Swati Maliwal Case: केजरीवाल के PA की मुश्किलें बढ़ेंगी, बिभव के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जोड़ी गई साक्ष्य मिटाने की धारा

स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार की मुश्किलें और बढ़ेंगी। पुलिस ने बिभव की जमानत याचिका निचली अदालत और हाईकोर्ट से भी खारिज होने के बाद अब उन पर दर्ज मुकदमे में साक्ष्य मिटाने की धारा भी जोड़ दी है। बिभव के खिलाफ पहले पांच धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari
Updated: Mon, 10 Jun 2024 07:57 AM (IST)
Swati Maliwal Case: केजरीवाल के PA की मुश्किलें बढ़ेंगी, बिभव के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जोड़ी गई साक्ष्य मिटाने की धारा
बिभव के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जोड़ी गई साक्ष्य मिटाने की धारा

HighLights

  1. पहले पांच धाराओं में दर्ज की गई थी प्राथमिकी
  2. केजरीवाल के आवास से जब्त किए गए तीन डीवीआर की अभी तक नहीं आई है जांच रिपोर्ट
  3. आईफोन फॉर्मेट करने पर पुलिस ने मुकदमे में जोड़ी साक्ष्य मिटाने की धारा

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) सांसद और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे में दिल्ली पुलिस ने साक्ष्य मिटाने (201) की धारा भी जोड़ दी है।

पुलिस टीम जब बिभव को मुंबई लेकर गई थी, तब उसने दावा किया था कि अपना आईफोन फॉर्मेट कर दिया था। पुलिस अधिकारी का कहा कि तीन बार रिमांड पर भी बिभव ने जानकारी नहीं दी कि आईफोन किस जगह और किसके कहने पर फॉर्मेट किया।

पहले पांच धाराओं में दर्ज की गई थी प्राथमिकी

पुलिस ने बिभव की जमानत याचिका निचली अदालत और हाईकोर्ट से भी खारिज होने के बाद अब उन पर दर्ज मुकदमे में साक्ष्य मिटाने की धारा भी जोड़ दी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि स्वाति मालीवाल की शिकायत पर बिभव के खिलाफ पहले पांच धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था, जिनमें गैर इरादतन हत्या के प्रयास की धारा में सबसे अधिक सजा का प्रविधान है।

साक्ष्य मिटाने की धारा में तीन साल की सजा का प्रविधान है, लेकिन नियम कहता है कि किसी आरोपित के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होता है, उनमें लगी सबसे बड़ी धारा में जितनी सजा का प्रविधान है, उसकी एक तिहाई सजा साक्ष्य मिटाने की धारा के तहत होती है।

डीवीआर में छेड़छाड़ की आशंका

पुलिस अधिकारी का कहना है कि मुकदमा दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की तीन डीवीआर जब्त की गई थीं। दो डीवीआर प्रवेश द्वार और एक अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे की थी। तीनों डीवीआर में छेड़छाड़ की आशंका के मद्देनजर जांच के लिए एफएसएल के पास भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

एफएसएल से जल्द रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया है। 13 मई की सुबह नौ बजे स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री से मिलने उनके सिविल लाइंस स्थित आवास गई थीं, तब उनके निजी सचिव बिभव कुमार ने उनकी बुरी तरह पिटाई और दुर्व्यवहार किया था।

घटना के बाद स्वाति मालीवाल ने 112 नंबर पर काल कर पुलिस को शिकायत की थी। उसके बाद आटो से सिविल लाइंस थाने जाकर थानाध्यक्ष से मौखिक शिकायत करने के बाद घर लौट गई थीं। दो दिन बाद स्वाति ने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी।

इन धाराओं में पहले दर्ज हुआ था मुकदमा

308--गैर इरादतन हत्या के प्रयास। गैर जमानती- तीन से सात साल सजा 341--रास्ता रोकना। जमानती- एक माह सजा 354 बी--महिला को निर्वस्त्र करना। गैर जमानती--तीन से सात साल सजा 506--जान से मारने की आपराधिक धमकी। जमानती- सात साल सजा 509--भद्दी भद्दी गालियां देने। जमानती-तीन साल सजा