Malti Joshi Passes Away: प्रख्यात कथाकार मालती जोशी का 90 वर्ष की उम्र में निधन, कैंसर से थीं पीड़ित

पद्मश्री से अलंकृत लोकप्रिय कथाकार मालती जोशी का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थीं। वे पिछले कुछ समय से आइसोफेगस के कैंसर से पीड़ित थीं। पचास से अधिक हिन्दी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी शिवानी के बाद हिन्दी की सबसे लोकप्रिय कथाकार मानी जाती हैं। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
Updated: Thu, 16 May 2024 12:03 AM (IST)
Malti Joshi Passes Away: प्रख्यात कथाकार मालती जोशी का 90 वर्ष की उम्र में निधन, कैंसर से थीं पीड़ित
प्रख्यात कथाकार मालती जोशी का 90 वर्ष की उम्र में निधन।

नई दिल्ली। पद्मश्री से अलंकृत लोकप्रिय कथाकार मालती जोशी का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थीं। वे पिछले कुछ समय से आइसोफेगस के कैंसर से पीड़ित थीं। पचास से अधिक हिन्दी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी, शिवानी के बाद हिन्दी की सबसे लोकप्रिय कथाकार मानी जाती हैं। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुए हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में 4 जून, 1934 को उनका जन्म हुआ। वह किशोरावस्था से ही लेखन कार्य करने लगी थीं। खास बात यह कि मालती जोशी के लेखन की शुरुआत भी कविता से हुई। अपनी आत्मकथा में उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने लिखा है, मुझमें तब कविता के अंकुर फूटने लगे थे।

कॉलेज के जमाने में इतने गीत लिखे कि लोगों ने मुझे 'मालव की मीरा' की उपाधि दे डाली पर अब कविता छूट गयी है, रूठ गयी है। उनकी पहली कहानी साल 1971 में 'धर्मयुग' में भेजी, जिसके छपने के बाद तो वह भारतीय साहित्य, खासकर हिंदी जगत के पाठकों की चहेती लेखिका बन गईं. यह और बात है कि कालांतर में उनकी कहानियां मराठी, उर्दू, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड के साथ अंग्रेजी, रूसी तथा जापानी भाषाओं में भी अनूदित हो कर छप चुके हैं. अपनी सहज, सरल और संवेदनशील भाषा से मालती जोशी ने हिंदी कथा साहित्य में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई।