रेलवे की आंतरिक बहाली में दो साल की बाध्यता खत्म, दक्षिण पूर्व रेलवे में खाली हैं ग्रुप-सी के 265 पद
Railway Job News रेलवे में भर्ती नए कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। रेलवे बोर्ड द्वारा शुक्रवार को जारी नए आदेश के तहत विभागीय सभी आंतरिक बहाली में दो साल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। पात्रता रहने पर कर्मचारी जनरल डिपार्टमेंट कंपिटेटिव एक्जामिनेशन (जीडीसीए) के तहत 25 प्रतिशत पदों के लिए होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
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HighLights
- रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश, नई व्यवस्था के तहत जल्द आयोजित की जाएंगी परीक्षा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। रेलवे में भर्ती नए कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। रेलवे बोर्ड द्वारा शुक्रवार को जारी नए आदेश के तहत विभागीय सभी आंतरिक बहाली में दो साल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
पात्रता रहने पर कर्मचारी जनरल डिपार्टमेंट कंपिटेटिव एक्जामिनेशन (जीडीसीए) के तहत 25 प्रतिशत पदों के लिए होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जीडीसीए के तहत ली जाने वाली परीक्षाएं रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) की तय नियमावली के तहत ही होगी, जिसमें सभी कर्मचारियों को इसमें मौका दिए जाने की परंपरा है।
ऐसे में दो साल की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड ने रिक्त पदों पर जल्द परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। दक्षिण पूर्व रेलवे में नई व्यवस्था के तहत गुड्स गार्ड (ग्रुप-सी) सहित विभिन्न विभागों के 265 पदों पर परीक्षा होनी है।
पुराने कर्मचारियों में है नाराजगी
नई व्यवस्था के तहत होने वाली परीक्षाओं पर पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों में नाराजगी है, उनका तर्क है कि दक्षिण पूर्व रेलवे में विभिन्न पदों पर 6000 नए कर्मचारी बहाल हुए हैं जो युवा होने के साथ-साथ पढ़ाई से जुड़े हुए हैं, जबकि नौकरी लगने के बाद उनकी पढ़ाई छूट चुकी है।
ऐसे में नई व्यवस्था से परीक्षा होने से नए कर्मचारियों को फायदा होगा। इस मामले को नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन ने भी रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया था लेकिन बोर्ड ने उनकी मांग को आरआरबी के नियमावली का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।
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