Jammu Kashmir: तकनीक आधारित मोदी के सुशासन माडल से लोगों की जिंदगी की राह हो रही आसान: जितेंद्र सिंह

जम्मू कश्मीर में पहली बार आयोजित हो रही ई-गवर्नेंस की कांफ्रेंस में देश भर से आए अधिकारियों को मोदी के तकनीक आधारित सुशासन के माडल का संदेश दिया गया। सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए और सरकार का प्रभाव नहीं दिखना चाहिए।

By satnam singhEdited By:
Updated: Sat, 26 Nov 2022 06:17 PM (IST)
Jammu Kashmir: तकनीक आधारित मोदी के सुशासन माडल से लोगों की जिंदगी की राह हो रही आसान: जितेंद्र सिंह
यह मोदी सरकार के ई-सुशासन का ही नतीजा है दरबार मूव पर 200 करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में पहली बार आयोजित हो रही ई-गवर्नेंस की कांफ्रेंस में देश भर से आए अधिकारियों को मोदी के तकनीक आधारित सुशासन के माडल का संदेश दिया गया। सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए और सरकार का प्रभाव नहीं दिखना चाहिए।

श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटड़ा में जुटे देश के विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का सुशासन का माडल सुशासन का सतत माडल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में अधिकतम सुशासन, न्यूनतम सरकार के मंत्र के साथ सुशासन का नया मॉडल लागू हुआ है जिसका मकसद नागरिक केंद्रित सुशासन को तकनीक आधारित लागू करना है ताकि लोगों की जिंदगी जीने की राह आसान हो सके। यह मोदी सरकार के ई-सुशासन का ही नतीजा है कि जम्मू कश्मीर में दरबार मूव पर दो सौ करोड़ रुपये की बचत हो रही है। हम अपनी सोच को तबदील नहीं कर रहे लेकिन तकनीक तबदील हो रही है। पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ाया जाए।

श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटरा में ई- गवर्नेंस की 25वीं राष्ट्रीय कान्फ्रेंस के रजत जयंती समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुशासन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की जिंदगी की राह को आसान बनाना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सुशासन के हर पहलू में सूचना तकनीक का इस्तेमाल किया है जिससे सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास को बढ़ावा मिला है और आम लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि रिसर्च स्कॉलर, शिक्षाविदों, इंडस्ट्री और स्टार्टअप के बीच बेहतर तालमेल से ही सही मायनों में भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

बढ़ते डिजिटाइजेशन विद वेब 3.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से टेक ऐड भारत का मोदी का विजन आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दशक में डिजिटल नवाचार अहम भूमिका निभाएगा और भारत के समाज और ज्ञान की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विजन भारत -2047 , ई विजन भारत 2047 होगा। भारत ओपन डिजिटल मंच का निर्माण कर रहा है भारत के उद्यमियों को इन मंचों पर आगे आने का मौका मिल रहा है। बड़े पैमाने पर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। हमे पारदर्शी और रियल टाइम शिकायत निवारण सिस्टम मजबूत कर सकते है इसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो। स्टार्टअप सिस्टम को कैसे मजबूत किया जा सकता है जिससे और रोजगार के अवसर कैसे बढ़ा सकते हैं बिजनेस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूरी भारत सरकार, पूरा राष्ट्र और पूरा समाज का रवैया कम अवधि में बेहतर परिणाम सामने लाने का है।

उन्होंने सफलता की कहानियां का जिक्र किया जिसमें 75 दिन तक चले स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर जिक्र किया जो 5 जुलाई से 17 सितंबर तक चला और पेंशन मंत्रालय के राष्ट्रीय अभियान का भी जिक्र किया जिसमें डिजिटल लाइफ प्रमाण पत्र सृजित किए। उन्होंने कहा कि एक नवंबर से 19 नवंबर तक पेंशन के लिए लाइफ प्रमाणपत्र बनाए गए। उन्होंने कहा कि अमृत काल के अगले 25 वर्षों में 20 और 30 साल की आयु के अधिकारी अहम भूमिका निभाएंगे और 2047 में सुशासन का सर्वश्रेष्ठ मॉडल बनेगा जब हम 2040 में भारतीय स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहे होंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों की मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है। सरकारी कर्मियों के लिए मिशन कर्मयोगी शुरू किया गया है। लेवेंडर की खेती करने वाले दो युवाओं का केंद्रीय मंत्री ने जिक्र करते हुए कि स्टार्टअप के प्रति आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आठ साल में 1600 पुराने कानून खत्म किए। साल 2014 में देश में दो लाख शिकायतें आई थी लेकिन अब तीस लाख शिकायतें आई जिनका निपटारा किया गया। यह सब तकनीक के कारण ही संभव हो पा रहा है। अब बात यह हो रही है कि हमनें सौ प्रतिशत निपटारा तो कर दिया लेकिन सौ प्रतिशत निपटारे से हर कोई खुश है। इसके लिए हमने केंद्र के प्रशासनिक सुधार व शिकायत निवारण विभाग में हेल्प डेस्क स्थापित किया है। हमें पुरानी सोच से बाहर निकलना होगा। मोदी सरकार में स्पेस क्षेत्र में ही एक सौ स्टार्टअप आए हैं।

सम्मेलन का आयोजन केंद्र सरकार का प्रशासनिक सुधार व जन शिकायत विभाग, केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफारमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, जम्मू कश्मीर सरकार के सहयोग से कर रहे हैं। इसमें देश भर से एक हजार के करीब डेलिगेट भाग लेने के पहुंचे हैं। सम्मेलन का विषय है नागरिकों, इंडस्ट्री व सरकार को नजदीक लाना। इससे पहले मुख्य सचिव अरुण मेहता ने जम्मू कश्मीर में ई-गवर्नेंस के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तार से जानकारी दी।