टाटा में रेलवे कोच की कमी, ट्रेनों के डिब्बे काट-काट जोड़े जा रहे

टाटानगर स्टेशन में अब आए दिन कोच की कमी होने लगी है। इस कोच की कमी के कारण ट्रेनों का परिचालन विलंब से किया जाने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 02:10 AM (IST) Updated:Wed, 24 Oct 2018 02:10 AM (IST)
टाटा में रेलवे कोच की कमी, ट्रेनों के डिब्बे काट-काट जोड़े जा रहे
टाटा में रेलवे कोच की कमी, ट्रेनों के डिब्बे काट-काट जोड़े जा रहे

गुरदीप राज, जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन में अब आए दिन कोच की कमी होने लगी है। इस कोच की कमी के कारण ट्रेनों का परिचालन विलंब से किया जाने लगा है। टाटानगर स्टेशन में 1992 व 1993 के करीब 30 कोच थे लेकिन इसमें से कई कोच खराब हो चुके हैं और कई कोचों की मियाद इसी वर्ष पूरी होने वाली है। ऐसे में इस कोच का इस्तेमाल ट्रेन में नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर टाटानगर स्टेशन में अब 30 कोचों की कमी खलने लगी है। कोच की कमी के कारण राउरकेला-टाटा एलेप्पी एक्सप्रेस जब टाटानगर स्टेशन पहुंचती है तब उसके कोच काट कर टाटा से प्रत्येक दिन दोपहर करीब 3.30 बजे खुलने वाली टाटा-राउरकेला एलेप्पी एक्सप्रेस में उक्त कोच को जोड़ कर ट्रेन को रवाना किया जाता है। कभी कभी तो छपरा टाटा के कोच को काट कर एलेप्पी में जोड़ दिया जाता है। कभी राउरकेला से एलेप्पी के देर से आने के कारण टाटा से खुलने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस विलंब से रवाना होती है।

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एसएलआर कोच की कमी

रेल सूत्रों को अनुसार बड़बिल पैसेंजर व एतवारी पैसेंजर में एक एक एसएलआर कोच (गार्ड कोच) लगाकर टाटानगर स्टेशन से इस ट्रेन को रवाना करना पड़ता है। जबकि इन ट्रेनों में दो एसएलआर कोच की आवश्यकता होती है। क्योंकि टाटा से खुलने वाली टाटा-बड़बिल पैसेंजर बड़बिल पहुंचने के बाद यही ट्रेन फिर टाटा वापस आती है। ऐसे में एसएलआर कोच एक ही होने के कारण टाटा से जाने वाली ट्रेन के पिछले हिस्से से एसएलआर कोच को काट कर उक्त ट्रेन को दूसरे हिस्से में जोड़ना पड़ता है, जिससे ट्रेन के परिचालन में देर होती है और परेशानी अलग से होती है। यही हाल टाटा-राउरकेला एलेप्पी एक्सप्रेस व राउरकेला-टाटा एलेप्पी एक्सप्रेस का भी है। इस ट्रेन में भी एक ही एसएलआर कोच से काम चलाया जा रहा है।

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पैंट्री कार की कमी से जूझ रहा टाटानगर

रेल सूत्रों के अनुसार टाटानगर स्टेशन से खुलने वाली जलियांवाला बाग एक्सप्रेस व यशवंतपुर एक्सप्रेस में टाटानगर से ही पैंट्री कार लगाकर ट्रेन को रवाना किया जाता है। अगर किसी कारणवश पैंट्री कार में खराबी आ जाए तो दूसरी पैंट्री कार टाटानगर में नहीं है, जिसे लगाकर ट्रेन को रवाना किया जा सके।

कोच की कमी के कारण हो रही यात्रियों को परेशानी

रेल सूत्रों के अनुसार महालीमोरुप स्टेशन में जिस ट्रेन के कोच को खराब बताया जाता है, वह ट्रेन जब टाटानगर स्टेशन पहुंचती है तो कोच को बदलना अनिवार्य हो जाता है। लेकिन कोच नहीं होने के कारण कोच को काट के तो ट्रेन से अलग कर लिया जाता है, लेकिन दूसरा कोच नहीं होने के कारण यात्रियों को समझाकर उन्हें दूसरे कोच में बैठने का आग्रह रेल अधिकारी करते नजर आते हैं।

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टाटानगर से खुलने वाली टाटा-एलेप्पी में राउरकेला से आने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस के कुछ कोच काट कर जोड़ दिए जाते हैं और ट्रेन को रवाना किया जाता है। टाटानगर स्टेशन में अतिरिक्त कोच नहीं होने के कारण परेशानी होती है।

-: एचके बलमुचू, स्टेशन निदेशक

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