कल पटरियों पर उतरेंगे पानीपत के किसान, गांवों में पदाधिकारी कर रहे दौरे

पानीपत में 18 फरवरी को किसान रेल रोको आंदोलन के चलते पटरियों पर उतरने वाले है। किसान यूनियन से जुड़े पदाधिकारी आस-पास के गांवों में प्रचार प्रसार के लिए जुट गए है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 07:38 AM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 07:38 AM (IST)
कल पटरियों पर उतरेंगे पानीपत के किसान, गांवों में पदाधिकारी कर रहे दौरे
कल पटरियों पर उतरेंगे पानीपत के किसान, गांवों में पदाधिकारी कर रहे दौरे

जागरण संवाददाता, पानीपत : 18 फरवरी को किसान रेल रोको आंदोलन के चलते पटरियों पर उतरने वाले है। किसान यूनियन से जुड़े पदाधिकारी आस-पास के गांवों में प्रचार प्रसार के लिए जुट गए है। उन्होंने मंगलवार को जाटल, डाहर सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों का दौरा किया। किसान नेता बिटू मलिक ने बताया कि मंगवालर को भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप बलाना के साथ पदाधिकारियों ने जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर छोटूराम जयंती मनाई। किसानों को रेल रोको आंदोलन की निर्धारित तारीख बताने के साथ-साथ उन्होंने ग्रामीणों से भी आंदोलन में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

जीआरपी और आरपीएफ ने मांगी फोर्स

स्टेशन अधीक्षक धीरज कपूर स्टेशन और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। यात्रियों को सफर के दौरान कोई परेशानी ना हो, इसलिए स्थानीय थाना प्रभारियों ने हेडक्वार्टर में पत्र लिखकर भारी पुलिस बल की मांग की है।

उर्स मनाने शहर पहुंच रहे जायरीन, सड़क किनारे सजने लगे बाजार

जागरण संवाददाता, पानीपत : देश के विभिन्न हिस्सों से जायरीन उर्स मनाने के लिए शहर में पहुंचने लगे हैं। बलजीत नगर चौकी से शुरू हुआ बसों का काफिला उझा मोड़ तक पहुंच चुका है। स्थानीय लोगों ने सडक किनारे फुटपाथ पर ही कंबल, कपड़ों, जूतों और अन्य सामान संबंधी दुकानें सजानी शुरू कर दी हैं। सुबह और शाम के समय सड़क पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है। शहर पहुंचे जायरीन दिन में बू-अली कलंदर शाह दरगाह और शहर की अन्य मस्जिदों का भ्रमण करते है। फिर शाम को बसों में आराम करने के लिए पहुंच जाते हैं। लोगों का आवागमन बढ़ने के कारण अक्सर जाम लगने की स्थिति बन जाती है। वहीं ट्रैफिक पुलिस भी राहगीरों की इस परेशानी को देखकर अनदेखा कर देती है।

सेक्टरवासी मनोज, अशोक, सुभाष, राघव, अभिषेक का कहना है कि उर्स समागम शुरू होते ही इस बार फिर से उनकी परेशानियां बढ़ने लगी हैं। दिनभर शोरगुल रहने के कारण घरों के बाहर टहलना तक मुश्किल हो जाता है। दिन ढलते ही भीड़ का फायदा उठाकर रात के समय शरारती तत्व आपराधिक वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते है। अक्सर शरारती तत्व घरों की तरफ पत्थर उछाल कर घर और गाड़ियों के शीशे तोड़ देते है।

ये है मांग

सेक्टरवासियों का कहना है कि उर्स मनाने आए जायरीनों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को अलग से पार्किग का बंदोबस्त करना चाहिए। ताकि सड़क पर चलने वाले राहगीरों और सेक्टरवासियों को कोई परेशानी ना हो। कटारिया लैंड या मित्तल माल के पास खाली पड़े ग्राउंड में जायरीनों के ठहरने का इंतजाम होना चाहिए।

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