Himachal News: 'भाजपा ने इतना कर्ज लिया कि चुकाने के लिए लोन लेना पड़ रहा है', सीएम सुक्खू ने साधा निशाना

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम सुक्खू ने आपदा के हिमाचल प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगाया। वित्त आयोग (Finance Commission) की बैठक के बाद सीएम सुक्खू ने पहले की भाजपा सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने हिमाचल को कर्ज के नीचे दबा दिया।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajiv Mishra Publish:Tue, 25 Jun 2024 02:48 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 02:48 PM (IST)
Himachal News: 'भाजपा ने इतना कर्ज लिया कि चुकाने के लिए लोन लेना पड़ रहा है', सीएम सुक्खू ने साधा निशाना
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा पर साधा निशाना (फाइल फोटो)

HighLights

  • भाजपा ने हिमाचल को कर्ज के नीचे दबा दिया- सीएम सुक्खू
  • अनुदान राशि को घटाकर का लगाया आरोप
  • 'पंद्रहवें वित्त आयोग के समक्ष राज्य का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया'

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा में हिमाचल प्रदेश के साथ अनदेखी हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से पिछले वर्ष मानसून की वर्षा के कारण आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की एवज में 9,042 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक नहीं किया है।

सीएम सुक्खू ने भाजपा पर बोला हमला

इतना ही नहीं, पूर्व प्रदेश भाजपा सरकार के समय मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान राशि को प्रति वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 3,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्त आयोग से बैठक के उपरांत पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए अभूतपूर्व ऋण लिया और राज्य को ऋण के नीचे दबा दिया। अब हालत ये है कि सरकार को ऋण का ब्याज चुकाने के लिए भी ऋण लेना पड़ रहा है।

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राज्य का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया- सीएम सुक्खू

उन्होंने पिछली भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पंद्रहवें वित्त आयोग के समक्ष राज्य का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया था। जिसके कारण राज्य कों राजस्व घाटा अनुदान में कम धनराशि प्राप्त हुई। हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्रहित में 68 फीसदी वन क्षेत्र को संरक्षण प्रदान करके हरित आवरण को क्षति नहीं होने दी है।

उन्होंने कहा कि उड़ीसा में आने वाले चक्रवात की तुलना को हिमाचल प्रदेश में बरसात से होने वाले भारी लैंड स्लाइड से नहीं की जा सकती।

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