दिल्ली में कुतुबमीनार सहित अन्य स्मारकों के लिए टिकट बुकिंग को बनाया जाएगा आसान, पर्यटकों के लिए होंगी ये सुविधाएं

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के स्मारकों में सुविधाएं पब्लिक फ्रेंडली होंगी टिकट बुकिंग से लेकर स्मारकों के महत्व और इतिहास को समझाने के लिए अब अधिक से अधिक इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जाएगा। स्मारकों में प्रवेश के लिए टिकट बुकिंग की जटिलताओं को समाप्त कर इसे आसान बनाया जाएगा। एएसआई द्वारा बनाए गए एप को भी पब्किल फ्रेंडली बनाया जाएगा।

By V K Shukla Edited By: Geetarjun Publish:Sat, 22 Jun 2024 08:12 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jun 2024 08:12 PM (IST)
दिल्ली में कुतुबमीनार सहित अन्य स्मारकों के लिए टिकट बुकिंग को बनाया जाएगा आसान, पर्यटकों के लिए होंगी ये सुविधाएं
दिल्ली में कुतुबमीनार सहित अन्य स्मारकों के लिए टिकट बुकिंग को बनाया जाएगा आसान।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के स्मारकों में सुविधाएं पब्लिक फ्रेंडली होंगी, टिकट बुकिंग से लेकर स्मारकों के महत्व और इतिहास को समझाने के लिए अब अधिक से अधिक इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जाएगा। स्मारकों में प्रवेश के लिए टिकट बुकिंग की जटिलताओं को समाप्त कर इसे आसान बनाया जाएगा।

एएसआई द्वारा बनाए गए ऐप को भी पब्किल फ्रेंडली बनाया जाएगा। स्मारकों पर इंटरनेट कर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्मारकों पर व्यवस्थाएं इस तरह की जाएंगी कि भीषण गर्मी या ठंड में भी पर्यटक वहां पर पहुंचने पर बोझिल न हों, बल्कि स्माारकों के महत्व को समझते हुए आनंद का अनुभव करें। जिन जिन स्मारकों में पर्यटकों को दूर-दूर तक पैदल चलना पड़ता है, वहां बैट्री कार उपलब्ध कराई जाएंगी।

गजेंद्र सिंह शेखावत पुराना किला में इंद्रप्रस्थ ढूंढने के लिए लिए बनाए गए खोदाई स्थल का निरीक्षण करते हुए।

एएसआई इस योजना पर करेगा काम

नव नियुक्त केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के निर्देश के बाद एएसआई इस योजना पर काम करने जा रहा है। मंत्री पद संभालने के बाद शेखावत शनिवार को दिल्ली के स्मारकों का निरीक्षण करने पहुंचे। सुबह आठ बजे पहले उन्होंने कुतुबमीनार परिसर में भ्रमण किया, यहां के स्मारकों के बारे में जानकारी ली। वह कुतुबमीनार परिसर के सभी प्रमुख भागों में गए, यहां लगे लौह स्तंभ के इतिहास और महत्व के बारे में जाना।

पुराना किला का किया निरीक्षण

उन्होंने अनंगताल के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पुराना किला में निरीक्षण किया। उन्होंने पांडवों की राजधानी रही इंद्रप्रस्थ को ढूंढने के लिए 1954-55 और 1969 से 1972 तक एएसआई के पूर्व महानिदेशक प्रो बीबी लाल द्वारा कराई गई खोदाई स्थलों को देखा।

कुंती मंदिर के पास खोदाई स्थल का निरीक्षण

इसके बाद उन्होंने पिछले साल इसी परियोजना के तहत कुंती मंदिर के पास एएसआई के निदेशक वसंत स्वर्णकार द्वारा पिछले साल कराई गई खोदाई स्थल का भी मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने इस खोदाई में अभी तक के विभिन्न कालों के मिले प्रमाणों के बारे में जानकारी ली और इस खोदाई को आगे बढ़ाए जाने पर जोर दिया।

उन्होंने खोदाई से संबंधित अत्याधुनिक सुविधाएं लिए जाने पर भी बल दिया। इस दौरान एएसआई के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत ने एएसआई द्वारा स्मारकों में कराए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां पर एक नया संग्रहालय बनाने की भी तैयारी चल रही है।

जहां पर विदेश से वापस आई धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। मंत्री ने यहां बने पुराने संग्रहालय का भी निरीक्षण किया। इससे पहले शुक्रवार को भी मंत्री विश्व योग दिवस पर कुतुबमीनार में कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे।

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