Dhanbad: अंदर सांसदों संग रेल जीएम की बैठक, बाहर 300 दुकानों पर बुलडोजर चलाने के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन

धनबाद के डीआरएम दफ्तर में सांसदों के साथ रेल महाप्रबंधक की बैठक शुरू होते ही बाहर हंगामा शुरू हो गया है। सैंकड़ों की संख्या में फुटपाथ दुकानदार डीआरएम कार्यालय पहुंच गए और गेट पर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। डीआरएम कार्यालय की आरपीएफ ने घेराबंदी कर रखी है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 18 Nov 2022 12:00 PM (IST) Updated:Fri, 18 Nov 2022 12:00 PM (IST)
Dhanbad: अंदर सांसदों संग रेल जीएम की बैठक, बाहर 300 दुकानों पर बुलडोजर चलाने के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन
डीआरएम दफ्तर में सांसदों के साथ रेल महाप्रबंधक की बैठक शुरू होते ही बाहर हंगामा शुरू हो गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद : धनबाद के डीआरएम दफ्तर में सांसदों के साथ रेल महाप्रबंधक की बैठक शुरू होते ही बाहर हंगामा शुरू हो गया है। सैंकड़ों की संख्या में  फुटपाथ दुकानदार डीआरएम कार्यालय पहुंच गए और गेट पर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। डीआरएम कार्यालय की आरपीएफ ने घेराबंदी कर रखी है। अंदर जाने को लेकर आरपीएफ और प्रदर्शनकारियों में तनातनी भी हो रही है। उनका प्रदर्शन धनबाद स्टेशन से सटे न्यू स्टेशन कॉलोनी की 300 से ज्यादा फुटपाथ दुकानों पर रेलवे की ओर से चलाए जा रहे बुलडोजर के खिलाफ है।

रेलवे ने तीन नवंबर को ही न्यू स्टेशन की अवैध फुटपाथ दुकानों को हटने का नोटिस जारी कर दिया था। दुकन संचालकों को 10 दिनों की मोहलत दी गई थी। मोहलत की मियाद पूरी होते ही शुक्रवार को आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग की टीम पहुंची और फुटपाथ दुकानों को खाली कराना शुरू कर दिया। रेलवे की कार्रवाई से दुकान संचालकों में खलबली मच गई। फुटपाथ दुकानदारों ने विरोध किया पर आरपीएफ की सख्ती के आगे उनकी नहीं चली। फिर समूह बनाकर डीआरएम कार्यालय पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी कर रहे दुकानदार सांसद, रेल महाप्रबंधक और डीआरएम से मिलने की जिद कर रहे हैं। आरपीएफ ने उन्हें मुख्य द्वार पर ही रोक दिया है।

लगभग 50 साल से चल रहीं फुटपाथ दुकानें

न्यू स्टेशन कॉलोनी की फुटपाथ दुकानें लगभग 50 साल से चल रही हैं। रेडिमेड कपड़ों की दुकानों के साथ जूते, घड़ी, मोबाइल, बर्तन समेत दूसरी रोजमर्रा की वस्तुओं की दुकानें यहां सजी हैं। कुछ दिन पहले ही पुराना बाजार रेलवे फाटक के पास चार नई दुकानें बन रही थीं जिसकी शिकायत डीआरएम से की गई थी। उसके बाद से ही रेलवे ने अपनी जमीन से फुटपाथ दुकानों को हटाने की तैयारी शुरू कर दी थी।

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