महिला सशक्तीकरण की पटरी पर चल पड़ा रेलवे का कोचिंग डिपो

रेलवे में मेंटेनेंस के काम में अब तक पुरुषों का वर्चस्व था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 12:16 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 12:20 PM (IST)
महिला सशक्तीकरण की पटरी पर चल पड़ा रेलवे का कोचिंग डिपो
महिला सशक्तीकरण की पटरी पर चल पड़ा रेलवे का कोचिंग डिपो

धनबाद, जेएनएन। रेलवे के सिकलाइन में आनेवाली ट्रेनों का मेंटेनेंस काफी जोखिम भरा होता है। यहां न सिर्फ उनका मेंटेनेंस होता है, बल्कि अगली बार सुरक्षित दौड़ने के लिए उन्हें फिट भी किया जाता है। जरा सी लापरवाही रेल हादसे का कारण बन सकती है। अब तक इस जटिल काम में पुरुषों का वर्चस्व था, जिसे आधी आबादी तोड़ रही हैं। इसकी शुरुआत धनबाद के कोचिंग डिपो से हुई है, जहां अपर गियर (ऊपर वाले हिस्से) के साथ-साथ महिलाएं ट्रेन के नीचे घुसकर अंडर गियर में भी काम कर रही हैं।

महिलाओं के जिम्मे ये काम: अंडरगियर में ब्रेक, गियर, पहिया को दुरुस्त करने के साथ-साथ अपर गियर में जलापूर्ति पाइप का मेंटेनेंस, कोच की सफाई, डेस्टिनेशन बोर्ड लगाना, ट्रिमिंग यानी यात्रियों के बैठने की सीट के कवर सिलना व उनके कवर लगाना आदि शामिल है।

जल्द ही महिलाओं के लिए अलग यूनिट: कोचिंग डिपो में जल्द ही महिलाओं के लिए अलग यूनिट की व्यवस्था की जाएगी, जहां जूनियर इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर और टेक्निशियन से लेकर ग्रुप डी में भी सिर्पु महिलाएं ही होंगी।

ये महिलाएं निभा रहीं भागीदारी

मंजू कुमारी, देवमति देवी, गायत्री देवी, सविता मोहंती, शहनाज परवीन, बबीता देवी, विभा, बिंदू, लालमुनी, सुजाता, बालिका, कलावती सिंह, वर्षा, रेखा, मधु देवी, सपना सेन।

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कोचिंग डिपो में अलग-अलग पदों पर 56 महिलाएं कार्यरत हैं। उनके साथ पुरुष भी सहयोग कर रहे हैं। जल्द ही महिलाओं के लिए अलग यूनिट की व्यवस्था की जाएगी, जहां कर्मचारी और सुपरवाइजर सभी महिलाएं ही होंगी।

- अनिल कुमार मिश्रा, डीआरएम, धनबाद

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रेलवे ने महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की है। इससे महिलाओं का हौसला बढ़ा है। जोखिम भरे काम को पूरी गंभीरता से कर रही हैं, जिससे अब तक एक भी शिकायत नहीं मिली है।

- शिव कुमार प्रसाद, सचिव

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन, लाइन शाखा

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