बजट सत्र में 13 हजार करोड़ से अधिक का सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी सुक्खू सरकार, क्यों पेश होगा ये बजट जाने यहां?

Himachal Budget 2024 सरकार का वार्षिक बजट वास्तविकता से परे तैयार होता है। जिसका परिणाम ये है कि प्रदेश सरकार को वित्त वर्ष के अंत में सप्लीमेंट्री बजट यानि अनुपूरक बजट (Supplementary budget 2024) पारित करना पड़ता है। ये तय है कि फरवरी में शुरू हो रहे बजट सत्र में 13 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पेश होगा।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Preeti Gupta Publish:Thu, 01 Feb 2024 10:13 AM (IST) Updated:Thu, 01 Feb 2024 10:13 AM (IST)
बजट सत्र में 13 हजार करोड़ से अधिक का सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी सुक्खू सरकार, क्यों पेश होगा ये बजट जाने यहां?
बजट सत्र में 13 हजार करोड़ से अधिक का सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी सुक्खू सरकार

HighLights

  • 10 फीसदी तक सरकार का बजट वास्तविकता से परे होता है
  • हर महीने सरकार दूसरे सप्ताह तक ओवर ड्राफ्ट से गुजरती है
  • जट में वेतन-पेंशन को कमतर रखा जाता है

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Budget 2024: सरकार का वार्षिक बजट वास्तविकता से परे तैयार होता है। जिसका परिणाम ये है कि प्रदेश सरकार को वित्त वर्ष के अंत में सप्लीमेंट्री बजट यानि अनुपूरक बजट पारित करना पड़ता है। ये तय है कि फरवरी में शुरू हो रहे बजट सत्र में 13 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पेश होगा।

क्यों पेश होता है अनपूरक बजट?

ऐसा नहीं है कि अनुपूरक बजट पहली बार आ रहा है, किसी भी सरकार का रिवाज हो चुका है कि सरकार में निर्धारित नहीं किया जाता कि कितना खर्च होना है, कहां खर्च होना है और कब खर्च होना है। जिस का परिणाम ये रहता है कि नए पेश होने वाले बजट से पहले अधिक खर्च को सरकार पारित करने के लिए विधानसभा के समक्ष लाती है।

बजट से 13 हजार करोड़ा ज्यादा खर्च कर चुकी हिमाचल सरकार

पिछली सरकार के अंतिम वर्ष में 13141 करोड़ के अतिरिक्त व्यय को मौजूदा सरकार ने पारित करके बजट का हिस्सा बनाया था। लेकिन मौजूदा सरकार को हर क्षेत्र में चौकस माना जा रहा था और वित्त प्रबंधन सही होने की संभावना लगती थी, मगर सरकार बजट से 13 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर चुकी है और विधानसभा की मोहर लगाने के लिए अनुपूरक बजट पेश होगा।

अनुपूरक बजट के पीछे ठोस कारण

अनुपूरक बजट कैसे हजारों करोड़ का तैयार हो जाता है, इसके पीछे कई तरह के ठोस कारण है। वित्त मामलों के अनुभवी लोगों का मत है कि ऐसा जानबूझकर किया जाता है। करीब 10 फीसदी बजट वास्तविकता से दूर रखा जाता है। कर्मचारियों के वेतन-पेंशन के खर्च को कम दिखाया जाता है।

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केंद्र-राज्यों की प्रायोजित स्कीमों को अनुपूरक बजट में किया जाता है शामिल

इसके अतिरिक्त राज्य प्रायोजित और केंद्र प्रायोजित स्कीमों की धनराशि को भी अनुपूरक बजट में शामिल किया जाता है। केंद्र प्रायोजित स्कीमों का बजट वित्त वर्ष शुरू होने के बाद में आता है। प्रदेश सरकार की ओर से शुरू होने वाली नई स्कीमों के लिए धनराशि का निर्धारण सामान्य तौर पर बाद में निश्चित होता है।

सरकार का पहला बजट 53413 करोड़ का था

सुक्खू सरकार का पहला बजट 53413 करोड़ का पेश किया गया था। इसमें अनुपूरक बजट की संभावित 13 हजार करोड़ की धनराशि को शामिल कर लिया जाए तो कुल बजट 66 हजार करोड़ पहुंचेगा। वित्त विशेषज्ञों का मत है कि इस तरह की स्थिति आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्य के लिए उचित नहीं है। बजट से अधिकतम दो फीसदी अधिक खर्च होना समझ में आता है।

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