Himachal News: कभी भूस्खलन तो कभी अवैध डंपिंग... हिमाचल में बन रहा पहला 'ग्रीन कॉरिडोर' लोगों के लिए बना परेशानी

हिमाचल प्रदेश का पहला निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। खराब मौसम के चलते कभी भूस्खलन तो कभी पानी भराव। यहां के स्थानीय लोगों के लिए आए दिन कोई न कोई परेशानी खड़ी हो ही जाती है। सोमवार शाम को उतरी गांव में भूस्खलन से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर गई है जिसके चलते हाइवे 24 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा।

By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma Publish:Tue, 25 Jun 2024 06:40 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 06:40 PM (IST)
Himachal News: कभी भूस्खलन तो कभी अवैध डंपिंग... हिमाचल में बन रहा पहला 'ग्रीन कॉरिडोर' लोगों के लिए बना परेशानी
हिमाचल में पहला ग्रीन कॉरिडोर बन रहा है (फाइल फोटो जागरण)

HighLights

  • ग्रीन कॉरिडोर बना सिरमौर की जनता के लिए परेशानी
  • यहां आए दिन भूस्खलन की घटनाएं हो जाती हैं
  • हाईवे का पिछले तीन साल से काम चल रहा है

जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश का पहला निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर अब जिला सिरमौर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। भारी भूस्खलन के चलते यह निर्माणाधीन हाईवे कभी भी कहीं भी बंद हो जाता है।

सोमवार शाम 7:00 बजे से मंगलवार देर शाम तक हाईवे उतरी गांव में बंद रहा। सोमवार शाम को उतरी गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर गई है, जिसके चलते एनएच 24 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा।

इसका निर्माण अलग-अलग कंपनियों द्वारा किया जा रहा है

पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा एनएच का जिला सिरमौर में मिनस तक 103 किलोमीटर के लिए 1350 करोड़ रुपए निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर पर अलग-अलग कंपनियों द्वारा इसका कार्य किया जा रहा हैं।

मगर प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण में लगी कंपनियों द्वारा की जा रही अवैज्ञानिक कटिंग से लगातार भूस्खलन हो रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कार्य मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे द्वारा स्वयं करवाया जा रहा है। मगर कंपनियों द्वारा की जा रही अवैधानिक कटिंग से आए दिन भारी भूस्खलन हो रहे हैं। जिसके चलते कई कई घंटे तक एनएच पर लगातार ट्रैफिक बाधित रहता है।

इसके साथ ही सिरमौर जिला की जनता को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पिछले तीन वर्षों से एनएच पर निर्माण कार्य चला हुआ है, जो कि लोगों की परेशानियों का सब बन गया है, यह कार्य 31 मार्च 2024 को पूरा होना था।

निर्माण कार्य में लगेगा अभी एक साल

मगर जिस तरह कार्य चल रहा है, उस तरह से इस कार्य को पूरा होने में 1 वर्ष का और समय लग सकता हैं। ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर अवैज्ञानिक कटिंग तथा अवैध डंपिंग के खिलाफ शिकायत की गई।

शिलाई के  समाज सेवक नाथूराम चौहान मामले को एनजीटी तथा कोर्ट लेकर गए। मगर इन कंपनियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

आलम यह है कि हाईवे के निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। उधर जब इस संदर्भ में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विवेक पंचाल के मोबाइल फोन पर बार-बार रिंग की गई, तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

वही एसडीएम शिलाई सुरेंद्र मोहन ने बताया कि उत्तरी गांव के पास एनएच सोमवार शाम करीब 7:00 से बंद हैं। जिसके की शाम 7:00 बजे तक बहाल होने की उम्मीद है।

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