Jharkhand Bridge Collapse: बिहार के बाद झारखंड में धड़ाम हुआ निर्माणाधीन पुल, पानी में बहा गार्डर; पिलर भी धंसे

Jharkhand Bridge Collapse एक तरफ बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला बंद होने का नाम नहीं ले रहा इधर झारखंड से भी एक ऐसी ही खबर आ रही है। झारखंड के गिरिडीह में साढ़े पांच करोड़ की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक निर्माणाधीन पुल पानी के तेज को झेल नहीं पाया और उसके पिलर धंसने लगे जिससे गार्डर बह गया।

By Anandit Sharma Edited By: Mohit Tripathi Publish:Mon, 01 Jul 2024 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 08:35 AM (IST)
Jharkhand Bridge Collapse: बिहार के बाद झारखंड में धड़ाम हुआ निर्माणाधीन पुल, पानी में बहा गार्डर; पिलर भी धंसे
बिहार के बाद झारखंड के गिरिडीह में ढहा पुल। (जागरण फोटो)

HighLights

  • गिरिडीह में अरगा नदी पर बन रहा 5.50 करोड़ का पुल पहली बारिश में ढहा
  • बिहार सीमा पर फतेहपुर-भेलवाघाटी के बीच बन रहा था पुल, गार्डर बहा, पिलर भी झुका
  • डेढ़ वर्ष में पूरा कर लेना था पुल निर्माण का काम, पांच साल में बिना बने हुआ ध्वस्त

संवाद सूत्र, देवरी (गिरिडीह)। Giridih Bridge Collapse : बिहार में पिछले नौ दिनों में अलग-अलग जगह एक-एक कर पांच पुलों के ढह जाने की घटनाओं (Bihar Bridge Collapse) के बीच शनिवार रात झारखंड (Jharkhand Bridge Collapse) के गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड स्थित भेलवाघाटी में साढ़े पांच करोड़ की लागत से बन रहा पुल पहली बारिश में ही गिर गया।

यह पुल (Giridih Bridge Collapse) फतेहपुर मोड़ से बोंगी बिहार सीमा वाया भेलवाघाटी मुख्य मार्ग पर अरगा नदी के ऊपर बन रहा था। शनिवार शाम को लगातार तीन घंटे तक हुई बारिश में नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ। बारिश के बीच पुल का गार्डर पानी में बह गया। वहीं पिलर भी टेढ़ा होकर झुक गया।

ग्रामीण घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाते हुए पुल को नए सिरे से बनवाने की मांग कर रहे हैं। भेलवाघाटी थाना क्षेत्र डुमरीटोला व कारीपहरी गांव के बीच अरगा नदी पर पुल गिरिडीह पथ प्रमंडल की देखरेख में बन रहा है।

2019 में किया गया था पुल का शिलान्यास

ओम नमः शिवाय कंस्ट्रक्शन कंपनी को भेलवाघाटी पथ की लंबाई 15.810 किलोमीटर के साथ पुल निर्माण का जिम्मा मिला है। पुल की चौड़ाई 12 मीटर व लंबाई 86 मीटर है।

कार्य का शिलान्यास वर्ष 2019-20 में किया गया था। पुल निर्माण की लागत 5.50 करोड़ बताई गई। साथ ही 47 करोड़ से सड़क बनाई जाएगी। हालांकि, विभागीय अधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ बता नहीं पा रहे।

डेढ़ साल में पूरा होना था काम

पुल निर्माण का काम डेढ़ वर्ष में पूरा कर लेना था, लेकिन अबतक पांच में से महज दो स्पैन का निर्माण कराया जा सका है। तीसरे स्पैन का कार्य चल रहा था।

कंपनी के कर्मियों ने बताया कि जलस्तर बढ़ने से पुल का गार्डर टूट कर नदी में गिर गया। इससे दूसरे नंबर का मुख्य पिलर टेढ़ा हो गया। लाखों की सेंट्रिंग सामग्री नदी में बह गई।

हादसे की सूचना मिलने पर कंपनी के अधिकारियों ने रविवार को क्षतिग्रस्त हिस्सा का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि इसे तोड़कर नए सिरे से पिलर बनाया जाएगा। रविवार को दिन भर कंपनी के कर्मी सामग्री नदी से उठाने में लगे थे

क्यों हुआ हादसा, क्या कहते हैं ग्रामीण?

