कोडरमा बनेगा बिहार-झारखंड के रेल ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा केंद्र
कोडरमा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाया जाएगा। कोडरमा व गझंडी के बीच प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल एरिया की 400 एकड़ जमीन में स्थापित किया जाएगा।
कोडरमा, [अनूप/अरविंद]। मालवाहक ट्रेनों के निर्बाध परिचालन और समय पर गंतव्य स्थानों तक माल की आपूर्ति के लिए पश्चिम बंगाल के डानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक निर्माण कराए जा रहे डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के अंतर्गत कोडरमा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाया जाएगा। यह मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) पूरे देश में प्रस्तावित पांच एमएमएलपी में एक होगा, जहां रेल नेटवर्क को दूसरे एमएमएलपी के साथ-साथ देश के बड़े बंदरगाहों से भी जोड़ा जाएगा।
इस तरह एक बड़ी लॉजिस्टिक व्यवस्था कायम की जाएगी। इससे कोडरमा पूरे देश में रेल परिवहन का बड़ा केंद्र बनेगा। एमएमएलपी के लिए कोडरमा का चयन बिहार-झारखंड में सर्वाधिक बेहतर रेल नेटवर्क वाले स्टेशन को देखते हुए किया गया है। कोडरमा स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर पश्चिम कोडरमा व गझंडी के बीच प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल एरिया की 400 एकड़ जमीन में इसे स्थापित किया जाएगा। एमएमएलपी को लेकर गत शनिवार को कोडरमा आए डीएफसी, रेलवे बोर्ड के जीएम ऑपरेशन एवं शिफ्टंग वेद प्रकाश ने इलाके का दौरा कर सभी तरह के सुविधाओं एवं संभावनाओं का जायजा लिया। उन्होंने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन) मॉडल पर इसे स्थापित किए जाने की बात कही।
सासंद अन्नपूर्णा देवी से की चर्चा
वेद प्रकाश ने कहा कि कोडरमा व गझंडी के बीच प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल एरिया के निर्माण स्थल पर न्यू कोडरमा स्टेशन स्थापित किया जाएगा, जहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए सारी सुविधाएं विकसित की जाएगी। बाद में उन्होंने स्थानीय सांसद अन्नपूर्णा देवी से भी उनके आवास पर मिलकर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। मौके पर उनके साथ डीएफसी के उप परियोजना प्रबंधक अरविंद कुमार व कोडरमा स्टेशन प्रबंधक एमके सिंह भी थे।
एनएच से अप्रोच फोर लेन रोड बनेगा
एमएमएलपी की स्थापना के बाद कोडरमा बिहार-झारखंड के रेल ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। योजना के तहत उक्त स्थल पर यार्ड की स्थापना के साथ ट्रकों के लिए पार्किंग, हैंडलिंग के साधन, कंटेनर ट्रक रिपेयङ्क्षरग सुविधा, एक्साइज एवं कस्टम, बैंक, बीमा समेत अन्य कार्यालय, नागरिक सुविधा, आवागमन आदि की सुविधा विकसित की जाएगी। इसके अलावा वैल्यू एडेड सर्विसेस के रूप में भंडारण, पैकिंग-रिपैकिंग, स्टंफग, स्ट्रिपिंग, लेवलिंग की व्यवस्था होगी। वहीं इस केंद्र तक आवागमन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) से अप्रोच फोर लेन रोड तैयार किए जाएंगे।
एक और यार्ड कोडरमा जिले के ही हीरोडीह स्टेशन में भी बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लुधियाना से डानकुनी तक लगभग 1838 किलोमीटर तक केवल मालवाहक ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेल ट्रैक बिछाने और भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। कोडरमा जिले में इसके लिए करीब 90 फीसद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यहां 22 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 20 हेक्टेयर प्राइवेट, 6.8 हेक्टेयर सरकारी, वन विभाग की 89.688 हेक्टेयर सहित कुल 116.54 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
तीन परियोजनाओं से रेल नेटवर्क हुआ मजबूत
