैं आज जिंदा नहीं रहता।

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