'मैं बिहारी नहीं, अवधी बोलूंगा....', जब जिद पर अड़ गए थे 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाहुबली नेता 'रामाधीर सिंह'

डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया ( Tigmanshu Dhulia Birthday) को एक्टिंग की दुनिया में गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। इस फिल्म में उन्होंने कई ऐसे डायलॉग्स बोले जो बाद में आइकोनिक बन गए। गैंग्स ऑफ वासेपुर में कुछ डायलॉग्स तो तिग्मांशु धूलिया की अपनी देन हैं जिन्हें उन्होंने शूटिंग के दौरान इम्प्रोवाइज किया था। 

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Publish:Tue, 02 Jul 2024 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 05:31 PM (IST)
'मैं बिहारी नहीं, अवधी बोलूंगा....', जब जिद पर अड़ गए थे 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाहुबली नेता 'रामाधीर सिंह'
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में रामाधीर सिंह बने तिग्मांशु धूलिया, (X Image)

HighLights

  • 3 जुलाई को बर्थडे मना रहे तिग्मांशु
  • डायरेक्शन के साथ की शुरुआत
  • रामाधीर सिंह बन छाए तिग्मांशु

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अभिनेता, निर्देशक और लेखक तिग्मांशु धूलिया ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक खास जगह बनाई है। डायरेक्शन के साथ बॉलीवुड में कदम रखने वाले तिग्मांशु ने जब एक्टिंग में हाथ आजमाया तो बड़े-बड़े एक्टर्स को पीछे छोड़ दिया।

गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनका निभाया बाहुबली नेता 'रामाधीर सिंह' का किरदार हमेशा के लिए यादगार बन गया। इस फिल्म से एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है, जब तिग्मांशु धूलिया ने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में बिहार की स्थानीय भाषा बोलने से मना कर दिया था।  

इलाहाबाद से तिग्मांशु का लगाव

3 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जन्मे तिग्मांशु धूलिया का लगाव हमेशा इस शहर से रहा है। बचपन की यादों से लेकर पढ़ाई तक, उनकी जड़ें यहां से जुड़ी हुई है। तिग्मांशु धूलिया अपने कई इंटरव्यू में भी इलाहाबाद का जिक्र कर चुके हैं। ये शहर ही कारण था, जिसकी वजह से उन्होंने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में बिहारी बोलने से इनकार कर दिया था।

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'रामाधीर सिंह' बनने के लिए मिली छूट

अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में काम करना तिग्मांशु धूलिया के लिए सरप्राइजिंग था। इंडिया टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि उन्हें नहीं पता कि आखिर उन्होंने क्यों इस फिल्म में एक्टिंग करने के लिए हामी भरी। हालांकि, अनुराग कश्यप ने उन्हें 'रामाधीर सिंह' के रोल को अपने हिसाब से ढालने के लिए तिग्मांशु को पूरी छूट दी थी।

'तुमसे ना हो पाएगा' की कहानी

'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में उनके बोले कई मोनोलॉग्स ने चर्चा बटोरी। इनमें से एक था- 'तुमसे ना हो पाएगा'। जब बेटे के नाकारापन से परेशान 'रामाधीर सिंह' उस पर तंज कसता था। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का ये मोनोलॉग सोशल मीडिया में खूब पॉपुलर हुआ। आज भी ये एक मीम मैटेरियल है। हालांकि, ये बात कम ही लोग जानते हैं कि 'तुमसे ना हो पाएगा' संवाद स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था, बल्कि ये तिग्मांशु की देन थी। उन्होंने इस डायलॉग को सेट पर ही तैयार किया था।

अवधी बोलने की जिद

तिग्मांशु धूलिया ने बताया कि फिल्म में उन्हें अपनी भाषा चुनने की आजादी दी गई और इसी वजह से वो शूटिंग के दौरान अपने रोल के साथ इम्प्रोवाइज कर पाए।

जब 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में काम करने की बारी आई तो तिग्मांशु ने साफ कर दिया कि वो डायलॉग्स बिहारी लहजे में नहीं, बल्कि अवधी में बोलेंगे, क्योंकि वो इलाहाबाद से हैं। तिग्मांशु धूलिया ने कहा,

"गैंग्स ऑफ वासेपुर में मैंने कहा था कि मैं बिहारी भाषा नहीं बोलूंगा, मैं अवधी बोलूंगा, क्योंकि मैं इलाहाबाद से हूं। मेरा मानना है कि इम्प्रोवाइज केवल उन एक्टर्स के साथ संभव है, जिनके पास भाषा चुनने की आजादी होती है। अगर आप इस बात पर अटके रहते हैं कि मैं आगे क्या कहने जा रहा हूं, तो ये काम नहीं करेगा।"

एक्टिंग में छाए तिग्मांशु

तिग्मांशु को सबसे ज्यादा पहचान 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के लिए मिली। उनका निभाया 'रामाधीर सिंह' का किरदार काफी चर्चित रहा था। इस फिल्म ने ना केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि क्रिटिक्स और दर्शकों से भी खूब तारीफें बटोरीं।

तिग्मांशु धूलिया, 'पान सिंह तोमर' (2012), 'साहेब, बीवी और गैंगस्टर' (2011), और 'रागदेश' (2017) जैसी फिल्मों में भी एक्टिंग का कमाल दिखा चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने वेब सीरीज 'क्रिमिनल जस्टिस' (2019) में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया।

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