Anil Vij: बैंक की नौकरी छोड़ 1990 में पहली बार बने थे विधायक, आज संभाल रहे हरियाणा की कमान; छह बार बन चुके MLA

Haryana Cabinet Minister Anil Kumar Vij Biography हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आज देश के लोकप्रिय नेता बन गए हैं। बैंक की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखते हुए साल 1990 के उपचुनाव में वह पहली बार विधायक चुने गए। वहीं दो बार निर्दलीय विधायक भी चुने गए और आज वह देश के लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं।

By Mohammad Aqib KhanEdited By: Publish:Sat, 22 Jul 2023 04:27 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jul 2023 04:27 PM (IST)
Anil Vij: बैंक की नौकरी छोड़ 1990 में पहली बार बने थे विधायक, आज संभाल रहे हरियाणा की कमान; छह बार बन चुके MLA
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज : जागरण

अंबाला, ऑनलाइन डेस्क: Anil Kumar Vij Biography in Hindi हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की लोकप्रियता का मुकाम राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से बहुत आगे है। राजनीति में कदम रखते हुए वह 1990 में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक चुने गए। अब हरियाणा के गृहमंत्री बनकर देशभर में नाम कमाया और आज देश के लोकप्रिय नेता बन गए हैं।

अनिल विज

मंत्री: गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, आयुष (हरियाणा सरकार)

जन्म तिथि: 15 मार्च 1953

जन्म स्थान: अंबाला, पंजाब (अब हरियाणा)

शिक्षा: बीएससी, एसडी कॉलेज, अंबाला (पंजाब यूनिवर्सिटी)

पिता: भीम सेन

राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी

अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को अंबाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ था। उनके पिता का नाम भीम सेन था जोकि रेलवे में अधिकारी थे। पिता के गुज़रने के बाद घर की जिम्मेदारियां विज के कांधों पर आ गई थीं। विज ने 1968 में बनारसी दास स्कूल से हाईस्कूल तथा एस.डी. कॉलेज, अम्बाला से बीएससी किया था।

छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे

विज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्रसंघ अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए, जब वे एस डी कॉलेज, अम्बाला कैंट में पढ़ रहे थे। वह 1970 में एबीवीपी के महासचिव बने। 1974 में उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी मिली थी। 16 साल तक उन्होंने बैंक अधिकारी के रूप काम किया।

बैंक की नौकरी छोड़कर बने विधायक

1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा की सदस्य चुनीं गईं तो अंबाला कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई। इस सीट पर उपचुनाव होना था। अनिल विज ने चुनाव लड़ने की पेशकश की और उन्होंने एसबीआई की नौकरी भी छोड़ दी। किस्मत ने साथ दिया और पहली बार विधायक बन हरियाणा विधानसभा पहुंचे। उन्हें 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।

दो बार चुने गए निर्दलीय विधायक

अनिल विज दो बार हरियाणा विधानसभा निर्दलीय के तौर पर भी जा चुके हैं। 1996 और 2000 में अनिल विज ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत दर्ज की। वहीं 2005 में चुनाव हार गए। इसके बाद 2009 में उन्होंने अंबाला छावनी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए। 2014 में उन्हें एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अंबाला छावनी के रूप में चुना गया और 2019 में उन को छठी बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक अंबाला छावनी के रूप में चुना गया।

2019 में लगातार तीसरी बार बने विधायक

अक्टूबर, 2019 में मौजूदा 14वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनावों में विज लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार अंबाला कैंट सीट से विजयी होकर विधायक बने थे। आज से साढ़े 55 वर्ष पूर्व संयुक्त पंजाब से अलग होने के बाद जब 1 नवंबर, 1966 को हरियाणा देश का नया राज्य बना, तो प्रदेश में अब तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में अंबाला कैंट हलके में 7 बार भाजपा ( जनता पार्टी और भारतीय जन संघ मिलाकर) और 5 बार कांग्रेस पार्टी ने विजय हासिल की है जबकि दो बार यहां से निर्दलयी उम्मीदवार जीता है और दोनों बार वह निर्दलयी प्रत्याशी विज ही थे।

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