झारखंड-बिहार बॉर्डर पर नदी में बह गया एक और पुल, करोड़ों की लागत से हो रहा था निर्माण

Jharkhand Bridge Collapse बिहार में मानसून की बारिश शुरू होते ही लगातार पुलों के ध्वस्त होने का मामला सामने आ रहा है। कई निर्माणाधीन पुल पानी के तेज बहाव में बह गए। अब झारखंड के गिरिडीह में भी मानसून की पहली बारिश के बाद अरगा नदी में आए अचानक पानी की वजह से निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया। यह पुल फतेहपुर-भेलवाघाटी के बीच बन रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Shashank Shekhar Publish:Mon, 01 Jul 2024 02:46 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 02:46 PM (IST)
झारखंड-बिहार बॉर्डर पर नदी में बह गया एक और पुल, करोड़ों की लागत से हो रहा था निर्माण
देवरी भेलवाघाटी के हरकुंड गुनियाथर मुख्य मार्ग स्थित पुल का टूटा हुआ गार्डवाल। फोटो- जागरण

HighLights

  • झारखंड-बिहार की सीमा पर अरगा नदी में बह गया पुल
  • गिरिडीह में साढ़े 5 करोड़ की लागत से बन रहा था पुल
  • डेढ़ वर्ष में करना था निर्माण का काम, 5 साल में ध्वस्त

जागरण संवाददाता, गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले में भारी बारिश के कारण अरगा नदी पर निर्माणाधीन पुल गिर गया है। यह पुल फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क पर अरगा नदी पर बन रहा था। पुल गिरने का कारण घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार बताया जा रहा है।

शनिवार शाम मानसून की पहली बारिश के दौरान अरगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसमें तेज बहाव के कारण पुल का एक पिलर टेढ़ा हो गया और फिर पूरा पुल ढह गया।

साढ़े पांच करोड़ की लागत से इसका निर्माण पथ निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। निर्माण कार्य ओम नमः शिवाय कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। घटिया निर्माण का आरोप लगाकार ग्रामीणों ने छह महीने पहले दिसंबर, 2023 में पुल निर्माण काम रोकवा दिया था। हालांकि, तीन महीने बाद फिर से काम शुरू हो गया।

अरगा नदी पर चल रहा है पुल का निर्माण

अगर ग्रामीणों के आरोप को पथ निर्माण विभाग ने गंभीरता से लिया होता तो शायद पुल गिरने की घटना न घटती। झारखंड के फतेहपुर मोड़ (देवरी, गिरिडीह) से बिहार के बोंगी पंचायत (जमुई) के बीच करीब 15 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क पर फतेहपुर-भेलवाघाटी के बीच अरगा नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा था।

शनिवार की शाम हुई झमाझम बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ गया। इसके बाद पानी के प्रवाह में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा बह गया। वहीं एक पिलर भी टेढ़ा हो गया है। 4 अक्टूबर, 2019 को इस पुल के निर्माण और सड़क के चौड़ीकरण सह पुनर्निर्माण का टेंडर पथ निर्माण विभाग की ओर से ओम नमः शिवाय कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था।

डेढ़ वर्ष में पूरा कर लेना था पुल निर्माण का काम लेकिन अबतक पांच में से महज दो स्पैन का निर्माण कराया जा सका है। तीसरे स्पैन का कार्य चल रहा था।

क्या कहतें हैं विधायक

झारखंड में विकास कार्यों में लूट और भ्रष्टाचार की खुली छूट है। पुल गिरने की घटना भ्रष्टाचार की कहानी को बयां कर रही है। इसके लिए विभागीय अभियंता और ठेकेदार जिम्मेवार हैं। सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।- केदार हाजरा, विधायक, जमुमा।

क्या कहना है विभाग के इंजीनियर का

ओम नम: शिवाय कंस्ट्रक्शन कंपनी को पुल निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। पुल का जो हिस्सा टूटा है, उसे कंपनी अपने खर्चे पर दोबारा बनाएगी। फिलहाल बारिश में काम कराया जाना संभव नहीं है। बारिश का मौसम बीतने के बाद छह महीने में पुल का निर्माण कर आवागमन बहाल कर दिया जाएगा।- विनय कुमार, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, गिरिडीह

ये भी पढ़ें- 

Jharkhand Bridge Collapse: बिहार के बाद झारखंड में धड़ाम हुआ निर्माणाधीन पुल, पानी में बहा गार्डर; पिलर भी धंसे

Bihar Bridge Collapse: बिहार में फिर धंसा पुल, इस जिले के हजारों लोग प्रभावित; मुश्किल में जिंदगी

chat bot
आपका साथी