Jharkhand Assembly Election: अलग होकर फैसला लेना लालू यादव के लिए होगा घातक, कांग्रेस के हाथ में कमान

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर महागठबंधन के दलों में कवायद तेज हो गई है। साल के अंत में चुनाव होंगे और अभी से रणनीति बनने लगी है। दलों ने सीटों पर दावेदारी भी शुरू कर दी है। वहीं मुख्य रूप से नजर कांग्रेस और राजद पर है। अगर इस बार लालू यादव अलग होकर सीटों पर फैसला करती हैं तो यह राजद के लिए घातक साबित हो सकता है।

By Ashish Jha Edited By: Rajat Mourya Publish:Thu, 20 Jun 2024 10:30 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2024 10:30 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election: अलग होकर फैसला लेना लालू यादव के लिए होगा घातक, कांग्रेस के हाथ में कमान
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद सुप्रीमो लालू यादव। (फाइल फोटो)

HighLights

  • हाल के चुनावों में राजद को पूर्व में आवंटित विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन का आकलन करेगी कांग्रेस
  • आवंटित सीटों के अलावा भी कई उम्मीदवारों को टिकट दे देता है राजद, होता रहा है दोस्ताना संघर्ष
  • लोकसभा चुनाव में राजद के हिस्से की सीटों पर गठबंधन नेताओं को मिले वोट पर बहुत कुछ होगा निर्भर

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीति दलों के बीच कवायद शुरू हो गई है। अभी से ही पार्टियां रणनीति बनाने में जुट गई हैं और यह तय किया जा रहा है कि राजद को कौन-कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद को सात सीटें आवंटित की गई थीं।

उन सीटों पर अभी हुए लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के उम्मीदवार पिछड़ गए। मंत्री सत्यानंद भोक्ता के इलाके में भी महागठबंधन के उम्मीदवार को पीछे ही रहना पड़ा। यही हाल कोडरमा, गोड्डा, देवघर जैसे विधानसभा क्षेत्रों में रहा, जहां राजद अपना मजबूत जनाधार होने का दावा करता है।

कांग्रेस के हाथों में कमान

इन सात सीटों के अलावा दूसरी सीटों पर राजद की ओर से दावेदारी का आधार भी इन्हीं सीटों पर उनका प्रदर्शन रहेगा। राज्य में कांग्रेस और झामुमो गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों को कांग्रेस कोटे की सीटों से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता है। कांग्रेस ही इन दलों की पैरोकारी करती है और इस आधार पर अपने हिस्से की सीटें देती हैं।

कांग्रेस में अभी से खटपट शुरू!

इसी क्रम में विधानसभा चुनाव में राजद को सात सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था। यही आधार है कि कांग्रेस में अभी से खटपट शुरू हो गई है। राजद के हिस्से की सीटों पर पार्टी के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। झामुमो भी इस लड़ाई में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाना चाहता है।

पिछले चुनाव में मांडू और पोड़ैयाहाट से झामुमो ने अपना उम्मीदवार उतारा था, लेकिन इस चुनाव में दोनों जगहों से विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इन सीटों पर कांग्रेस का दावा बन रहा है।

हाल में ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दावा किया था कि कांग्रेस अब 31 की बजाय 33 सीटों पर दावेदारी करेगी। ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीटों से उम्मीदवार उतारे थे।

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