Delhi: नीचे गाड़ियां, फिर मेट्रो और उसके ऊपर RapidX ट्रेन, तस्वीरों में देखें बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना

दिल्ली - गाज़ियाबाद - मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अंतर्गत दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है। आरआरटीएस कॉरिडोर का यह वायाडक्ट न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 20 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली मेट्रो के कॉरिडोर को पार कर रहा है।

By sanjeev GuptaEdited By: Publish:Fri, 15 Sep 2023 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 15 Sep 2023 07:56 PM (IST)
Delhi: नीचे गाड़ियां, फिर मेट्रो और उसके ऊपर RapidX ट्रेन, तस्वीरों में देखें बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना
न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री नोएडा से आते हैं।

HighLights

  • न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास मेट्रो के ऊपर से गुज़रेगी रैपिडएक्स ट्रेन
  • दिल्ली को प्रदूषण और भीड़ भाड़ से बचाने के लिए बनाई जा रही RapidX ट्रेन

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Delhi RapidX train: दिल्ली को प्रदूषण और भीड़ भाड़ से बचाने के लिए बनाई जा रही दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अंतर्गत दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है।

आरआरटीएस कॉरिडोर का यह वायाडक्ट न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 20 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली मेट्रो के कॉरिडोर को पार कर रहा है। इतनी ऊँचाई पर पहले से स्थित एवं परिचालित मेट्रो ट्रैक के ऊपर से सफ़लतापूर्वक निर्माण कार्य करना इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है।

रात में क्यों चला निर्माण कार्य?

मेट्रो से सफ़र करने वाले यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस हिस्से के वायाडक्ट का अधिकतम निर्माण कार्य रात्रि के समय किया गया। यहां काम करना चैलिंजिंग था, क्योंकि इस स्थान पर दोनों ओर कार्य करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं थी।

तारिणी (लॉन्चिंग गेंट्री) की सहायता से गर्डर के सेगमेंट्स को आपस में जोड़ने का काम किया गया और समयबद्ध रूप से इसका निर्माण कर लिया गया। इस निर्माण कार्य में एनसीआरटीसी को डीएमआरसी का पूरा सहयोग मिला तथा उनके साथ तारतम्यता में निर्बाध सेवा सुनिश्चित करते हुए एनसीआरटीसी ने सुरक्षित रूप से निर्माण पूरा किया।

सराय काले खाँ आरआरटीएस स्टेशन से न्यू अशोक आरआरटीएस स्टेशन की ओर बढ़ते हुए कॉरिडोर का एलिवेटेड अलाइनमेंट दिल्ली मेट्रो के वायाडक्ट को क्रॉस करता है। यह वायाडक्ट ब्लू लाइन मेट्रो की सेवाएँ प्रदान करता है जिससे रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग सफ़र करते हैं। ऐसे में बिना सेवा बाधित किए इसके ऊपर से निर्माण करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन आरआरटीएस का मूल सिद्धांत है। इसके अंतर्गत यात्रियों की सुगम और निर्बाध यात्रा के लिए आरआरटीएस स्टेशनों की योजना रणनीतिक रूप से इस प्रकार बनाई गई है कि इन्हें मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों के जितना करीब संभव हो बनाया जाए और इनमें आपस में कनेक्टिविटी प्रदान की जाए। इसके लिए एनसीआरटीसी को निर्माण एवं सिविल इंजीनियरिंग संबंधी कई जटिलताओं का भी सामना करना पड़ा है।

न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री नोएडा से आते हैं। मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के माध्यम से भविष्य में, ये यात्री न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पहुँचकर, सीधी रैपिड रेल पकड़ कर मेरठ या दिल्ली की ओर यात्रा कर सकेंगे।

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RRTS स्टेशन मेट्रो से ऐसे होगा कनेक्ट

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन को न्यू अशोक नगर के मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए लगभग 90 मीटर लंबा और करीब 6 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा, जो मेट्रो के कॉनकोर्स लेवल पर कनेक्ट होगा। इस फुटओवर की ऊंचाई ज़मीन से करीब 8 मीटर होगी। इसके तैयार होने से रैपिडएक्स और मेट्रो के यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना ही दूसरे स्टेशन तक पहुंच सकेंगे।

यह न केवल यात्रियों की तनाव मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेगा बल्कि परिवहन साधनों के बाहर लगने वाले ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में भी मुख्य भूमिका निभाएगा। यह महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए विशेष रूप से सुविधाजनक होगा। साथ ही, आस-पास के क्षेत्रों की स्टेशन तक बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी इस स्टेशन पर दो और एफओबी का भी निर्माण कर रहा है।

दिल्ली में एलिवेटेड सेक्शन के लिए अब तक 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबे वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके साथ ही पिलर निर्माण का भी 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि जून 2025 तक पूरे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को परिचालित कर दिया जाए। उसके पहले, इसी वर्ष जल्द ही 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 

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