BJP और RSS में समन्वय के अभाव के आरोपों पर आज स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं संघ प्रमुख, चुनाव के बाद है पहला सार्वजनिक कार्यक्रम

लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को आशातीत सफलता नहीं मिलने को लेकर पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में मंथन की स्थिति है। साथ ही राजनीतिक गलियारे में दोनों के मधुर संबंधों में खटास आने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। इस स्थिति में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन न सिर्फ इस भ्रम के बादल को साफ करेगा।

By Nimish Hemant Edited By: Abhishek Tiwari
Updated: Mon, 10 Jun 2024 08:47 AM (IST)
BJP और RSS में समन्वय के अभाव के आरोपों पर आज स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं संघ प्रमुख, चुनाव के बाद है पहला सार्वजनिक कार्यक्रम
भाजपा और RSS में समन्वय के अभाव के आरोपों पर आज स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं संघ प्रमुख

HighLights

  1. लोकसभा चुनाव बाद सरसंघचालक मोहन भागवत का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम
  2. नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष (कार्यकर्ता विकास वर्ग-2) के समापन में उद्बोधन

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को आशातीत सफलता नहीं मिलने को लेकर पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में मंथन की स्थिति है। साथ ही राजनीतिक गलियारे में दोनों के मधुर संबंधों में खटास आने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

इस स्थिति में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन न सिर्फ इस भ्रम के बादल को साफ करेगा, बल्कि समाज के लिए महत्वपूर्ण संदेश के साथ स्वयंसेवकों को दिशा दिखाने वाला होगा। सोमवार को नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग (कार्यकर्ता विकास वर्ग-2) का समापन समारोह है, जिसमें सरसंघचालक का उद्बोधन है।

चुनाव परिणाम आने के बाद होगी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया

विशेष बात कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया होगी। जिसमें, मोदी-3.0 के लिए सुझाव भी हो सकते हैं। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, संघ प्रमुख का उद्बोधन देश को दिशा दिखाने वाला होता है। उसमें संघ के लिए रोडमैप होता है। इसलिए, स्वयंसेवक इसे गंभीरता से श्रवण-मनन करते हैं।

चुनाव बाद यह संघ प्रमुख का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है। इसलिए वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर उनका प्रकाश होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भले ही लगातार तीसरी बार भाजपानीत एनडीए की सरकार बन गई हो, लेकिन इस बार चुनाव में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है।

राजनीतिक हलकों में कहा यह जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव में संघ से सहयोग नहीं मांगा। जिसके चलते संघ के स्वयंसेवकों ने चुनाव से दूरी बना ली। हालांकि, संघ के लोग स्पष्ट करते हैं कि इस चुनाव में पूरा संगठन लगा था। शति-प्रतिशत मतदान अभियान को लेकर अकेले दिल्ली में ही एक लाख बैठकें हुई थी। जो परिणाम आए हैं, उसके कारण अन्य हैं।

मोहन भागवत ने लोगों से मतदान का किया था आह्वान

पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान कर नागपुर में मोहन भागवत ने देश हित को लेकर सभी लोगों से मतदान का आह्वान किया था। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी दावा करते हैं कि संघ अगर चुनाव में नहीं लगा होता तो प्रदर्शन की स्थिति इससे भी खराब हो सकती थी। वैसे, इस परिणाम से संघ में भी निराशा की स्थिति है।

फिलहाल, सोमवार को भागवत के उद्बोधन से काफी हद तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद लगाई जा रही है। नागपुर स्थित रेशिमबाग में कार्यकर्ता विकास वर्ग- द्वितिय का समापन समारोह शाम 6.30 से आरंभ होगा। आयोजन में मुख्य अतिथि छत्रपति संभाजीनगर स्थित गोदावरी धाम के पीठाधीश महंत गुरुवर्य रामगिरी महाराज हैं।