NHRC के नोटिस के बाद AIIMS में छह वर्षीय बच्चे के दिल की हुई सर्जरी, 2019 से सिर्फ दी जा रही थी तारीखें

बेगूसराय के डंडारी प्रखंड के तेतरी गांव के रहने वाले अंकित कुमार के छह वर्षीय बेटे को जन्मजात दिल की बीमारी थी। उसके दिल में छेद था और नसें भी सही जगह नहीं जुड़ी थीं। इस वजह से शरीर में ठीक से रक्त संचार नहीं हो पा रहा था। जब वह तीन वर्ष का था तब माता-पिता को उसकी बीमारी के बारे में पता चला था।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Publish:Sat, 29 Jun 2024 08:17 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2024 08:17 PM (IST)
NHRC के नोटिस के बाद AIIMS में छह वर्षीय बच्चे के दिल की हुई सर्जरी, 2019 से सिर्फ दी जा रही थी तारीखें
NHRC के नोटिस के बाद AIIMS में छह वर्षीय बच्चे के दिल की हुई सर्जरी।

HighLights

  • करीब साढ़े पांच वर्ष पहले सर्जरी के लिए 60 हजार रुपये व तीन यूनिट खून जमा कराने के बावजूद एम्स में दी जा रही थी सिर्फ तारीख
  • बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला है मासूम बच्चा, मीडिया में मामला सामने आने के बाद एनएचआरसी ने लिया था संज्ञान

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मीडिया में मामला सामने आने और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा नोटिस जारी करने के बाद आखिरकार एम्स प्रशासन की नींद खुली और करीब साढ़े पांच वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार को एम्स के सीटीवीएस (कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी) के डॉक्टरों ने बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले छह वर्षीय बच्चे के दिल की सर्जरी की। इसके बाद बच्चे को कार्डियक सेंटर के आइसीयू में वेंटिलेर सपोर्ट पर भर्ती किया गया है। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

इस सर्जरी के बाद उसके उसके माता-पिता ने भी राहत की सांस ली है। उनमें उम्मीद है कि अब जल्द ही उनका बेटा स्वस्थ होकर दूसरे बच्चों की तरह खेलकूद सकेगा। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय के डंडारी प्रखंड के तेतरी गांव के रहने वाले अंकित कुमार के छह वर्षीय बेटे को जन्मजात दिल की बीमारी थी। उसके दिल में छेद था और नसें भी सही जगह नहीं जुड़ी थीं। इस वजह से शरीर में ठीक से रक्त संचार नहीं हो पा रहा था। जब वह तीन वर्ष का था तब माता-पिता को उसकी बीमारी के बारे में पता चला था। इसके बाद वे उसे इलाज के लिए एम्स लेकर पहुंचे।

2019 से दी जा रही थी सिर्फ तारीखें

अंकित कुमार ने बताया कि एम्स ने सर्जरी के लिए वर्ष 2019 में 60 हजार रुपये और तीन यूनिट खून जमा कराया था। फिर भी उन्हें सर्जरी के लिए बार-बार सिर्फ तारीख दी जाती थी। पिछले दिनों यह मामला मीडिया में सामने आया था। इसके बाद एनएचआरसी ने इस पर संज्ञान लेते हुए 19 जून को एम्स के निदेशक व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर एक माह में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद एम्स सक्रिय हुआ और बच्चे को सर्जरी के लिए भर्ती किया और सीटीवीएस के प्रोफेसर डॉ. सचिन तलवार की टीम ने बच्चे के दिल की सर्जरी की।

24 से 48 घंटे डॉक्टर उसे आइसीयू में रखेंगे

अंकित कुमार ने कहा कि डॉक्टर सुबह 11 बजे उसे आपरेशन थियेटर में लेकर गए थे। दोपहर साढ़े तीन बजे डाक्टर ने बताया कि बच्चे की सर्जरी सफल रही। 24 से 48 घंटे डॉक्टर उसे आइसीयू में रखेंगे। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने पर डॉक्टर उसे जनरल वार्ड में स्थानांतरित करेंगे। उन्होंने कहा कि समय पर सर्जरी नहीं हो पाने से बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित हो गया था। वह ज्यादा पैदल नहीं चल पाता था और दूसरे बच्चों की तरह खेलकूद नहीं पाता था लेकिन अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

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