Haryana News: हरियाणा विधानसभा में उप सचिव के पद पर चयन में HC की रोक, सचिवालय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) में उप सचिव के पद पर चयन को अंतिम रूप देने से रोक दिया गया है। ये रोक पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) ने लगाई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश पारित करते हुए विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

By Dayanand Sharma Edited By: Deepak Saxena Publish:Tue, 02 Jul 2024 02:52 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 02:52 PM (IST)
Haryana News: हरियाणा विधानसभा में उप सचिव के पद पर चयन में HC की रोक, सचिवालय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
हरियाणा विधानसभा में उप सचिव के पद पर चयन में HC की रोक (फाइल फोटो)।

HighLights

  • विधानसभा सचिव को नोटिस जारी कर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
  • उप सचिव के पद पर सीधी भर्ती के खिलाफ याचिका पर HC में सुनवाई
  • हाई कोर्ट ने जारी किए ये आदेश

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा विधानसभा में उप सचिव के पद पर चयन को अंतिम रूप देने से रोक दिया है, जिसके लिए सात जून को विज्ञापन जारी किया गया था। जस्टिस अमन चौधरी ने कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं, जो वर्तमान में 19 मई 2016 से हरियाणा राज्य विधानसभा में अवर सचिव के रूप में कार्यरत हैं।

याचिकाकर्ता, जो 19 मई, 2001 को कानूनी सहायक के रूप में राज्य विधानसभा में शामिल हुए थे, उन्होंने दावा किया है कि यह पद पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना चाहिए था, न कि सीधी भर्ती के माध्यम से। याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 में स्पष्ट रूप से परविधान किया गया है कि कार्यालय के भीतर योग्य/अनुभवी व्यक्ति की अनुपलब्धता के मामले में, विभिन्न श्रेणियों के पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरा जाएगा।

याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कही ये बात

याचिकाकर्ता के पास अवर सचिव के पद पर आठ वर्ष से अधिक का अनुभव है और वह न केवल स्नातक है, बल्कि उसके पास कानून की डिग्री है तथा तीन वर्ष से अधिक का अनुभव है, जो नियमों की आवश्यकता के अनुरूप है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, हालांकि उससे वरिष्ठ एक व्यक्ति है, लेकिन वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाला है, इसलिए उसने विज्ञापन को चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। याचिका के अनुसार उसने इस तथ्य के कारण याचिका दायर की है कि उप सचिव का केवल एक पद उपलब्ध है, जिसे सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाना है और उसका कार्यकाल वर्ष 2030 तक बचा हुआ है।

ये भी पढ़ें: करनाल के पास पटरी से उतरे मालगाड़ी के आठ डिब्बे, दिल्ली-अंबाला लाइन प्रभावित; वंदे भारत समेत इन ट्रेनों का बदला रूट

याचिकाकर्ता ने खुद स्पीकर के स्तर पर भी इसी तरह के मुद्दे पर निर्णय लिए जाने का हवाला दिया, जिसमें एक कर्मचारी के पात्र होने के बावजूद सीधी भर्ती का सहारा लिया गया था और अभ्यावेदन किए जाने पर उसे पदोन्नति दी गई थी।

हरियाणा विधानसभा सचिवालय को जारी हुआ नोटिस

याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस चौधरी ने हरियाणा विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक चयन को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: Haryana News: चीन की कंपनी पर थाइलैंड में युवक को किडनैप करने का आरोप, छोड़ने के लिए मांग रहे तीन लाख रुपये

chat bot
आपका साथी