Delhi Rain: जलभराव पर दिल्ली का हाल जानने सड़कों पर उतरे LG सक्सेना, अधिकारियों को दिए कई निर्देश

एलजी सक्सेना ने संबंधित एजेंसी को युद्ध स्तर पर नालों से गाद निकालने का दिया निर्देश। उन्होंने बारापुला नाला के अलावा तैमूर नगरआइटीपीओ तिलक ब्रिज कुशकनाला गोल्फ लिंक और भारती नगर में नालों का दौरा किया। उनका यह दौरा दिल्ली में भारी बारिश और नालों के बंद होने के कारण आई बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश के एक दिन बाद हुआ है।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Publish:Sat, 29 Jun 2024 08:35 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2024 08:35 PM (IST)
Delhi Rain: जलभराव पर दिल्ली का हाल जानने सड़कों पर उतरे LG सक्सेना, अधिकारियों को दिए कई निर्देश
जलभराव पर दिल्ली का हाल जानने सड़कों पर उतरे LG सक्सेना।

HighLights

  • एलजी को कई जगहों पर कूड़े, मलबे और गाद से बुरी तरह भरे मिले नाले
  • उन्होंने संबंधित एजेंसी को युद्ध स्तर पर नालों से गाद निकालने का दिया निर्देश
  • एलजी सक्सेना ने जल-जमाव की स्थिति से निपटने के लिए दिए गए निर्देशों के बाद हालातों की जायजा लिया और जल-जमाव से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों और नालों का निरीक्षण किया
  • न्होंने स्थिति को जानने के लिए तैमूर नगर, बारापूला ड्रेन, आइटीपीओ, तिलक ब्रिज, कुशकनाला, गोल्फ लिंक और भारती नगर में नालों का दौरा किया
  • एलजी ने चेतावनी दी कि किसी भी लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने जल-जमाव की स्थिति से निपटने के लिए दिए निर्देशों के बाद शनिवार को हालात का जायजा लिया और जल-जमाव से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों और नालों का निरीक्षण किया।जलभराव पर दिल्ली का हाल जानने सड़कों पर उतरे एलजी को कई जगहों पर कूड़े, मलबे और गाद से बुरी तरह नाले भरे मिले।

उन्होंने संबंधित एजेंसी को युद्ध स्तर पर नालों से गाद निकालने का दिया निर्देश। उन्होंने बारापुला नाला के अलावा तैमूर नगर,आइटीपीओ, तिलक ब्रिज, कुशकनाला, गोल्फ लिंक और भारती नगर में नालों का दौरा किया। उनका यह दौरा दिल्ली में भारी बारिश और नालों के बंद होने के कारण आई बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश के एक दिन बाद हुआ है।

अतिक्रमण को तुरंत हटवाने का निर्देश

सक्सेना ने एजेंसियों को जल निकासी व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने का निर्देश दिया ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई कि मानसून की तैयारियों के दौरान किसी भी प्रमुख नाले से गाद नहीं निकाली गई और न ही उनकी सफाई की गई, जिसकी वजह से कई जगहों पर भारी जलभराव हो गया। उन्होंने अधिकारियों को नालों के किनारे हुए अतिक्रमण को तुरंत हटवाने का निर्देश दिया।

एलजी ने पहले तैमूर नगर ड्रेन का निरीक्षण किया

उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव/अध्यक्ष एनडीएमसी, एमसीडी आयुक्त, प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी समेत दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सबसे पहले तैमूर नगर ड्रेन का निरीक्षण किया, जिसमें ओखला, तैमूर नगर, शाहीनबाग, जसोला, भारत नगर, जामिया नगर का बड़ा हिस्सा आता है। उन्होंने इनके साथ लगी पाश कालोनियां- न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, महारानी बाग और दूसरी जगहों का भी दौरा किया, जहां पर शुक्रवार को आई बारिश के बाद बाढ़ आ गई थी।

दिल्ली के सांसद भी रहे मौजूद

एमसीडी के अंतर्गत आने वाले तैमूर नगर ड्रेन में भारी मात्रा में गाद और कचरा जमा होने की वजह से पानी का बहाव रुक गया था। इस दौरान उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय मंत्री और पूर्वी दिल्ली से सांसद हर्ष मल्होत्रा और नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज भी मौजूद थीं।

इसके बाद उपराज्यपाल ने पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाले आइटीपीओ और तिलक ब्रिज ड्रेन का दौरा किया।यहां पर भी उन्हें नालों की वही स्थिति देखने को मिली, जो इससे पहले अन्य जगहों पर देखने को मिली थी। नाले कचरे और गाद से भरे हुए थे, जिसकी वजह से पानी का बैक फ्लो हो रहा था। इसके परिणामस्वरूप आइटीओ के समूचे क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी।

अतिरिक्त पंप लगाने के निर्देश

उपराज्यपाल ने दयाल सिंह कॉलेज के सामने कुशकनाला, गोल्फ लिंक ड्रेन और भारती नगर का भी दौरा किया, जहां स्थानीय लोगों ने नालियों और सीवर लाइनों के जाम होने की शिकायत की। उन्होंने एनडीएमसी अधिकारियों को नालों से तुरंत गाद निकालने का निर्देश दिया और भारी बारिश की स्थिति में जलभराव को दूर करने के लिए जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पंप लगाने करने का निर्देश दिया। ऐसी जगहों पर जहां जलभराव की समस्या आम है, सक्सेना ने अधिकारियों को जलभराव और बाढ़ को रोकने के लिए अतिरिक्त पंप लगाने का निर्देश दिया।

उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सक्सेना ने इन सभी स्थलों पर नालों में फेंके गए कूड़े पर भी नाराजगी जताई और संबंधित एजेंसियों को 3-4 दिनों में कूड़े, मलबे और कीचड़ को हटाने और फोटोग्राफिक और वीडियो साक्ष्य के साथ इसकी रिपोर्ट देने के सख्त निर्देश दिए।

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