स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल निर्माण में ठेकेदार ने काफी वक्त लिया। गुणवत्ता भी निम्न स्तर की है। इसकी जांच होनी चाहिए।

मुखिया विकास कुमार बरनवाल, जिला परिषद सदस्य उस्मान अंसारी ने बताया कि सड़क सह पुल का शिलान्यास हुए पांच वर्ष हो गए। अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ।

निर्माण में गुणवत्ता ख्याल नहीं रखने के कारण ऐसा हुआ। लोग शुरुआत से ही घटिया सामग्री पर आपत्ति जता रहे थे, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

घटिया निर्माण का आरोप लगाकार ग्रामीणों ने छह महीने पहले दिसंबर, 2023 में पुल निर्माण काम रोकवा दिया था। हालांकि तीन महीने बाद फिर से काम शुरू हो गया। अगर ग्रामीणों के आरोप को पथ निर्माण विभाग ने गंभीरता से लिया होता तो शायद पुल गिरने की घटना न घटती।

जमुआ विधायक केदार हाजरा ने कहा कि यह घटना राज्य की मौजूदा सरकार की उदासीनता और सरकारी कामों में भ्रष्टाचार की स्थिति की गवाह है।

उन्होंने कहा कि पांच साल पहले इस पुल का शिलान्यास किया गया, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं किया जा सका। ऐसे में घटना के लिए जो भी पदाधिकारी और संवेदक जिम्मेवार हैं, उन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

भेलवाघाटी के रास्ते टूटा बिहार झारखंड का संपर्क

बारिश से पहले तक भेलवाघाटी के रास्ते देवरी प्रखंड के फतेहपुर से बिहार की बोंगी पंचायत को जोड़नेवाले रास्ते से लोग डुमरीटोला व डोमाडीह गांव के बीच सूखी नदी से होकर गुजर रहे थे।

कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इन पांच वर्षों में एक अदद डायवर्सन तक नहीं बनाया। भेलवाघाटी और तिलकडीह पंचायत को यह रास्ता देवरी प्रखंड मुख्यालय से जोड़ता है।

बिहार के लोग देवरी, चतरो होते हुए गिरिडीह और हजारीबाग, रांची समेत अन्य जिलों तक पहुंचते हैं। फिलहाल इस रास्ते से आवागमन बाधित हो गया है।

क्या कहते हैं एग्जीक्यूटिव इंजीनियर?

पथ निर्माण विभाग गिरिडीह के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विनय कुमार बताया कि बारिश की वजह से पिलर का बाटम एक्सक्वॉयरिंग हो गया, इसलिए टेढ़ा होकर झुक गया है। उसी के बगल में बन रहा एक गार्डर मुड़ गया। इसकी जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि काम में देरी की शिकायत पर लगातार कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा था। पुल का जो हिस्सा टूटा है, उसे कंपनी अपने खर्चे पर दोबारा बनाएगी। फिलहाल, बारिश में काम कराया जाना संभव नहीं है।

यह भी पढ़ें: Bihar Bridge Collapse: महज 3 साल में 9 बड़े ब्रिज हो गए धड़ाम, यहां पढ़ें 'भ्रष्टाचार' की भेंट चढ़े पुलों कहानी

Bihar Politics: कौन रच रहा बिहार के पुलों को गिराने की साजिश? मांझी ने खोजा नया एंगल; नीतीश से कर दी बड़ी डिमांड

chat bot
आपका साथी