मिल गई राहत: अब रेलवे नहीं पूछेगी पिन कोड और डाकघर का पता, पहले की तरह बुक करा सकेंगे टिकट
ट्रेनों में आरक्षण कराने से पहले अब गंतव्य शहर का पिन कोड जिला राज्य और डाकघर का पता ढूंढ़ने की मशक्कत नहीं करनी होगी। पहले की तरह अब यात्री आसानी से टिकट बुक करा सकेंगे। रेलवे ने गंतव्य का पता और अन्य ब्योरा लेने का आदेश वापस ले लिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: ट्रेनों में आरक्षण कराने से पहले अब गंतव्य शहर का पिन कोड, जिला, राज्य और डाकघर का पता ढूंढ़ने की मशक्कत नहीं करनी होगी। पहले की तरह अब यात्री आसानी से टिकट बुक करा सकेंगे। रेलवे ने गंतव्य का पता और अन्य ब्योरा लेने का आदेश वापस ले लिया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक यात्री विपणन विपुल सिंघल ने मंगलवार को इससे जुड़ा आदेश भी जारी कर दिया। रेलवे टिकट आरक्षण में पुरानी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
गौरतलब है कि 22 मार्च 2020 से ट्रेनों के बंद होने बाद जब 11 मई 2020 से एक-एक ट्रेनें चलीं तो रेलवे ने हर यात्री के लिए गंतव्य शहर का पिन कोड, डाकघर, जिला और राज्य की जानकारी आरक्षण फार्म में देना अनिवार्य कर दिया था। तकरीबन दो साल से रेल आरक्षण में यह व्यवस्था प्रभावी है। इससे आम यात्रियों को काफी परेशानी हो रही थी। खास तौर पर प्रवासी कामगार और कम पढ़े-लिखे यात्रियों के लिए गंतव्य शहर का पूरा पता, पिन कोड और डाकघर की जानकारी देना काफी मुश्किलों भरा था। इसे लेकर रेलवे आरक्षण काउंटर पर हर दिन हंगामे की स्थिति बन रही थी। गृह मंत्रालय ने 31 मार्च के बाद से कोरोना से जुड़ी पाबंदियां वापस ले ली है। इसके मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षित टिकटों की बुकिंग के दौरान गंतव्य का पता पूछने के प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले 20 दिसंबर 2021 से झारखंड से बिहार और उत्तर प्रदेश जानेवाली कुछ ट्रेनों में जनरल टिकट पर सफर करते समय डाकघर, जिला या पिन कोड की समस्या खत्म गई थी। पांच मिनट पहले तक काउंटर से टिकट भी मिलना शुरू हो गया था। इनमें हटिया पूर्णिया कोर्ट कोशी एक्सप्रेस, रांची आरा एक्सप्रेस, रांची सासाराम एक्सप्रेस व रांची चोपन इंटरसिटी ट्रेन शामिल थी। हालांकि अब सभी ट्रेनों में टिकट रिजर्वेशन भी बिना पिन कोड की जानकारी दिए ही होंगे।