India's First Selfie: 144 साल पहले ली गई थी भारत में पहली सेल्फी, जानिए किसने की थी इसकी खोज
सेल्फी लेने का क्रेज आज बच्चे-बच्चे पर हावी है। फोन खरीदते समय ज्यादातर लोग इसमें बेस्ट फ्रंट कैमरा ही तलाशते हैं और आज कंपनियां भी अपने-अपने स्मार्टफोन को बेस्ट सेल्फी फोन से जुड़े विज्ञापनों से प्रचारित कर रही हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि सेल्फी कोई आज या कल में हुई खोज नहीं है बल्कि भारत में इसकी शुरुआत 1880 में ही हो गई थी।
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HighLights
- सेल्फी लेने का क्रेज आज लोगों पर काफी हावी है।
- बेस्ट सेल्फी की चाहत में कई बार लोग अपनी जान भी मुसीबत में डाल लेते हैं।
- भारत में पहली सेल्फी आज से 144 साल पहले ली गई थी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। India's First Selfie: मौका भले कोई भी हो, लेकिन उसे कैमरे में कैद करने को लेकर हर कोई एक्साइटेड रहता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, आज सभी के हाथ में अपना स्मार्टफोन है। गांव हो या शहर, सेल्फी और कैमरा फोन आज हर घर तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में, क्या आपके मन भी कभी यह सवाल आया है कि भारत में पहली सेल्फी किसने और कब ली थी? इसी के बारे में आज हम आपको कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
कब ली गई थी भारत में पहली सेल्फी?
आज जो भी चीज आप इस्तेमाल कर रहे हैं, जाहिर है उसकी खोज कभी न कभी तो हुई ही होगी। ठीक इसी तरह एक वक्त ऐसा भी था, जब सेल्फी लेना आम बात नहीं होती थी। ऐसे में, आपको बता दें कि भारत में पहली सेल्फी साल 1880 में ली गई थी। यही नहीं, इसके लिए एक खास उपकरण की मदद भी ली गई थी।
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किसने ली थी पहली सेल्फी?
साल 1880 में त्रिपुरा के महाराजा बिर चंद्र माणिक्य ने पहली सेल्फी ली थी। दरअसल, उनके साथ महारानी खुमान चानु मनमोहिनी देवी भी थी, और महाराजा-महारानी दोनों को ही फोटोग्राफी और कला में काफी दिलचस्पी थी।
कैसे ली गई थी पहली सेल्फी?
1880 में महाराजा बिर चंद्र माणिक्य और महारानी खुमान चानु मनमोहिनी देवी को भारत में पहली सेल्फी लेने का श्रेय जाता है। इस दौरान राजा के हाथ में लिवर था, जो कि एक वायर के जरिए कैमरे से जुड़ा हुआ था। तस्वीर लेने के लिए लिवर को खींचा गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि वे देश के ऐसे दूसरे शाही व्यक्ति थे, जिनके पास उस जमाने में कैमरा हुआ करता था। इससे पहले इंदौर के राजा दीन दयाल के पास ही कैमरा हुआ करता था।
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