हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने पेश किया हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक, 13 अप्रचलित कानून होंगे रद्द

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को उन 13 कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया जिसका नाम हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक-2023 है। इसके आने से जो अधिनियम अपना महत्व खो चुके हैं या अप्रचलित और निरर्थक हो गए है उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव है। पंजाब तंबाकू बिक्री शुल्क (निरसन) अधिनियम 1953 भी निरस्त हो जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 20 Sep 2023 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 20 Sep 2023 07:26 PM (IST)
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने पेश किया हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक, 13 अप्रचलित कानून होंगे रद्द
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने 13 अप्रचलित कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पेश किया

HighLights

  • हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने 13 अप्रचलित कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पेश किया
  • सीएम बोले- जो अधिनियम अपना महत्व खो चुके हैं उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव है
  • नए कानून को हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक-2023 कहा जाएगा

शिमला, पीटीआई: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सीएम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को उन 13 कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया जिनकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है। नए कानून को हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक-2023 कहा जाता है।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही बड़ी बात

सीएम सुक्खू ने कहा कि जो अधिनियम अपना महत्व खो चुके हैं या अप्रचलित और निरर्थक हो गए हैं या जिन्हें अलग, स्वतंत्र और विशिष्ट अधिनियम के रूप में बनाए रखना अनावश्यक है, उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव है।

निरस्त किए जाने के लिए प्रस्तावित अधिनियमों में प्रेसीडेंसी लघु वाद न्यायालय अधिनियम, 1882 शामिल हैं; कृषक ऋण अधिनियम, 1884; प्रांतीय लघु वाद न्यायालय अधिनियम, 1887; मंडी लघु वन उपज शोषण और निर्यात अधिनियम, 1997 और 1941 शामिल हैं। साथ ही चंबा लघु वन उपज शोषण और निर्यात अधिनियम, 2003 और पंजाब तंबाकू बिक्री शुल्क (निरसन) अधिनियम, 1953 को भी निरस्त करने का प्रस्ताव है।

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इन कानून को भी कर दिया जाएगा निरस्त

इस नए कानून के आने के बाद हिमाचल प्रदेश निजी वन अधिनियम, 1954; पंजाब श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1965; पंजाब व्यवसाय, व्यापार, व्यवसाय और रोजगार कराधान (हिमाचल प्रदेश निरसन) अधिनियम, 1968; हिमाचल प्रदेश वन संरक्षण और वन आधारित आवश्यक वस्तु आपूर्ति अधिनियम, 1984 को भी निरस्त कर दिया जाएगा।

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