Modi Cabinet 3.0: मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बने जेपी नड्डा, जानिए ABVP से कैबिनेट मिनिस्टर तक का राजनीतिक सफर

हिमाचल प्रदेश के जेपी नड्डा (JP Nadda) को मोदी सरकार 3.0 में कैबिनेट मंत्री के तौर पर जगह मिल गई है। वो इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे जिसका कार्यकाल 30 जून को पूरा होने वाला है। वहीं कैबिनेट में वो दूसरी बार मंत्री पद रहेंगे। इससे पहले वो 9 नवंबर 2014 से 24 मई 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के पद पर रह चुके हैं।

By Jagran NewsEdited By: Deepak Saxena Publish:Sun, 09 Jun 2024 08:48 PM (IST) Updated:Sun, 09 Jun 2024 08:48 PM (IST)
Modi Cabinet 3.0: मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बने जेपी नड्डा, जानिए ABVP से कैबिनेट मिनिस्टर तक का राजनीतिक सफर
मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बने जेपी नड्डा।

HighLights

  • मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हिमाचल के जेपी नड्डा
  • राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का कार्यकाल जून में समाप्त

जागरण संवाददाता, शिमला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। रविवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। वो दूसरी बार मोदी सरकार में मंत्री बने हैं। 9 नवंबर 2014 से 24 मई 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के पद पर रहे हैं।

जून 2019 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व जनवरी 2020 में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने देशभर में शानदार प्रदर्शन किया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर उनका कार्यकाल पूरा हो गया था। अब उन्हें दोबारा केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया है। संगठन में बेहतरीन कार्य के बूते ही उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिला है। केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने कई कार्य सौगातें हिमाचल को दी थी। अब दोबारा मंत्री बनने से उम्मीद है कि हिमाचल को कई बड़े प्रोजेक्ट मिल सकेंगे।

अनुराग किए ड्रॉप, संगठन में मिल सकता है बड़ा पद

हमीरपुर से सांसद व पूर्व केंद्रिय मंत्री अनुराग ठाकुर को इस बार मोदी-3 कैबिनेट में स्थान नहीं मिल पाया है। उन्हें मंत्रिपद न मिलने से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ उनके करीबियों को भी निराशा हाथ लगी है। अनुराग ठाकुर पांचवी बार हमीरपुर से सांसद बने हैं। चर्चा है कि वरिष्ठता के आधार पर उन्हें पार्टी में बड़ा पद मिल सकता है। हालांकि इसको लेकर अभी कुछ भी क्लीयर नहीं है। उन्हें कैबिनेट में स्थान न मिलने को लेकर कई तरह की चर्चा है।

हमीरपुर से अनुराग ठाकुर भले ही जीते हैं, मगर उनके संसदीय क्षेत्र में पार्टी उप चुनाव हारी है। जिन विधानसभा क्षेत्रों से उन्हें लीड मिली वहां भाजपा उप चुनाव में हारी है। सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर है, कुछ इसे मंत्री पद न मिलने से जोड़ रहे हैं।

जेपी आंदोलन में जुड़े रहे हैं नड्डा

जगत प्रकाश नड्डा मूलरूप से हिमाचल के बिलासपुर के रहने वाले हैं। हालांकि, नड्डा का जन्म पटना में हुआ। सेंट जेवियर स्कूल पटना से पढ़ाई की। इसके बाद पटना कॉलेज से स्नातक डिग्री की। यहां वह एबीवीपी से जुड़े और कई छात्र आंदोलनों में हिस्सा लिया। उनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। बाद में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति बने। नड्डा 1975 में जय प्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़े।

पटना से बीए की पढ़ाई के बाद वापिस हिमाचल आए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से लॉ की पढ़ाई की। 1984 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एबीवीपी पहली बार एससीए का चुनाव लड़े व अध्यक्ष जीते। 1986 से 89 तक एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे। नड्डा 31 साल की उम्र में 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। यहीं से नड्डा की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हुई।

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धूमल से नहीं बैठा तालमेल, भाजपा ने दिल्ली बुलाया

नड्डा वर्ष 1993 में बिलासपुर से पहली बार विधायक का चुनाव जीते। दूसरी बार 1998 में दोबारा विधायक बने। नड्डा इस कार्यकाल में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बने। 2007 में नड्डा फिर चुनाव जीते और प्रदेश के वन मंत्री बनाए गए। 2003 के बाद हिमाचल में धूमल, नड्डा और शांता कुमार भाजपा के बड़े खेमे थे। नड्डा और धूमल के बीच तालमेल नहीं बैठा। कहा जाता है कि 2012 में नड्डा को दिल्ली बुला लिया गया। पार्टी ने राज्यसभा सदस्य बनाया। 2014 में मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने।

एक नजर जगत प्रकाश नड्‌डा के बारे में...

2 दिसंबर 1960 को पटना में जन्म। पटना विश्वविद्यालय से बीए पास किया। जयप्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़कर राजनीति की शुरुआत। साल 1982-85 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की डिग्री की। साल 1986 से 89 तक एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव और 1990 में प्रदेश संगठन मंत्री बने। साल 1991 में भाजमुयो के राष्ट्रीय अध्यक्ष। साल 1993 में दोबारा अध्यक्ष चुने गए। साल 1993 में हिमाचल में पहला विधानसभा चुनाव जीता। नेता प्रतिपक्ष बने। साल 1998 में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाए गए। साल 2008 के कैबिनेट में वन मंत्री बनाया गया। साल 2010 में भाजपा की मुख्यधारा की राजनीति में आए। राष्ट्रीय सचिव बने। साल 2012 में राज्यसभा सदस्य बनाए गए। भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बने। साल 2014 से 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया। जून 2019 में भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। जनवरी 2020 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

एचपीयू से छात्र राजनीति, सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

जेपी नड्डा ने पटना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में सक्रिय होकर कई छात्र आंदोलनों व 1975 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन में भूमिका निभाई। नड्डा एबीवीपी से भाजपा के शीर्ष तक पहुंचे। उन्होंने संगठनात्मक कार्य की दृष्टि से कई प्रदेशों के प्रभारी व चुनाव प्रभारी के रूप में कार्य किया जिनमें जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, केरल व उत्तर प्रदेश प्रमुख हैं।

एबीवीपी में कब क्या रहे

1983 हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में एबीवीपी के पूर्णकालीन कार्यकर्ता के रूप हिमाचल में संगठन मंत्री रहे। 1985-89 दिल्ली में एबीवीपी के पूर्णकालीन कार्यकर्ता के रूप में संगठन मंत्री। कई छात्र आंदोलनों का नेतृत्व किया। 1989 में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाई। 1990 भाजपा में संगठन मंत्री की जिम्मेदारी के साथ हिमाचल प्रदेश भेजे गए। 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में कार्य करते हुए तिरंगा यात्रा में युवाओं के साथ रहे।

कैबिनेट से अनुराग ठाकुर आउट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर को स्थान नहीं मिल पाया है। इससे पहले वह केंद्र सरकार में एक बार राज्य वित्त मंत्री और दूसरी बार खेल व सूचना एवं जनप्रसार का काम देख चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर पांचवीं बार सांसद बने हैं।

हिमाचल में क्रिकेट स्टेडियम बनाने से लेकर पूरे देश में खेल को बढ़ावा देने का काफी से इन्हें जाता है। इस बार गठबंधन की सरकार में इन्हें मौका नहीं मिल पाया। इस बार केंद्र में मोदी सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है इसलिए गठबंधन में सभी को साथ लेकर चलना है। जिसके चलते पार्टी ने अपने कई मंत्रियों को ड्रॉप किया है।

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