यूपी चुनावः 2012 के मुकाबले इस बार बढ़ गयी अपराधी प्रत्याशियों की संख्या

भाजपा, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां भी अपराधियों को टिकट देने में पीछे नहीं हैं। अखिलेश यादव ने भी गंभीर आरोपों से घिरे 88 प्रत्याशियों को टिकट दिया है।

By Ashish MishraEdited By:
Updated: Wed, 08 Mar 2017 01:33 PM (IST)
यूपी चुनावः 2012 के मुकाबले इस बार बढ़ गयी अपराधी प्रत्याशियों की संख्या
यूपी चुनावः 2012 के मुकाबले इस बार बढ़ गयी अपराधी प्रत्याशियों की संख्या

लखनऊ (जेएनएन)। राजनीति में शुचिता, संतुलन के लाख दावों के बावजूद राजनीतिक दलों ने इस बार के चुनाव में भी गंभीर अपराधों के आरोपियों को टिकट बांटने से गुरेज नहीं किया है। वर्ष 2012 में दुष्कर्म, हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा, अपहरण, महिला उत्पीडऩ जैसे इल्जामों के आठ फीसद आरोपितों को राजनीतिक दलों ने टिकट दिया था। वर्ष 2017 में ऐसे आरोपों से घिरे प्रत्याशियों का औसत 15 फीसद हो गया हैै।
मंगलवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स (एडीआर) व उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच के समन्वयक संजय सिंह ने प्रदेश की 403 सीटों के लिए चुनाव में भाग्य आजमा रहे 4853 प्रत्याशियों में से 4823 के शपथ पत्रों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2012 की तुलना में अपराधियों को टिकट देने में एक फीसद गिरावट आई है। मगर संगीन, संगठित अपराधों से घिरे प्रत्याशियों का औसत दोगुना हो गया है। संजय सिंह ने बताया कि सभी चरणों के प्रत्याशियों के शपथ पत्र के विश्लेषण से साफ है कि राजनीति का अपराधीकरण खत्म करने का दावा चाहे जितना किया जाए, मगर उस पर अमल करने के लिए कोई भी राजनीतिक दल तैयार नहीं है। भाजपा, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां भी अपराधियों को टिकट देने में पीछे नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने दल में अपराधियों के विरोध का दावा करते रहे हैं, मगर उन्होंने भी गंभीर आरोपों से घिरे 88 प्रत्याशियों को टिकट दिया है।

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वर्ष 2012 और इस चुनाव में...
-वर्ष 2012 में 6590 प्रत्याशियों में से 1319 यानी 20 फीसद प्रत्याशी करोड़पति थे, इस बार यह औसत 30 फीसद है। वर्ष 2017 में 4817 में से 1457 प्रत्याशी करोड़पति हैं।
-वर्ष 2017 में 152 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां एक क्षेत्र में कम से कम तीन प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि हैं, जबकि वर्ष 2012 में ऐसे क्षेत्रों की संख्या 226 थी।

महिलाओं की संख्या घटी, औसत बढ़ा
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 445 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। यह कुल प्रत्याशियों का नौ फीसद है, जबकि वर्ष 2012 में 6590 प्रत्याशियों में से 527 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं, यह औसत आठ फीसद था।

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इनके शपथ पत्र का विश्लेषण नहीं
सुशील, बुद्धूराम, आनंद गोपाल मिश्र, दीपक, ज्ञान श्याम दुबे, हरेन्द्र, राजेन्द्र, विजय प्रताप, राकेश प्रताप सिंह, खालिद खां, राम करन आर्य, प्रमोद कुमार, छाया अस्थाना, दिनेश कुमार शुक्ला, गोमती यादव, नकुल दुबे, राकेश यादव राना, मनोज कुमार राजवंशी, अनुराग दीक्षित, डॉ.नफीस अहमद, छेदालाल साथी, मालती देवी रावत, शिव शंकर सिंह, प्रभाकर पांडेय, दिनेश कुमार जायसवाल (निर्दल), कुसुम देवी (भारतीय सुभाष सेना), शिव कुमार मौर्य आरपीआइ (ए), प्रमेश वशिष्ठ (किसान मजदूर पार्टी), जीले सिंह (एमसीएच) चहन सिंह (एमसीएच)

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तीन बड़े आसामी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों में आगरा दक्षिण से कांग्रेस के नजीर अहमद सबसे अमीर आदमी हैं। उन्होंने 211 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। आजमगढ़ में मुबारकपुर से बसपा के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली दूसरे नंबर पर हैैं, उन्होंने 118 करोड़ की संपत्ति घोषित की है, जबकि मथुरा की मांट से उम्मीदवार भाजपा के सतीश कुमार शर्मा तीसरे स्थान पर हैं, उन्होंने 114 करोड़ की चल-अचल संपत्ति होने का उल्लेख अपने शपथ पत्र में किया है। वर्ष 2012 के चुनाव में भी कमोबेश यही स्थिति थी।

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बसपा में 84 फीसद करोड़पति
बसपा के 335 प्रत्याशी करोड़पति हैं, इनका औसत 84 फीसद है। भाजपा के 302 प्रत्याशी करोड़पति हैं, इनका औसत 79 फीसद होता है। सपा के 307 प्रत्याशियों में से 243 और कांग्रेस के 114 प्रत्याशियों में से 75 करोड़पति हैैं। राष्ट्रीय लोकदल, लोकदल, पीस पार्टी और एनसीपी के भी कई प्रत्याशी करोड़पति हैैं।

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कैसे-कैसे अपराधों के आरोप
-विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे 22 उम्मीदवारों पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने का इल्जाम है। यह संख्या वर्ष 2012 की तुलना में अधिक है।
-63 उम्मीदवारों पर चुनावी हिंसा करने व फैलाने का आरोप हैं।
-घोषित उम्मीदवारों मेें बसपा के 38 फीसद, भाजपा के 36 फीसद, सपा के 37 फीसद और कांग्रेस के 36 फीसद प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
-प्रदेश में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में से 38 ने खुद पर महिला उत्पीडऩ का मामला होने का शपथ पत्र में उल्लेख किया है, जबकि 10 ने अपने ऊपर बलात्कार का मुकदमा चलना स्वीकारा है।
-34 प्रत्याशियों ने खुद पर अपहरण का मुकदमा होना स्वीकारा है, जो वर्ष 2012 की तुलना में 10 फीसद अधिक है।

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टॉप थ्री कर्जदार
इलाहाबाद दक्षिण से भाजपा प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने 26 करोड़ रुपये का कर्जदार होने का दावा किया है, जबकि आगरा दक्षिण से निर्दल उम्मीदवार अशरफ कुरैशी ने खुद पर 16 करोड़ का कर्ज होने का उल्लेख किया है। मडिय़ाहूं (जौनपुर) से बसपा प्रत्याशी भोलानाथ ने खुद पर 15 करोड़ रुपये का कर्ज होने का दावा किया है। वर्ष 2012 के चुनाव में भी कर्जदार प्रत्याशियों का औसत कमोबेश ऐसा ही था।