Hathras Stampede: मौत खींचकर ले गई हाथरस... मां को यादकर बेसुध हुआ बेटा; जलदेही ने बताया आंखों देखा हाल

हाथरस में मची भगदड़ में फरीदाबाद की महिला की मौत हो गई। मृतक महिला के बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है। उसने बताया कि मां को हाथरस जाने से काफी मना किया था लेकिन मां नहीं मानी। कहा कि अगर मां मान जाती तो शायद जिंदगी बच जाती। वहीं मृतक महिला के साथ गई जलदेही ने हाथरस हादसे का आंखों देखा हाल बताया।

By Jagran NewsEdited By: Kapil Kumar Publish:Wed, 03 Jul 2024 03:39 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 03:39 PM (IST)
Hathras Stampede: मौत खींचकर ले गई हाथरस... मां को यादकर बेसुध हुआ बेटा; जलदेही ने बताया आंखों देखा हाल
हाथरस में हादसे में महिला की मौत के बाद परिवार में गम का माहौल है। (जागरण फोटो)

HighLights

  • फरीदाबाद की महिला की हाथरस में मौत।
  • हाथरस में मां की मौत पर बेसुध हुआ बेटा।
  • जलदेही ने सुनाया हाथरस का आंखों देखा हाल।

अनिल बेताब, फरीदाबाद। राम नगर निवासी लीला देवी को उनके बेटे करण और भतीजे प्रेम ने बीमारी का हवाला देते हुए हाथरस जाने से मना किया था, मगर वह नहीं मानी और हाथरस चली गईं। शायद मौत बुला रही थी मां को। इसलिए वहां भगदड़ मचने से उनकी मौत हो गई। कुछ इस तरह से लीला देवी के बेटे ने अपना दर्द बयां किया।

बेटे ने बताया कि उनकी मां कई दिनों से कमर दर्द और रक्तचाप से पीड़ित थी। पिता का पहले ही निधन हो चुका है। अब मां के जाने के बाद वह अकेले रह गए हैं।

फरीदाबाद से गई थी बस

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के लिए मंगलवार को यहां से भी एक बस गई थी। भगदड़ मचने से वहां लीला देवी के अलावा राम नगर की सरोज, जलदेही और संजय कॉलोनी निवासी तारा देवी भी गई थीं।

जलदेही को अस्पताल से मिली छुट्टी

बताया गया कि सरोज और तारा देवी की भी हादसे में मौत हो चुकी है और जलदेही के पैर में चोट लगी है। हाथरस से लौटने के बाद जलदेही को मंगलवार रात काे जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई।

जलदेही ने बताया आंखों देखा हाल

वहीं, जलदेही ने आंखों देखा हाल बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद जब लोग निकलने लगे तो एक सड़क पार करने के बाद जब दूसरी सड़क को पार कर रहे थे, वह निचले हिस्से में थी। इसका किसी को पता नहीं चला और एक दम भीड़ गिरती चली गई। भीड़ इतनी थी कि बहुत से लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। वह स्वयं गिर गई थी। इस दौरान उनके पैर में मोच आ गई थी।

बहुत मुश्किल से आई बस तक

वह बाद में मुश्किल से संभल कर बस तक आईं और फरीदाबाद पहुंची। संजय कॉलोनी निवासी संजय कुमार ने बताया कि उनकी माता तारा देवी की बाबा में आस्था थी। इसलिए वह अक्सर सत्संग में जाती थीं।

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