Bilaspur AIIMS: लोगों को इलाज के दूसरे राज्यों का नहीं लगाना पडे़गा चक्कर, बिलासपुर एम्स में मिलेंगी ये सुविधाएं
बिलासपुर में एम्स खुलने से पड़ोसी राज्यों के लोग भी यहां आसानी से पहुंचकर इलाज करवा सकेंगे। एम्स बिलासपुर में जल्द ही पल्मनेरी मेडिसिन समेत चार विभागों में शीघ्र ओपीडी सुविधा शुरू होगी। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में पेसमेकर लगाने व बच्चों के हृदय में छेद को डिवाइस से बंद करने सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज यहां हो रहा है। यहां पर अभी 597 बिस्तर की सुविधा है।
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HighLights
- बिलासपुर एम्स में मिलेगी दिल्ली एम्स जैसी सुविधाएं
- एम्स खुलने से पड़ोसी राज्यों के लोग भी यहां आसानी से पहुंचकर इलाज करवा सकेंगे
- जल्द ही पल्मनेरी मेडिसिन समेत चार विभागों में शीघ्र ओपीडी सुविधा शुरू होगी
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में रिकॉर्ड समय में तैयार हुआ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Bilaspur AIIMS) बड़ी उपलब्धि है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के एक छोर में बने इस संस्थान से हिमाचल ही नहीं पड़ोसी राज्य पंजाब के लोगों को भी लाभ मिलेगा।
वर्तमान में यहां कई सेवाएं शुरू हुई हैं जबकि केंद्र सरकार की सहायता से यहां पर चिकित्सा सुविधाओं में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी आधारशिला
प्रदेश में पहली बार किसी बड़े प्रोजेक्ट को इतने कम समय में पूरा किया गया है। साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी और साल 2022 में इसका उद्घाटन किया था।
इस एम्स में अभी कई नए विभाग यहां पर खुलना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होना बाकी है। साथ ही मशीनरी आदि भी स्थापित होगी। इसके बाद लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाने से छुटकारा मिलेगा।
एम्स दिल्ली जैसी सुविधाएं यहां मिलने के बाद प्रदेश के लोगों को नजदीक ही इलाज होगा और अन्य राज्यों में न जाने से धन की बचत भी होगी।
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पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी मिलेगा फायदा
बिलासपुर में एम्स खुलने से पड़ोसी राज्यों के लोग भी यहां आसानी से पहुंचकर इलाज करवा सकेंगे। एम्स बिलासपुर में जल्द ही पल्मनेरी मेडिसिन समेत चार विभागों में शीघ्र ओपीडी सुविधा शुरू होगी।
एम्स प्रबंधन ने चारों विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद भरने की तैयारी कर ली है। एम्स प्रबंधन पल्मनेरी मेडिसिन, पीएमआर, मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी व सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी ओपीडी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इन विभागों के शुरू होने से लोगों को आइजीएमसी शिमला व पीजीआइ चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा।
247 एकड़ (99.96 हेक्टेयर) भूमि में फैले एम्स बिलासपुर में वर्तमान में 21 विभाग काम कर रहे हैं। इस साल संस्थान में कैथ लैब स्थापित की गई है जिससे हृदय रोगियों को एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी व स्टंट डालने जैसी तत्काल जीवन रक्षक प्रक्रियाओं की सुविधा उपलब्ध हो रही है।
हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में पेसमेकर लगाने व बच्चों के हृदय में छेद को डिवाइस से बंद करने सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज यहां हो रहा है। यहां पर अभी 597 बिस्तर की सुविधा है।
इन विभागों में मिल रही ओपीडी की सुविधा
एम्स बिलासपुर में जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, बाल रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग, हड्डी रोग, चर्म रोग, ईएनटी, नेत्र रोग, एंडोक्रिनोलाजी, मनोरोग, हृदय चिकित्सा, मेडिकल आन्कोलाजी, दंत रोग, रेडिएशन आन्कोलाजी, सर्जरी आन्कोलाजी, प्लास्टिक सर्जरी, नियोनेटोलाजी, क्लीनिकल इम्यूनोलाजी, स्मेटोलाजी (गठिया) पीएसी, नेफ्रोलाजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, न्यूरोलाजी, मनोरोग, सीटीवीएस सर्जरी आन्कोलाजी, न्यूरो सर्जरी, इंटरवेंशनल रेडियोलाजी, यूरोलाजी, एनसीडी (डायबिटिक क्लीनिक) जैसे विभागों में ओपीडी की सुविधा मिल रही है।
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