उल्लेखनीय है कि ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन पर स्थित कोडरमा स्टेशन से होकर तीन नई रेल परियोजनाओं के पूरा होने से यहां का रेल नेटवर्क पूरे देश से जुड़ गया है। इसी को देखते हुए एमएमएलपी के लिए कोडरमा का चयन किया गया है। कोडरमा-रांची वाया हजारीबाग रेल रूट का काम लगभग पूरा होने को है। इस रूट पर बरकाकाना तक रेल का परिचालन हो रहा है। वहीं, कोडरमा-गिरिडीह लाइन का विस्तार मधुपुर तक हो गया है। इससे ग्रैंड कॉर्ड (जीसी) लाइन, मेन लाइन से जुड़ गया है। इधर, कोडरमा-राजगीर रेल लाइन का कार्य काफी तेजी से चल रहा है।
इस तरह एक बड़ी लॉजिस्टिक व्यवस्था कायम की जाएगी। इससे कोडरमा पूरे देश में रेल परिवहन का बड़ा केंद्र बनेगा। एमएमएलपी के लिए कोडरमा का चयन बिहार-झारखंड में सर्वाधिक बेहतर रेल नेटवर्क वाले स्टेशन को देखते हुए किया गया है। कोडरमा स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर पश्चिम कोडरमा व गझंडी के बीच प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल एरिया की 400 एकड़ जमीन में इसे स्थापित किया जाएगा। एमएमएलपी को लेकर गत शनिवार को कोडरमा आए डीएफसी, रेलवे बोर्ड के जीएम ऑपरेशन एवं शिफ्टंग वेद प्रकाश ने इलाके का दौरा कर सभी तरह के सुविधाओं एवं संभावनाओं का जायजा लिया। उन्होंने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन) मॉडल पर इसे स्थापित किए जाने की बात कही।
सासंद अन्नपूर्णा देवी से की चर्चा
वेद प्रकाश ने कहा कि कोडरमा व गझंडी के बीच प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल एरिया के निर्माण स्थल पर न्यू कोडरमा स्टेशन स्थापित किया जाएगा, जहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए सारी सुविधाएं विकसित की जाएगी। बाद में उन्होंने स्थानीय सांसद अन्नपूर्णा देवी से भी उनके आवास पर मिलकर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। मौके पर उनके साथ डीएफसी के उप परियोजना प्रबंधक अरविंद कुमार व कोडरमा स्टेशन प्रबंधक एमके सिंह भी थे।
एनएच से अप्रोच फोर लेन रोड बनेगा
एमएमएलपी की स्थापना के बाद कोडरमा बिहार-झारखंड के रेल ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। योजना के तहत उक्त स्थल पर यार्ड की स्थापना के साथ ट्रकों के लिए पार्किंग, हैंडलिंग के साधन, कंटेनर ट्रक रिपेयङ्क्षरग सुविधा, एक्साइज एवं कस्टम, बैंक, बीमा समेत अन्य कार्यालय, नागरिक सुविधा, आवागमन आदि की सुविधा विकसित की जाएगी। इसके अलावा वैल्यू एडेड सर्विसेस के रूप में भंडारण, पैकिंग-रिपैकिंग, स्टंफग, स्ट्रिपिंग, लेवलिंग की व्यवस्था होगी। वहीं इस केंद्र तक आवागमन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) से अप्रोच फोर लेन रोड तैयार किए जाएंगे।
एक और यार्ड कोडरमा जिले के ही हीरोडीह स्टेशन में भी बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लुधियाना से डानकुनी तक लगभग 1838 किलोमीटर तक केवल मालवाहक ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेल ट्रैक बिछाने और भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। कोडरमा जिले में इसके लिए करीब 90 फीसद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यहां 22 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 20 हेक्टेयर प्राइवेट, 6.8 हेक्टेयर सरकारी, वन विभाग की 89.688 हेक्टेयर सहित कुल 116.54 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
तीन परियोजनाओं से रेल नेटवर्क हुआ मजबूत
उल्लेखनीय है कि ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन पर स्थित कोडरमा स्टेशन से होकर तीन नई रेल परियोजनाओं के पूरा होने से यहां का रेल नेटवर्क पूरे देश से जुड़ गया है। इसी को देखते हुए एमएमएलपी के लिए कोडरमा का चयन किया गया है। कोडरमा-रांची वाया हजारीबाग रेल रूट का काम लगभग पूरा होने को है। इस रूट पर बरकाकाना तक रेल का परिचालन हो रहा है। वहीं, कोडरमा-गिरिडीह लाइन का विस्तार मधुपुर तक हो गया है। इससे ग्रैंड कॉर्ड (जीसी) लाइन, मेन लाइन से जुड़ गया है। इधर, कोडरमा-राजगीर रेल लाइन का कार्य काफी तेजी से चल रहा है।