ट्रेनों में यात्री अपने सामान का खुद जिम्मेदार, हरियाणा में बेखबर हैं पहरेदार, सुरक्षा भगवान भरोसे

Train Security यदि हरियाणाा में ट्रेनों में सुरक्षा ईश्‍वर के भरोसे है। राज्‍य में यात्री अपने सामान के खुद जिम्‍मेदार हैं। ऐसा इसलिए कि जीआरपी को ट्रेनों के बारे में ठीक से जानकारी तक नहीं मिल पा रही है। इससे यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 09:45 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 09:45 AM (IST)
ट्रेनों में यात्री अपने सामान का खुद जिम्मेदार, हरियाणा में बेखबर हैं पहरेदार, सुरक्षा भगवान भरोसे
हरियाणा में ट्रेनों में सुरक्षा के पर्याप्‍त प्रबंध नहीं हैं। (फाइल फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। स्टेशन पर एंट्री करते ही 'आपकी यात्रा मंगलमय हो' की उद्घोषणा आपको सुनाई देती है, लेकिन अब यात्रियों को अपने सामान की भी खुद ही जिम्मेदारी संभालनी होगी। वैसे तो राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) हरियाणा के कंधों पर ही प्रदेश में दौड़ रहीं 160 ट्रेनों के कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, लेकिन इन पहरेदारों को यह पता ही नहीं चलता कि कौन सी ट्रेन कब चली और बंद हो गई।

कोरोना काल में बंद होने के बाद पटरी पर उतर रहीट्रेनों की जानकारी रेलवे से जीआरपी को नहीं मिल रही

कोरोना काल में बंद हुई ट्रेनों को धीरे-धीरे स्पेशल ट्रेन का दर्जा देकर पटरी पर उतारा जा रहा है, लेकिन इसकी सूचना जीआरपी को नहीं मिल पाती। यही कारण है कि अजमेर से अमृतसर जाने वाली ट्रेन में भी पिछले दिनों वारदात हो गई, लेकिन किसकी गश्त थी, इसकी जिम्मेदारी तय नहीं की गई। यह वारदात हिसार से जाखल के बीच बरवाला स्टेशन के पास हुई थी।

प्रदेश में दौड़ रहीं 160 ट्रेनों में कईं ट्रेनें भगवान भरोसे, अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस में नहीं था कोई सुरक्षा कर्मी

बता दें कि कोरोना काल से पहले हरियाणा से 448 ट्रेनें अप-डाउन में चलती थीं। इन में से 213 ट्रेनों में सुरक्षा का जिम्मा जीआरपी का होता था। कोरोना काल में ट्रेनें बंद हो गईं लेकिन अब फिर धीरे-धीरे पटरी पर उतार दी गईं। पैसेंजर ट्रेनों को रेलवे ने मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर पटरी पर तो उतार दिया, लेकिन जीआरपी को इसकी भी जानकारी नहीं मिली।

ऐसे में जीआरपी ने प्रदेश के सोलह थानों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि वे पता करें कि किस-किस ट्रेन में उनकी गश्त होती थी और वे चलीं हैं या नहीं। यही कारण है कि मौजूदा समय में ट्रेनें तो 160 चल रही हैं, लेकिन जीआरपी की गश्त 60 ट्रेनों में ही हैं। 18 ट्रेनों में आरपीएफ (रेलवे प्रोटक्शन फोर्स) की गश्त है। शेष ट्रेनें बिना सुरक्षा के ही दौड़ रही हैं।

10 अप्रैल से और ट्रेनें पटरी पर उतरने जा रहीं

दस अप्रैल से देश में 68 ट्रेनें पटरी पर उतरने जा रही हैं, जिसमें से कईं हरियाणा से होकर गुजरेंगी। अभी तक रेलवे ने जीआरपी को हरियाणा से निकलने वाली ट्रेनों में कोई भी जानकारी नहीं दी। ऐसा माना जा रहा है कि जीआरपी अब इन ट्रेनों में गश्त ही नहीं लगाएगा। ट्रेन के चलने के बाद संबंधित थाना ट्रेन के चलने की सूचना देगा, जिसके बाद गश्त लगाने की सूचना शुरू की जाएगी।

स्टाफ की भी कमी के चलते गश्त में कटौती

जीआरपी में स्टाफ की कमी के चलते भी कर्मचारियों की गश्त में भी कटौती की जा रही है। प्रदेश में पहले जहां करीब 1500 कर्मचारियों की संख्या होती थी, जो अब घटकर 1062 के करीब रह गई है। इतना ही नहीं जीआरपी के लिए 350 जवानों की स्पेशल भर्ती की गई थी, लेकिन इनकी नियुक्ति जिलों में कर दी गई। हालांकि रेलवे पुलिस के अधिकारियों ने दूसरे जिलों में तैनात किए गए जवानों को वापस जीआरपी में लाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।

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