Haryana News: मोबाइल पर भी सीएम विंडो की शिकायतों की निगरानी

हरियाणा में अब सीएम विंडो की शिकायतों की निगरानी मोबाइल पर हो सकेगी। मुख्‍यमंत्री प्रत्‍येक तीन महीने में सीएम विंडो पर मिली शिकायतों पर कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। मुख्‍य सचिव को भ्रष्‍टाचार की शिकायतों को सीधे विजिलेंस ब्‍यूरो को सौंपने की छूट दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 20 Jan 2023 08:52 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jan 2023 08:52 AM (IST)
Haryana News: मोबाइल पर भी सीएम विंडो की शिकायतों की निगरानी
मोबाइल पर भी सीएम विंडो की शिकायतों की निगरानी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : सीएम विंडो पर मिली शिकायतों की पूरी जानकारी अब विभागीय अधिकारियों को मोबाइल पर भी उपलब्ध होगी। इसके लिए मोबाइल एप बनाया जाएगा। पुलिस विभाग की शिकायतों का ब्योरा अलग रखा जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को समीक्षा बैठक में कहा कि सीएम विंडो पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निपटान समय सीमा में पूरा करें ताकि लोगों को शीघ्र समाधान मिले।

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प्रत्येक तीन महीने में वह स्वयं सीएम विंडो पर मिली शिकायतों पर कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निपटान करने के लिए सभी विभाग अपने स्तर पर भी कोई अलग प्रणाली विकसित करें। तीन माह के दौरान प्राप्त होने वाली शिकायतों के निवारण की जानकारी नियमित तौर पर उपलब्ध करवाई जाए।

भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायतों को संबंधित वरिष्ठ अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर निपटान करें। जिस किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होती है तो उससे वरिष्ठ अधिकारी ही मामले की जांच करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव आवश्यकतानुसार भ्रष्टाचार की शिकायतों को सीधे तौर पर विजिलेंस ब्यूरो को जांच के लिए भेज सकते हैं। वह विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतों की नियमित समीक्षा भी करें। जब तक किसी भी मामले में कोर्ट की पाबंदी नहीं होती तो विभाग अपने स्तर पर समय सीमा में शिकायत का निपटान करें ताकि शिकायतकर्ता को राहत मिल सके। विभाग को दी गई शिकायत का संदर्भ भी सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों में दर्ज करवाया जाए।

विभाग स्तर पर नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम विंडो की शिकायतों के समाधान के लिए विभाग स्तर पर अतिरिक्त निदेशक या क्लास-ए अधिकारी को नोडल आफिसर बनाया जाए। इस संबंध में विभाग प्रमुख 15 दिन, प्रशासनिक सचिव एक माह, मुख्य सचिव दो माह तथा स्वयं मुख्यमंत्री तीन माह में शिकायतों के निवारण की समीक्षा करेंगे। जिला स्तर पर पंचायत विभाग की शिकायतों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी और शहरी स्थानीय निकाय विभाग की शिकायतों को डीएमसी निवारण करेंगे।

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