Delhi Waterlogging: दिल्ली में इन 300 से ज्यादा जगहों पर होता है जलभराव, एक्सपर्ट ने बताया समस्या से कैसे मिलेगी मुक्ति
Delhi Waterlogging राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में बारिश के बाद यह समस्या और बढ़ सकती है। राजधानी में घटने की बजाय जलभराव वाले अतिसंवेदनशील प्वाइंट की संख्या बढ़कर 308 पहुंच गई है। अगर यही हाल रहा तो जलभराव वाले अतिसंवेदनशील प्वाइंट बढ़ते रहेंगे।
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HighLights
- दिल्ली में जलभराव वाले अतिसंवेदनशील प्वाइंट की संख्या 308 पर पहुंची
- सिर्फ लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर हैं 214 अतिसंवेदनशील प्वाइंट
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में जलभराव की समस्या कम होने की जगह बढ़ती जा रही है। इसका प्रमाण जलभराव वाले अतिसंवेदनशील प्वाइंट की संख्या बढ़ना है। यह संख्या बढ़कर 308 हो गई है।
इसमें अकेले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सड़कों पर ही 214 अतिसंवेदनशील प्वाइंट हैं। जबकि दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, डीडीए व दिल्ली क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिसंवेदनशील प्वाइंट बढ़कर 94 प्वाइंट हो गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार कहते हैं कि जब तक योजना बनाकर दिल्ली भर में जलभराव का स्थाई समाधान नहीं निकाला जाएगा तब तक दिल्ली में जलभराव की समस्या से निजात मिलने वाली नहीं है, अतिसंवेदनशील प्वाइंट बढ़ते रहेंगे।
2021 में थे जलभराव वाले 211 स्थान
यहां बता दें कि 2021 में दिल्ली में इस बार जलभराव वाले 211 स्थानों की पहचान हुई थी। 2022 में मानसून से पहले यातायात पुलिस ने इस बारे में सभी विभागों को सचेत करते हुए उन्हें पत्र भेजकर जलभराव वाले स्थानों पर पंप लगाने और नालों की सफाई समय पर करा लेने की सलाह दी थी।
यातायात पुलिस की ओर से डीडीए, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और लोक निर्माण विभाग को भेजी गई सूची में जलभराव वाले संवेदनशील 211 स्थानों का जिक्र किया गया था, इसमें लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के 132 स्थान थे।
विभागीय सूत्रों की बात मानें तो उस समय सतमसइस बार जलभराव वाले 15 स्थान कम हुए थे। मगर 2023 में यह संख्या 200 हो गई थी। इसमें 157 स्थान पीडब्ल्यूडी के थे।जबकि 2024 में इन स्थानों की संख्या 308 हो गई है।
विभाग की ओर से इन स्थानों का निरीक्षण कर यहा जलभराव रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इनके लिए स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी दी गई है। दिल्ली में जलभराव की बात करें तो यहां मानसून के दौरान जलभराव की समस्या बहुत पुरानी है।
बारिश का 88 साल का रिकॉर्ड टूटा
मगर यह दिनों दिन बढ़ती जा रही है। दिल्ली में मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी से भी अधिक बारिश होती है, लेकिन 2022 में 110 मिमी तक बारिश हुई। जिससे समस्या और बढ़ गई थी। जिसके कारण लोगों को कई स्थानों पर भारी जलजमाव का सामना करना पड़ा था। इस बार भी तीन दिन पहले दिल्ली में 24 घंटे में होने वाली बारिश का 88 साल का रिकॉर्ड टूटा है।