रेल हादसा टला! रेड सिग्नल पार कर आगे बढ़ गई बांकुड़ा-रांची ट्रेन, जैसे-तैसे रोका गया; बाल-बाल बचे सैकड़ों यात्री

रांची में एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया है। बताया जा रहा है कि बांकुड़ा-रांची ट्रेन रेड सिग्नल के बावजूद आगे बढ़ गई। इस घटना के बाद ट्रेन का पीछा किया है और लोको पायलट व असिस्टेंट लोको पायलट को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। उनके बदले दूसरे चालक और असिस्टेंट लोको पायलट को ट्रेन की जिम्मेदारी सौंपी गई।

By Mukul KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Sep 2023 12:00 PM (IST) Updated:Mon, 18 Sep 2023 12:00 PM (IST)
रेल हादसा टला! रेड सिग्नल पार कर आगे बढ़ गई बांकुड़ा-रांची ट्रेन, जैसे-तैसे रोका गया; बाल-बाल बचे सैकड़ों यात्री
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। फोटो- जागरण

HighLights

  • गौतम धारा स्टेशन के निकट रेड सिग्नल होने के बावजूद लोको पायलट ने नहीं रोकी ट्रेन
  • लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को हटा दूसरे को दी गई ट्रेन परिचालन की जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड में रांची मंडल अंतर्गत गौतम धारा स्टेशन के निकट एक बड़ा हादसा होने से टल गया। दरअसल, 18085 बांकुड़ा-रांची ट्रेन दिन में 12.25 बजे गौतमधारा स्टेशन पर रेड सिग्नल को पार कर आगे बढ़ गई। उस दौरान ट्रेन में कई यात्री सफर कर रहे थे।

इसके बाद, चालक को वॉकी-टॉकी से सूचना देकर ट्रेन का पीछे किया गया। इस घटना के बाद गौतमधारा स्टेशन पर तत्काल लोको पायलट अश्विनी कुमार और असिस्टेंट लोको पायलट को ड्यूटी से हटा दिया गया।

दूसरे को सौंपी गई ट्रेन की जिम्मेदारी

फिर उनकी जगह पर दूसरे लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को ट्रेन की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद ट्रेन को रांची के लिए रवाना कर दिया गया।

इस मामले में पहले वाले लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट से पूछताछ की गई। इस दौरान उन्होंने बताया है कि उसके द्वारा किसी तरह की गलती नहीं हुई है। सिग्नल पहले ग्रीन था। इसलिए सिग्नल प्वाइंट पर ट्रेन को रोका नहीं गया। बता दें कि इसके पहले भी इस तरह की लापरवाही देखने को मिलती रही है।

अगस्त में टला ट्रेन हादसा

इससे पहले, अगस्त में Humsafar Express दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई थी। यह सियालदह से जम्मूतवी जा रही थी। इस दौरान ट्रेन के एक पहिए में आग गई। इस घटना के बाद धुंए से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। फिर, अंडाल स्टेशन पर इस ट्रेन को रोका गया।

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साढ़े तीन घंटे तक ट्रेन यहां रुकी रही। फिर, उस कोच की दूसरी कोच को लगाया गया। इसके साथ, यात्रियों को भी दूसरे कोच में शिफ्ट कराया गया।

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