Lok Sabha Election 2024: दिलचस्प है पंजाब की इस सीट का समीकरण, 26 साल बाद अकाली दल ने उतारा प्रत्याशी; अहम है 'हाथी' की भूमिका

Lok Sabha Election 2024 पंजाब की होशियारपुर लोकसभा सीट पर चुनावी समीकरण दिलचस्प हैं। यहां हाथी की चाल से कई दलों का खेल बन और बिगड़ सकता है। आम आदमी पार्टी के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश में सीधी भिड़ंत हैं। 1996 में यहां से बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम सांसद रह चुके हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar
Updated: Tue, 28 May 2024 10:52 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: दिलचस्प है पंजाब की इस सीट का समीकरण, 26 साल बाद अकाली दल ने उतारा प्रत्याशी; अहम है 'हाथी' की भूमिका
लोकसभा चुनाव 2024: होशियारपुर लोकसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट।

HighLights

  1. तराजू का संतुलन और हाथी की चाल तय करेंगे भाजपा व आप का भविष्य
  2. 30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली बदल सकती है चुनाव की दिशा

कैलाश नाथ, जागरण, होशियारपुर। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को होशियारपुर में रोड शो किया। रोड शो से पहले भगवा झंडों की जगह पीले रंग (आप) के झंडों से बाजार पट गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 30 मई को होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं। इस सीट की महत्ता का अंदाजा इससे लग जाता है कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम 1996 में यहां से सांसद रहे व बसपा सुप्रीमो मायावती भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। वह हार गई थीं।

खेल बना और बिगाड़ सकती है बसपा

कांशीराम के बाद बसपा भले ही इस आरक्षित सीट को कभी नहीं जीती, लेकिन दावा हमेशा मजबूत रहा है। इस बार हाथी की चाल किसी भी पार्टी का खेल बना और बिगाड़ सकती है। यहां पर आप के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल व केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश में सीधी टक्कर है। कांग्रेस की यामिनी गोमर भले ही शुरुआती दौर में कमजोर प्रत्याशी थीं, लेकिन अब मजबूती बढ़ी है।

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26 साल बाद शिअद ने उतारा प्रत्याशी

26 वर्षों में पहली बार शिरोमणि अकाली दल यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। 2019 तक शिअद-भाजपा मिलकर चुनाव लड़ते थे। शिअद ने पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल को उतारा है। ठंडल व डॉ. राज कुमार चब्बेवाल क्षेत्र से ही विधानसभा चुनाव लड़ते हैं। विधानसभा चुनाव में ठंडल हार गए थे।

यह है सियासी समीकरण

होशियारपुर में कबाड़ का काम करने वाले रवि कुमार कहते हैं कि शहर में भाजपा का जोर ज्यादा है तो गांवों में शिअद, कांग्रेस और झाड़ू वाले (आप) हैं। बसपा ने 2019 का प्रदर्शन दोहराया तो भाजपा को लाभ मिलोगा, क्योंकि वह वोट कहीं न कहीं झाड़ू या कांग्रेस का कटेगा।

2019 में बसपा ने 1.28 लाख वोट हासिल किए थे। यही स्थिति भाजपा के साथ भी है। ठंडल जितने वोट लेंगे, उससे भाजपा को नुकसान हो सकता है। ठंडल चब्बेवाल विधानसभा में जितना वोट लेंगे, उसका नुकसान डॉ. राज कुमार को होगा, क्योंकि यहां भाजपा कमजोर दिखाई दे रही है।

श्रीराम मंदिर का दिख रहा प्रभाव

कांग्रेस के विधायक होते हुए आप से प्रत्याशी बने डॉ. राज कुमार से एक वर्ग खिंचा-खिंचा है। केंद्रीय राज्य मंत्री होते हुए लोगों के बीच ज्यादा न रहने के कारण सोम प्रकाश के प्रति नाराजगी का बोझ उनकी पत्नी अनीता को उठाना पड़ रहा है।

हिंदू वर्ग में श्रीराम मंदिर का पूरा प्रभाव दिख रहा है। मुकेरियां में अग्निवीर योजना के कारण सेना में भर्ती की तैयारी से पीछे हटकर फोटो एडिटिंग का काम करने वाले सनी कहते हैं कि राजनीति में रुचि नहीं है, लेकिन श्रीराम मंदिर बनाकर भाजपा ने अच्छा काम किया है।

30 मई को पीएम मोदी की रैली

मुकेरियां, दसूहा व होशियारपुर में श्रीराम के झंडे आम देखने को मिलते हैं। झंडों की स्थिति देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वह लंबे समय से लगे हैं, जबकि पीले झंडे भी दिख जाते हैं। भाजपा और आप की सीधी टक्कर के बीच 30 मई को प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री होशियारपुर में रैली करेंगे।

इसका असर श्री आनंदपुर साहिब पर भी पड़ता है, क्योंकि श्री आनंदपुर साहिब की गढ़शंकर सीट होशियारपुर जिले में ही आती है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में होने वाली यह रैली इस सीट पर चुनाव की दिशा बदल सकती है।

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