विद्युत जाम्वाल की 'सनक- होप अंडर सीज' ने ओटीटी पर बनाया यह रिकॉर्ड, एक्शन एक्टर ने जताई खुशी

सनक- होप अंडर सीज में अस्पताल के अंदर हॉस्टेज सिचुएशन की कहानी में एक्शन को पिरोया गया है या यूं कहें कि एक्शन के अंदर कहानी को पिरोया गया है। सनक विशुद्ध विद्युत जाम्वाल ब्रैंड की फ़िल्म है जिसमें असली-सा लगने वाले एक्शन की भरमार है।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 04:53 PM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 08:09 AM (IST)
विद्युत जाम्वाल की 'सनक- होप अंडर सीज' ने ओटीटी पर बनाया यह रिकॉर्ड, एक्शन एक्टर ने जताई खुशी
Vidyut Jammwal in Sanak- Hope Under Siege. Photo- Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। विद्युत जाम्वाल बॉलीवुड के उन एक्टर्स में शामिल हैं, जिन्होंने अपने एक्शन से अपने लिए एक तगड़ी फैन फॉलोइंग तैयार की है। विद्युत की फिल्मों का एक्शन उनके फैंस को इतना पसंद आता है कि फिल्म खुद ब खुद दर्शकों के बीच जगह बना लेती है। अब विद्युत की सनक- होप अंडर सीज ने एक जबरदस्त रिकॉर्ड बनाया है, जिसकी जानकारी खुद विद्युत ने साझा की है। 

इस रिकॉर्ड के अनुसार, सनक लगातार दो हफ्तों में सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सबसे अधिक देखी जाने वाली फिल्म बन गयी है। विद्युत की फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 15 अक्टूबर को रिलीज हुई थी। हालांकि, प्लेटफॉर्म की ओर से अभी तक ऐसा कोई आंकड़ा पेश नहीं किया गया है, जिससे पता चले कि सभी ओटीटी प्लेटफॉर्मों के बीच सनक लगातार दो हफ्तों से सबसे अधिक देखी जा रही फिल्म है। 

बहरहाल, विद्युत के दावे को सच माना जाए तो वाकई यह उनकी लिए खुशी की बात है। सनक से बंगाली अभिनेत्री रुक्मिणी मैत्रा ने बॉलीवुड डेब्यू किया है। वहीं नेहा धूपिया ने सनक में एक पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है। वेलन के किरदार में चंदन रॉय सान्याल हैं। फिल्म का निर्देशन कनिष्क वर्मा ने किया है।

BREAKING ALL RECORDS👏👏 pic.twitter.com/m8P3EaUpgw

— Vidyut Jammwal (@VidyutJammwal) November 2, 2021

'सनक- होप अंडर सीज' में अस्पताल के अंदर हॉस्टेज सिचुएशन की कहानी में एक्शन को पिरोया गया है या यूं कहें कि एक्शन के अंदर कहानी को पिरोया गया है। सनक विशुद्ध विद्युत जाम्वाल ब्रैंड की फ़िल्म है, जिसमें असली-सा लगने वाले एक्शन की भरमार है।

सनक का प्लॉट मुख्य रूप से लगभग 5 घंटों के घटनाक्रम को समेटे हुए है। विद्युत जाम्वाल मौजूदा पीढ़ी के उन कलाकारों में शामिल हैं, जो अपनी शारीरिक भाषा, संरचना और दाव-पेंचों से एक्शन को पर्दे पर विश्वसनीय बना पाते हैं। इसमें अतिश्योक्ति नहीं कि विद्युत एक्शन फ़िल्मों का पर्याय बन गये हैं और यह कहना भी ग़लत नहीं होगा कि विद्युत ने अपनी निजी कोशिशों से भारतीय सिनेमा में एक्शन के दृश्यों को सुधारा है।

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