कूड़ा नहीं निगम का खजाना हो रहा ‘साफ’, हर महीने पांच करोड़ खर्च होने के बाद भी लग रहे कूड़े के ढेर

सीएम नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया है। गुरुग्राम में कूड़ा फैले के कारण 11 जून को सरकार ने ठोस अपशिष्ट पर्यावरण आपातकालीन कार्यक्रम (स्वीप) लागू किया था। इसको लेकर अब निगम अधिकारियों ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। गुरुग्राम नगर निगम ने सभी छह सफाई एजेंसियों को अनुबंध खत्म करने का प्रारंभिक नोटिस भेजा है।

By Sandeep Kumar Edited By: Sonu Suman Publish:Mon, 01 Jul 2024 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 09:49 PM (IST)
कूड़ा नहीं निगम का खजाना हो रहा ‘साफ’, हर महीने पांच करोड़ खर्च होने के बाद भी लग रहे कूड़े के ढेर
गुरुग्राम में हर महीने पांच करोड़ खर्च होने के बाद भी लग रहे कूड़े के ढेर।

HighLights

  • काम नहीं किया तो अनुबंध रद कर काम एजेंसियों की जोखिम एवं लागत पर किया जाएगा
  • शहर में जगह-जगह फैला कूड़ा, हर महीने पांच करोड़ रुपये सफाई पर हो रहे खर्च

संदीप रतन, गुरुग्राम। साइबर सिटी में पिछले छह महीने से बिगड़ी सफाई व्यवस्था के लिए प्राइवेट एजेंसियां जिम्मेदार हैं। हर महीने सफाई पर पांच करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। प्रदेश के सीएम और मुख्य सचिव ने गुरुग्राम को स्वच्छ बनाने के आदेश दिए थे।

सीएम ने अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया है। गुरुग्राम में कूड़ा फैले के कारण 11 जून को सरकार ने ठोस अपशिष्ट पर्यावरण आपातकालीन कार्यक्रम (स्वीप) लागू किया था। इसको लेकर अब निगम अधिकारियों ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।

निगम ने सभी छह सफाई एजेंसियों को अनुबंध खत्म करने का प्रारंभिक नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि या तो सफाई व्यवस्था सुधारें अन्यथा नगर निगम एजेंसियों के रिस्क एंड कोस्ट (जोखिम एवं लागत) पर सफाई कार्य करवाएगा।

काम नहीं करने और शहर में गंदगी फैलने को लेकर नगर निगम इन एजेंसियों पर पहले भी जुर्माना लगा चुका है। इसके बावजूद शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। निजी सफाई एजेंसियों के पास पूरी मैनपावर और मशीनरी नहीं होेने के कारण सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है। नगर निगम का सफाई के लिए सालाना बजट 570 करोड़ रुपये है।

सितंबर 2023 में सौंपा था काम

बता दें कि सितंबर 2023 में गुरुग्राम नगर निगम ने छह प्राइवेट एजेंसियों को शहर में आठ जोन बनाकर छह सफाई एजेंसियों को काम सौंपा था। झाड़ियों की सफाई के साथ ही इनको नालियों की सफाई का कार्य भी करना है।

इन एजेंसियों को भेजा नोटिस

केसी इंटरप्राइजेज आर्मी डेकोरेटर्स वाइएलवी एसोसिएट सुखमा सन्स भारती एचआर सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड संजय एंड कंपनी

अप्रैल-मई में लगाया था जुर्मााना

जोन एक में नगर निगम ने सफाई नहीं करने पर केसी एजेंसी पर छह लाख 97 हजार 596, आर्मी डेकोरेटर्स पर छह लाख 55 हजार 686, सुखमा सन्स पर चार लाख 30 हजार और भारती एचआर सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड पर छह लाख 68 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। जोन तीन में अप्रैल महीने में केसी एजेंसी पर पांच लाख 58 हजार और संजय एंड कंपनी पर तीन लाख आठ हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया था।

निर्धारित संख्या से आधे कर्मचारी भी नहीं

नियमानुसार छह निजी सफाई एजेंसियों के पास कम से कम तीन हजार सफाईकर्मी होने चाहिए। लेकिन फील्ड में एक हजार कर्मी भी नहीं है। निजी एजेंसियों के कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी भी नहीं लग रही है। मैनपावर और मशीनरी की कमी से सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। इसके चलते शहर में गंदगी के ढेर लग रहे हैं।

शहर में सफाई कार्य में लगी सभी एजेंसियों को अनुबंध रद्द करने का प्रारंभिक नोटिस भेजा गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार अगर एजेंसियों ने काम नहीं किया तो अनुबंध रद कर उनके रिस्क एंड कोस्ट (जोखिम एवं लागत) पर सफाई कार्य करवाएगा। - डॉ. नरेश कुमार, संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) नगर निगम गुरुग्राम

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