Sonipat News: माता और मातृभूमि की छवि स्वर्ग से ज्यादा प्रभावी: कविता जैन

माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। यही कारण रहा कि देश को आजाद कराने के लिए युवाओं ने नौकरी और सुविधाओं को त्याग दिया। बच्चों को जन्म से ही शिक्षा के साथ देशभक्ति के संस्कार दिए जाने की जरूरत है। यह केवल अग्निहोत्र ही नहीं है इससे जीवन को यज्ञमय बनाने की प्रेरणा मिलती है। पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Publish:Sun, 18 Sep 2022 05:35 PM (IST) Updated:Sun, 18 Sep 2022 05:35 PM (IST)
Sonipat News: माता और मातृभूमि की छवि स्वर्ग से ज्यादा प्रभावी: कविता जैन
माता और मातृभूमि की छवि स्वर्ग से ज्यादा प्रभावी

जागरण संवाददाता, सोनीपत: माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। यही कारण रहा कि देश को आजाद कराने के लिए युवाओं ने नौकरी और सुविधाओं को त्याग दिया। बच्चों को जन्म से ही शिक्षा के साथ देशभक्ति के संस्कार दिए जाने की जरूरत है। यह केवल अग्निहोत्र ही नहीं है, इससे जीवन को यज्ञमय बनाने की प्रेरणा मिलती है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन आर्य समाज माडल टाउन में पांचवें दिन की सभा को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि धर्म, समाज और परिवार से पहले राष्ट्र है। यही कारण रहा है वेदो वाले महर्षि ने कहा कि जब मेरा देश ही नहीं रहेगा, तो हम भजन-पूजन कहां करेंगे। वैदिक भजनोपदेशक भानुप्रकाश शास्त्री ने कहा कि स्वामी दयानंद ने बिल्कुल स्पष्ट उदघोष किया कि विदेशी राजा चाहे माता-पिता के समान प्यार करने वाला ही क्यों न हो, स्वदेशी राजा से अच्छा नहीं हो सकता।

वैदिक प्रवक्ता आचार्य जयेंद्र आर्य ने कहा कि हमको सत्य के मार्ग से कभी विचलित नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। संस्था प्रधान अर्जुनदेव दुरेजा की अध्यक्षता व हरिचंद स्नेही की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वैदिक पुरोहित आचार्य सतनदेव सत्यम ने कोरोना के बाद अब विधिवत आयोजन आयोजित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में सुरेंद्र खुराना, ज्ञानेश्वर त्यागी, सरला ठक्कर, सुनील सचदेवा, महेश जुनेजा , नरेश सहगल, कौशल्या अरोड़ा, निर्मल रेलन, मंजू आर्या व ज्ञान ठक्कर मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी