खतरे में बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर, पहाड़ी पर कटाव से पुजारी-श्रद्धालुओं में डर, श्राइन बोर्ड का ध्यान सिर्फ धर्मशाला बनाने पर

Badrinath Kedarnath Temples Danger आदिबद्री में सरस्वती उद्गम स्थल के साथ द्वापर कालीन बद्रीनाथ और केदारनाथ व माता मंत्रा का मंदिर है। श्रीबद्रीनाथ मंदिर के मुख्य दीवार के नीचे से निरंतर पहाड़ी में कटाव हो रहा है। जिससे दीवार कमजोर होती जा रही है। पिछली बरसात में श्रीबद्रीनाथ मंदिर से श्रीकेदारनाथ मंदिर में जाने के लिए सोम नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया।

By Jagran NewsEdited By: Sushil Kumar Publish:Sun, 23 Jun 2024 05:57 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jun 2024 05:57 PM (IST)
खतरे में बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर, पहाड़ी पर कटाव से पुजारी-श्रद्धालुओं में डर, श्राइन बोर्ड का ध्यान सिर्फ धर्मशाला बनाने पर
Badrinath Kedarnath Temples Danger: पहाड़ी पर कटाव से खतरे में आस्था का केंद्र।

HighLights

  • श्री आदिबद्री क्षेत्र में 13 करोड़ 86 लाख की लागत से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
  • जल्द से कटाव को ठीक करा दिया जाएगा।
  • दीवार के नीचे कटाव की दिक्कत है तो इसकी जांच की जाएगी।

पोपीन पंवार, यमुनानगर। प्राचीन धार्मिक स्थल श्री आदिबद्री में श्रीबद्रीनाथ व श्रीकेदरनाथ मंदिर को खतरा बना हुआ है। सबसे ज्यादा दिक्कत श्री बद्रीनाथ मंदिर को है। मंदिर की दीवार वाली पहाड़ी में नीचे की तरफ कटाव हो रहा है। अब पुजारी व श्रद्धालुओं को डर सता रहा है कि बरसाती सीजन में ज्यादा कटाव होने से मंदिर को भारी नुकसान हो सकता है।

इस बारे में प्रशासन को कई बार सूचित किया गया, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हैं। इसको लेकर संत समाज में प्रशासन व राजनीतिक दलों से भी नाराजगी है। उनका कहना है कि कोई भी प्राचीन धार्मिक स्थल को बचाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों का ध्यान केवल धर्मशाला बनाने तक सिमटा हुआ है।

क्या बोले एसडीएम और प्रधान पुजारी 

प्रधान पुजारी राजेश्वरी शास्त्री का कहना है कि इस स्थल का महत्वता मंदिरों से है, ना कि धर्मशालाओं से, लेकिन अधिकारी यह बात समझने को तैयार नहीं हैं। वहीं बिलासपुर एसडीएम देवेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि इस तरह का कोई मामला है तो वह चेक करवा लेते हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा। संत व श्रद्धालु भी उनसे इस मामले में मिल सकते हैं।

लगातार कमजोर हो रही दीवार

आदिबद्री में सरस्वती उद्गम स्थल के साथ द्वापर कालीन बद्रीनाथ, श्रीकेदारनाथ व माता मंत्रा का मंदिर हैं। श्रीबद्रीनाथ मंदिर के मुख्य दीवार के नीचे से निरंतर पहाड़ी में कटाव हो रहा है। जिससे दीवार कमजोर होती जा रही है। पिछली बरसात में श्रीबद्रीनाथ मंदिर से श्रीकेदारनाथ मंदिर में जाने के लिए सोम नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया।

मिट्टी के कट्टे लगाकर कटाव रोका हुआ है। श्री केदारनाथ मंदिर के निकट कटाव रोकने के लिए रिटर्निंग वाल का निर्माण हो रहा था। दीवार के निर्माण के बाद मंदिर व दीवार के बीच में मिट्टी से भराव होना था, लेकिन दीवार का काम अधर में छोड़ दिया।

मंदिर में दीवार के बीच का स्थान खाली है। मंदिर की दीवार व फर्श में दरारें आने लगी हैं। जिससे श्रद्धालु और मंदिर के पुजारी घबराए हुए हैं। केदारनाथ मंदिर की सामने वाली दीवार पर पहाड़ों से आने वाली मिट्टी व पानी को रोकने के लिए भी मिट्टी भर कर कट्टे लगाए थे। उसके बाद कोई काम नहीं किया। बरसात से सीजन फिर से आने वाला है।

पुल का निर्माण भी धीमीगति से

श्री आदिबद्री में पुल क्षतिग्रस्त होने पर नए पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ लेकिन पुल का निर्माण कार्य बहुत से धीमी गति से चल रहा है। जिससे मंदिर के पुजारी व श्रद्धालु संतुष्ट नहीं है। अभी 10 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ। 30 जून के बाद बरसाती सीजन शुरू हो जाएगा।

इस दौरान निर्माण कार्य नहीं हो सकता। दंडी स्वामी विनय आश्रम महाराज का कहना है कि प्राचीन धार्मिक स्थल को विकसित करने की ओर प्रशासन व सरकार गंभीर नहीं है। अधिकारी इस स्थल की महत्ता के प्रति भी गंभीर नहीं है। जिस कारण इस तरह के हालात बने हुए हैं।

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कटाव रोकने का काम जल्द होगा: जेई

पीडब्ल्यूडी के जेई अनुराग जिंदल का कहना है कि मंदिर की दीवार के नीचे कटाव की दिक्कत है तो इसकी जांच के लिए खुद जाएंगी। जल्द से कटाव को ठीक करा दिया जाएगा। श्री आदिबद्री क्षेत्र में 13 करोड़ 86 लाख की लागत से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।

इसमें पहाड़ी क्षेत्र में रिटर्निंग वाल, पुजारी कक्ष व लंगर हाल का निर्माण करवाया गया है। श्री केदारनाथ मंदिर में कीर्तन हाल, पुजारी कक्ष शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। श्री केदारनाथ मंदिर के समीप पहाड़ों के साथ रिटर्निंग वाल का निर्माण भी हो रहा है। सोम नदी पर पुल का निर्माण चल रहा है।

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