दिल्ली में जल्द चलेंगी बाइक टैक्सी, मिलेगी मंजूरी; Ola & Uber जैसी निजी टैक्सी सेवाओं पर नकेल कसेगी AAP सरकार

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 को अपनी मंजूरी दे दी। यह स्कीम दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी। फाइल एलजी ऑफिस को भेज दी गई है। इससे ओला और ऊबर जैसी निजी टैक्सी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी।

By V K ShuklaEdited By: Publish:Tue, 17 Oct 2023 11:35 PM (IST) Updated:Tue, 17 Oct 2023 11:35 PM (IST)
दिल्ली में जल्द चलेंगी बाइक टैक्सी, मिलेगी मंजूरी; Ola & Uber जैसी निजी टैक्सी सेवाओं पर नकेल कसेगी AAP सरकार
दिल्ली में जल्द चलेंगी बाइक टैक्सी, मिलेगी मंजूरी; Ola & Uber जैसी निजी टैक्सी सेवाओं पर नकेल कसेगी AAP सरकार

HighLights

  • दिल्ली में ओला ऊबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं पर नकेल कसने की तैयारी।
  • सीएम ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को दी मंजूरी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 को अपनी मंजूरी दे दी। यह स्कीम दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी।

अब ये फाइल एलजी ऑफिस को भेज दी गई है। इस स्कीम के लागू होने के बाद दिल्ली में ओला और ऊबर (Ola & Uber) जैसी निजी टैक्सी सेवाएं (Private Taxi Service) प्रदान करने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा।

वायु प्रदूषण रोकने में कारगर

सीएम ने स्कीम को मंजूरी देते हुए कहा कि ये स्कीम वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की जंग में मील का पत्थर साबित होगी। एग्रीगेटर्स (टैक्सी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली परिवहन क्षेत्र की निजी कंपनियां), डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से शून्य उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना अनिवार्य करने वाला दिल्ली अब भारत का पहला राज्य बन गया है।

इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा होगी शुरू

साथ ही विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां इस तरह की स्कीम प्रभावी है। सीएम ने कहा कि यह स्कीम दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का रास्ता भी साफ करती है। वहीं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पहल की सराहना की है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

इलेक्ट्रिक में बदलने होंगे वाहन

योजना अंतर्गत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक में चरणबद्ध तरीके से रूपांतरित करना होगा। दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स का पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएगा।

इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी

योजना अंतर्गत सभी एग्रीगेटर्स को केवल इलेक्ट्रिक वाहन बाइक टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उन्हें योजना में निर्दिष्ट सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

सेवा गुणवत्ता मानक

योजना में सेवा गुणवत्ता के लिए सख्त मानक स्थापित किए गए हैं। इसमें वाहन की साफ-सफाई, ड्राइवर का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान शामिल है।

सार्वजनिक सुरक्षा

इस योजना में यात्रियों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है।

इन पर लागू होगी ये स्कीम

यह स्कीम दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है। इसमें वैसी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा, जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (2 पहिया, 3 पहिया और 4 पहिया, बसों को छोड़कर) हैं। इसके अलावा ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं।

लाइसेंस

सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रविधान है।

जुर्माना

इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रविधान है। नियम उल्लंघन पर 5,000 से एक लाख रुपये दंड का प्रविधान है।

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वाहन बेडे को ईवी में तब्दील करने होंगे

एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं के लिए नए बेड़े में दोपहिया वाहनों के लिए ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 फीसद तय किया गया है। जबकि तीन पहिया वाहनों के नए बेड़े में छह महीने में 10 प्रतिशत ईवी, दो साल में 50 प्रतिशत और चार साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा।

इसी तरह चार पहिया वाहनों के बेड़े में छह महीने के अंदर पांच प्रतिशत, तीन साल में 50 प्रतिशत और पांच साल में 100 प्रतिशत ईवी को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, पुराने और नए सभी एग्रीगेटर्स को अपने पूरे बेड़े को 1 अप्रैल, 2030 तक 100 प्रतिशत ईवी में बदलना होगा।

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