Haryana News: राज्य सूचना आयोग ने RTI कानून के नियम में किया संशोधन, अब गुमनाम आवेदनों पर नहीं देंगे जानकारी

हरियाणा में सूचना का अधिकार (Right To Information) के चलते अब आवेदक को अपनी पहचान बतानी जरूरी है। बिना आईडी प्रूफ के आवेदन को जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई जाएगी। इस नियम में राज्य सूचना आयोग ने आपत्ति जताई थी। वहीं अगर पहचान पत्र न होने पर भी किसी ने जानकारी उपलब्ध करवाई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena
Updated: Mon, 10 Jun 2024 05:26 PM (IST)
Haryana News: राज्य सूचना आयोग ने RTI कानून के नियम में किया संशोधन, अब गुमनाम आवेदनों पर नहीं देंगे जानकारी
राज्य सूचना आयोग ने RTI कानून के नियम में किया संशोधन।

HighLights

  1. आवेदन में पहचान छिपाई तो सरकारी कार्यालय नहीं देंगे आरटीआई का जवाब
  2. मुख्य सचिव ने नियमों का सख्ती से पालन करने का दिया आदेश
  3. गुमनाम आवेदनों पर भी जानकारी उपलब्ध करा रहे कई जनसूचना अधिकारी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अगर किसी को कोई जानकारी चाहिए तो आवेदन के साथ पहचान का सबूत यानी आईडी प्रूफ भी लगाना होगा। आवेदन में आवेदक के पते के साथ आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) या सरकारी अथॉरिटी द्वारा जारी पहचान पत्र में से कोई एक जरूर होना चाहिए। पहचान पत्र नहीं होने पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सूचना आयोग ने सरकार को जताई लिखित आपत्ति

आवेदन के साथ पहचान पत्र नहीं होने के बावजूद आरटीआई का जवाब देने के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिस पर राज्य सूचना आयोग ने सरकार को लिखित में आपत्ति जताई है। इस पर एक्शन लेते हुए मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासक, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार तथा विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लिखित आदेश जारी किए हैं।

ये भी पढ़ें: Modi Cabinet: संगठन महामंत्री से केंद्रीय मंत्री तक, मोदी के विश्वास के सहारे सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए मनोहर लाल

सूचना मांगने की अर्जी के साथ देना होगा आई़डी प्रूफ

निर्देशों में कहा गया है कि सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगने वाले को अर्जी के साथ आईडी प्रूफ की फोटो कॉपी भी साथ लगानी होगी। अगर आवेदक अपने आवेदन के साथ पहचान के सबूत नहीं लगाता है तो उसकी आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया जाए। नियमों की अनदेखी कर अगर कोई जन सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी और राज्य जनसूचना अधिकारी आरटीआई का जवाब देते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें: Haryana News: पानी पर रार! सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी हिमाचल ने दिल्ली के लिए नहीं छोड़ा अतिरिक्त पानी